हामारी कोशिकाएं कोशिका विभाजन के ज़रिये अपना कुनबा बढातींहैं लेकिन विभाजन की एक उपरी सीमा के बाद कोशिकाएं मर जातीं हैं .लेकिन केंसर ग्रस्त होने पर कोशिकाएं मरना भूलकर अपना कुनबा बढातीं चली जातीं हैं -नतीजा होता है -कैंसर गाँठ (ट्यूमर ,अर्बुद या फ़िर गाँठ वाला फोडा )।
लेकिन सेल डिविज़न के दरमियान एक घटना और घटती चली जाती है ,गुणसूत्र वैसे ही छीजते चले जातें हैं ,जैसे पुराने घिसे कपड़े के तार ,डोरे ।
लेकिन क्या गुणसूत्रों का छीजना कोशिका विभाजन के दौरान किसी विध रोका भी जा सकता है ।
अब पता लगाया गया है -गुणसूत्रों के सिरे वैसे ही एक केप से ढके रहतें हैं ,जैसे जूतों के फीते के सिरे ,केप उतर जाने पर फीता छीजने लगता है ,तार (धागे ,स्ट्रिंग्स )अलग होने लगतें हैं ।
दरअसल यह केप्स तेलोमरेज़ एंजाइम से बनीं होती हैं ,गुणसूत्रों के सिरे कहलातें हैं -तेलोमिअर्स ।
वयस्क कोशिकाएं विभाजन का हिसाब किताब रखती चलतीं हैं और विभाजन की एक हद के बाद मर जातीं हैं ।
लेकिन एंजाइम तेलोमरेज़ का ज़रूरत से ज्यादा बन -ना विभाजन की प्रक्रिया को अनंत काल तक चलने देता है -नतीजा होता है -कैंसर कारी गाँठ (ट्यूमर )।
कोशिका मरना तो भूल जाती है ,लेकिन अमरत्व रास नहीं आता ।
तब क्या कोई ऐसी दवा या कीमियागिरी (जेनेटिक इनजीनिअरींग ),जीन थिरेपी है जो तेलोमरेज़ किण्वक के उत्पादन को बाधित कर सके ,इसका विनियमन कर सके ।
इस वर्ष का चिकित्सा विज्ञान को दिया गया नोबेल पुरूस्कार ऐसी ही उम्मीद बंधाता है .इसे सही मायने में चिकित्सा जगत का होली ग्रेल कहा जा सकता है -लगता है यह सिद्दत से की गई तलाश अब पूरा हुआ चाहती है ।
कैंसर युक्त कोशिकाओं में तेलोमरेज़ को लक्षित कर इधर कई दवा कम्पनी इस दिशा में प्रयास रत हैं ,असली समस्या स्वस्थ कोशिकाओं को बचाए रखने की है .कैंसर युक्त कोशिकाओं को टार्गेट करने के साथ साथ सेहतमंद कोशिकाओंको दवा के असर से बचाने का मतलब है -बींधना मछली की आँख को है ।
मैस (चुहिया ) पर संपन्न आज़माइश इस दिशा में उम्मीद बंधातीं हैं .आरंभिक सफलताएं उत्साह वर्धक हैं ।
नेनो मेग्नेट्स भी (नेनोतेक्नालाजी की मदद से )ट्यूमर कोशिकाओं में भेज कर शरीर के तापमान से बस ५ -६ सेल्सिअस तक ऊपर गरमा कर (एक अति परिष्कृत मेग्नेटिक आल्तार्नेतिंग करेंट हाई -पर -थर्मिया मशीन द्वारा )कैंसर युक्त कोशिकाओं को चुन चुन कर मारने के उपाय तलाशे जा रहें हैं .यह नेनो मेग्नेट्स लोहे के आक्साइड हैं .
बुधवार, 7 अक्तूबर 2009
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