एक ऑस्ट्रेलियाई शोध के अनुसार जो अभी हाल ही में प्रकाशित हुई है -फाइबर से युक्त खुराख कमोबेश -एस्मा (यानी दमा )मधुमेह (यानी डायबिटीज़ )और जोडों के दर्द यानी आरथ्रैतिस से बचाव में कारगर रह सकती है ।
तब क्या यह कहा समझा जाए -
"एन ऐपल ऐ दे में कीप दी डॉक्टर अवे ,
फाइबर कीप्स एस्मा ,डायबिटीज़ अत बे ।"----
जो हो गर्वंन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ,सिडनी के विज्ञानियों के अनुसार खाद्य रेशे हमारे रोग से लड़ने जूझने वाले कुदरती प्रतिरक्षा तंत्र के हाथ मजबूत कर उसे रोगों से जूझने का माद्दा प्रदान करतें हैं ।
उन्हीं के शब्दों में -"फाइबर नाट ओनली हेल्प्स कीप पीपुल रेग्युलर ,ईट बूस्ट्स दी इम्यून सिस्टम तू बेत्टर काम्बेट दीसीजिज़ "
फाइबर बहुलखाद्य ड्राई फ्रूट्स (जैसे पिस्ता ,बादाम ,अखरोट ,किसमिस ,तिल्गोज़ा आदि ),फलियाँ (बीन्स )मोटे अनाज से तैयार ब्रेकफास्ट सीरिअल ,इसबगोल आदि ,फल ,दांतों में फंसने वाली हरी सब्जी आदि जब हमारी गत (आंत ,अन्तडी )तक पहुंचतें हैं ,जीवाणु यहाँ इन को शोर्ट चेन फेटी एसिड्स नामक योगिकों में तब्दील कर देते हैं ।
दीज़ एसिड्स आर नॉन तू एलीवियेत सम इन्फ्लेमेत्री दीसीज़ इन दी बोवेल ।
संक्रमण और शौज़ (सौजिश ,इन्फ्लेमेशन )पैदा करने वाले रोगों की उग्रता को कम कर देतें हैं यह तमाम यौगिक ।
(दमा में साँस नाली की सिकुडन और जोडों के दर्द में जोडों की सूजन ही तो तंग करती है ।).जहाँ तक मधुमेह का सवाल है -ईट इस एन ऑटो इम्यून दीसीज़ -व्हिच अफेक्ट्स दी एन्डोक्राइन सिस्टम ,ऐ क्रोनिक दिसोरदार ऑफ़ कार्बोहैद्रेट मेटाबोलिज्म ,मार्क्ड बाई हाई -पर -ग्ल्य्समिया एंड ग्ल्य्कोसुरिया एंड रिज़ल्टिंग फ्रॉम इनेदिक्युएत प्रोडक्शनआर यूज़ .ऑफ़ इंसुलिन ॥
सन्दर्भ सामिग्री :-फाइबर कीप्स एस्मा ,डायबिटीज़ ईट बे :(टाईम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ३० ,२००९ ,पृष्ठ २१ )।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).
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