डबल इनकम नो किड्स (यानी दी आई एन के -डिंकके बाद अब सिंगिल मदर -हुड का विचार जोड़ पकड़ने लगा है -कारण है -कैरियर कान्शाश नेस और मनपसंद साथी का ना मिल पाना .और इस विचार को परवान चढाया है -वित्रिफिकेशन ने (इस आलेख से पूर्व के दो आलेख में वित्रिफिकेशन को समझाया गया है जिसके तहत फिमेल एग (ऊसाईट या ओवम )को अतिप्रशीतित कर सुरक्षित रख लिया जाता है -आइन्दा स्तेमाल के लियें ।
भारत में गत डेढ़ दो सालों से फर्टिलिटी की माहिर डॉक्टर नंदिता पाल -स्हेत्कार (लीलावती और फोर्टिस ला फेमिन अस्पताल ,नै दिल्ली )के पास अब तक तीन महिलायें अपने उसा -इट्स फ्रीज़ करके रखवा चुकी हैं -इसी उम्मीद में "कभी ना कभी कहीं ना कहीं कोई ना कोई तो आयेगा ,अपना मुझे बनाएगा ,दिल में मुझे बिठाएगा "वगरना सिंगिल मदर -हुड तो है ही भविष्य के गर्भ में ।
"क्रयोज़ "देश का पहला अन्तर -राष्ट्रीय स्पर्म बेंक अभी तक स्पर्मेताज़ोआन (शुक्राणु )प्रशीतित करके रखता रहा है ,अब इस पर भारतीय चिकित्सा परिषद् का दवाब उसा -इट्स prasheetit karke rakhne ke liyen ban rahaa hai ,is aashay kaa ek bil bhi :assisted reproductive technology ke viniyaman ke liye aa saktaa hai .
Those females who undergo chemothreapy and radiothreapy treatment
for the क्युओर आफ कैंसर आफ दा ब्रेस्ट एंड और सर्विक्स रिद्युसिस दे आर चांस आफ फर्टिलिटी ।
वित्रिफिकेशन टेक्नीक ऐसी ही महिलाओं को उम्मीद से लबालब भर्ती है -जो स्तन कैंसर के इलाज़ के बतौर किमोत्थियेरिपी और विकिरण चिकित्सा (रेडियो थिरेपी )करा चुकी हैं और जिनके गर्भ धारण की संभावना उक्त चिकित्सा के पार्श्व प्रभावों की वजह से कमोबेश छीज चुकी है या कमतर हो चुकी है ।
अभी तक ऐसी महिलाओं को अंडाशय ही निकलवाकर एक पेचीला प्रक्रिया के तहत रखवाना पड़ता था जिसमे सर्वाइकल कार्टेक्स को ही टुकडा टुकडा कर प्रशीतित करके रखवाना पड़ता है .इस प्रक्रिया में अन्द्वाहिनी नालियां (फोलीकल्स )इसे तहा कर दोबारा तिस्यु कल्चर के सहारे तैयार करवानी पड़तीं हैं ।
वित्रिफिकेशन एक आसान और अपेक्षया कामयाब तरकीब है .
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