विश्व -स्वाश्थ्य संगठन द्वारा प्रस्तुत नवीनतर आंकडों के अनुसार पाँच साल से ऊपर आयु वर्ग के ११ लाख नौनिहाल अफ्रिका और एशिया में हर साल डायरिया का ग्रास बन रहें हैं .यह आंकडा २००२ में शुरू किए गए अध्धययन में प्रस्तुत ३००,००० मौतों से कहीं ज्यादा है ।
यह ६ साला अध्धय्यन २०१२ तक जारी रहेगा .ताजा अध्धय्यन फ़ूड बोर्न दीसीज़ के हर पहलु को विस्तार से खंगालता है .यह कितना दुर्भाग्य पूर्ण हैं ,चाँद पर एक तन मिटटी में एक लीटर पानी होने की तस्दीक़ करने वाला भारत आजादी के ६२ साल बाद भी अपने नौनिहालों को साफ़ पानी मुहैया नहीं करवा पा रहा है .साफ़ खान पानी से जुड़ी है -अतिसार (डायरिया ,पेचिस )की नवज ।
सन्दर्भ सामिग्री :-"डायरिया किल्स ३ टाइम्स मोर पीपुल देन थोट (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ,३१ ,२००९ ,पृष्ठ २१ ।)
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
शनिवार, 31 अक्तूबर 2009
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