दुनिया भर में महीने में ४-५ दिन जारी रहने वाला मासिक धर्म (माहवारी ,मेंस -त्र्युएशन ) कुछेक महिलाओं के लिए भारी तकलीफ का सबब बन जाता है -पेनफुल मेंस -त्रुएशन कहा जाता है इसे चिकित्सा शब्दावली में डिस्मेनोरिया .इसका कारण गर्भाशय की दीवार का (युतारस वाल ) सिक्डाव (कोंत्रेक्सन )है .वजह बनता है एक हारमोन वेसोप्रेसिन का ज़रूरत से ज्यादा बनजाना।
अब एक ऐसी दवा का ज़िक्र है ,शुरूआती आज़माइश भी कर ली गईं हैं जो इस हारमोन की मात्रा को सीमित कर गर्भाशय की दीवारों की पेशियों के संकुचन (कोंत्रेक्सन )को थाम सकेगी .दवा के पार्श्व प्रभाव (अवांछित साइड इफेक्ट्स भी ज्यादा नहीं मिलें हैं ।
सेकेंडरी ट्रायल्स १८ -३५ साला महिलाओं पर किए जाने हैं .कोई वजह नहीं दिखलाई देती ,असरकारी रहेंगें ये ट्रायल्स भी ।
यह कहना है -वन्टिया तेरा -प्युतिक्स (साउथ अम्प्तन की एक दवा कम्पनी )के औषध विज्ञानी जिम फिलिप्स का .अलबत्ता दवा को बाज़ार में आने में ४ सालों का वक्त लग सकता है .उन महिलाओं को दवा ६ दिन तक लेनी होगी जो दर्द से बिस्तर पकड लेतीं हैं ,दैनिक कार्य बिल्कुल भी नहीं कर पातीं हैं .
शनिवार, 10 अक्तूबर 2009
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