म्क्गिल यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर के स्तेल्ला दस्कलोपौलोऊ ने अपने एक अध्धय्यन में जो १८-३० साला युवाओं पर हाल ही में संपन्न किया गया है ,पता लगाया है -एक सिगरेट पीने से भी इन युवाओं की धमनियों (हृद -रक्त वाहिनियों )में २५ फीसद की बेशुमार स्तिफ्फ़ -नेस आ जाती है ,धमिनियों का अस्तर अन्दर से कठोर हो जाता है ।
नतीज़तन रक्त वाहिनियों का रक्त संचार के प्रति प्रति -रोध (रेसिस्टेंस )बढ़ जा ता है ,यानी रक्त प्रवाह निर्बाध नहीं हो पाता है ।
दुर्भाग्य यह भी है -इसी युवा वर्ग (२० -२४ )साला में धूम्रपान धूम्र -पान का चलन कनाडा के दूसरे आयु वर्ग के बरक्स सबसे (वास्तव में लत )ज्यादा है ।
नोट :गरीब दुनिया का हाल इससे भी ज्यादा ख़राब है ,यहाँ धूम्र -पान किशोर अवस्था में (औसतन १४ साल की उम्र में ही )ही किशोरों को अपनी ज़द में ले लेता है ,आदर्श बन तें हैं
रोल मोदिल्स ) ।
स्टेला के मुताबिक नतीजों से पता चलता है -दिन भर में २-४ सिगरेट फूँकने के भी धमनियों पर बेहद ख़राब प्रभाव पडतें हैं .(युवा समझे तब ना ,वह तो अपनी ही झोंक में रहतें हैं ।).
इस तथ्य का खुलासा तब हुआ जब इन्हीं कथित युवाओं से कठोर व्यायाम इतर कसरत आदि करवाए गए ."yahoo ज़वानी मांजा ढीला "यानी शरीर की उम्र से धमनियों की उम्र ज्यादा ।
सन्दर्भ सामिग्री :"वन सिगरेट इज एनफ तू रूं -इन यूओर हेल्थ "(टाईम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर २९ ,२००९ ,पृष्ठ ,१९ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )।
विशेष कथन :-आई एम् एन एक्स स्मोकर हूँ स्मोक्द फॉर १८ ओद्द ईयर्स commencing अत एज २० ईयर्स .निकोटिन स्मोक्द अवे माई गमस .आई हेड तू अन्दर गो ओपन हार्ट सर्जरी विद बीटिंग हार्ट (ओं न पम्प ,नॉन अज सी ऐ बी जी देत इज -कोरोनरी आर्टरी बाई पास ग्रेफ्टिंग )अत दी एज आफ ५९ ईयर्स कोस्तिंग मी रूपीज़ २.२५ लक्स पोस्ट माई रिटायरमेंट अत एज ५८ ईयर्स .इफ आई हेड कन्तिन्युद स्मोकिंग ,आई वुड नाट हेव सर -वैव्द देत लांग .आई ऍम नाओ ६२ प्लस .थेंक्स तू माई मोडिफाइड लाइफ स्टाइल ,नो स्मोकिंग ,लिटिल आर नो फेट्स ,लोटस आफ ग्रीन वेगीज़ ,वाल्किंग ऐ लोट एवरी दे .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें