विज्ञानियों ने चेताया है -जंक फ़ूड की खुराख -एडिक्टिव डाइट बन सकती है .नारकोटिक ड्रग हेरोइन (मार्फीन से तैयार एक सफ़ेद पाउडर जो नशीला और लती -कारक होता है )की तरह .जो लोग नियमित बर्जर्स और चोकलेट केक्स भकोस्तें हैं (बीजं ईटर्स )उनके लिए यही आनंदानुभूति का सबब बन जाता है .हाई में आ जातें है ये लोग ।
शोध छात्रों ने पता लगाया है जो लोग रोजाना दोनाट्स ,बर्जर्स ,चोकलेट केक्स आदि भकोस्तें हैं (बेहिसाब खातें हैं ,दबा के खातें हैं )वे नशीले पदार्थों के सेवन की तरह इनके आदि हो जातें हैं .ठीक नारकोटिक ड्रग्स की तरह ही कबाड़ -इया (तुरता कथित रेडी तू सर्व फ़ूड )भोजन की लत पड़ जाती है .(वैसे तो इसे भोजन कहना भोजन का ही अपमान है यह तो तमाम तरह का बासा खाना बेहद की चिकनाई सना होता है )।
गुयस हॉस्पिटल लन्दन के न्यूरो -बाय्लोजिस्त पाल कन्नी ने यह निष्कर्ष चूहों पर संपन्न एक अध्धय्यन से निकाले हैं .कन्नी कहतें हैं चिकनाई सने (हाई फेट )बेहद मीठे (हाई -सूगर फूड्स )को खातें समय आप नियंत्रण खो बैठतें हैं ,बेहिसाब खाते ही चले जातें हैं ।
यहीं से इन पदार्थों की लत पड़ जाती है .दिमाग इस चिकनाई -सुगर बहुल खाने के प्रति वैसी ही प्रतिकिर्या करने लगता है जैसी की वह नारकोटिक ड्रग्स के प्रति करता है ।
इसका मतलब यह हुआ -मोटापे (ओबेसिटी )और ड्रग एडिक्शन का एक सांझा (कामन )न्यूरो -बायालोजिकल (स्नायुविक जैविक )आधार है ,कामन न्युरोबायोलोजिकल फाउन्देशन है ।
पाल जॉन्सन कन्नी के साथी भी ऐसा ही मानतें हैं ।
अपने अध्धययन में शोध छात्रों की इस टीम ने कन्नी की अगुवाई में चूहों को तीन वर्गों में रखा .पहेल को आमसेहत कारी खुराख यानी नार्मलहेल्दी फ़ूड (फीड )दी गई ,दूसरे वर्ग को सीमित मात्रा में जंक फ़ूड तथा तीसरे को बेहिसाब जंक फ़ूड दिया गया जिसमे शामिल थे -चीज़ -केक्स फेटी मीत प्रोडक्ट्स (चर्बी युक्त गोस्त ),चीप स्पोंज केक्स तथा चोकलेट स्नेक्स ।
पहेल दो समूहों पर कोई विपरीत प्रभाव देखने को नहीं मिले लेकिन तीसरे वर्ग के मूषक जल्दी ही ओबेसिटी की गिरिफ्त में आ गए मोटे हो गए बेहिसाब .देखते ही देखते ये बींजिंग करने लगे बेहिसाब जंक फ़ूड खानेउडाने लगे ।
अब बारी बारी से इनके दिमाग को इलेक्त्रोनी तरीके से उद्दीप्त (स्तिम्युलेट )किया गया ताकि इन्हें सुखाभास हो सके ।
उतनी ही सुखा नुभूति पैदा करने के लिए तीसरे वर्ग के मूषकों को अधिकाधिक इलेक्त्रोनिकाली स्तिम्युलेट करना पड़ा ।
बात साफ़ है -स्वास्थ्य -वर्धक भोजन से अलग उन्हें जंक फ़ूड (कबादिया भोजन ,तुरंता भोजन की लत पड़ चुकी थी )।
सन्दर्भ सामिग्री :-जंक फ़ूड कैन हूक बिन्जर्स लैक हेरोइन (टाईम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर २९ ,२००९ ,पृष्ठ १९ ।)
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009
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