निकोटिन पेच के बारे में आपने ज़रूर सुना -पढा होगा ,कमसे कम बराक ओबामा साहिब के मामले में ,कैसे आपने इसका स्तेमाल सिगरेट -छुडाई में किया -आजमाया .इंसुलिन पेच भी ख़बरों में रहा है ,जो सूइयों से मुक्ति का ज़रिअबना है ।
और अब मीग्रें -एन से मुक्ति के लिए "स्किन पेच ,मीग्रें -एन पेच की चर्चा है ।
नु -पथे इंक्स दवा कम्पनीने एक ताज़ा अध्धयन में स्किन पेच को खाने की गोलियों से ज्यादा कारगर पाया है .स्पेशल्ति दवा निर्माताओं में शुमार है यह दवा कम्पनी ।
ज़ल्रिक्स नाम है इस फाये का जिसे बेंड-एड की तरह चमड़ी से चस्पां कर दिया जाता है.फलतय दवा -सुमा -ट्रिप -तान चमड़ी के निचे धीरे धीरे रिस कर खून के दौरे में शरीक हो जाती है ।
उन लोगों के लिए यह दवा विशेष तौर पर तैयार की गई है -petch के रूप में जिन्हें मितली (नौजिया ) की शिकायत रहती है -आधा शीशी के इस पूरे सर दर्द में .५५ feesad लोग नौजिया की शिकायत karten हैं .aavaaz और roshniyaan भी इन्हें नहीं suhaati ,अंधेरे band kamre रास aaten हैं .avaanchhit paarshv प्रभाव (दवा के dusprabhav ) भी halke fulke dhikhlaai diyen हैं ,gambhir paarshv prabhav नहीं देखने को मिलें हैं .
बुधवार, 19 अगस्त 2009
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1 टिप्पणी:
Prasannata ka vishay hai.
( Treasurer-S. T. )
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