अभी तक यही समझा जाता था -क्लोरोफ्लोरो कार्बन ही ओजोन कवच की छीज़न की वजह बनते रहें हैं .हेलंस भी कुसूरवार हैं .लेकिन अब एक और मुजरिम -नाइट्रस -ऑक्साइड हाथ आ गया है .,जिसे सामन्य भाषा में लाफिंग गैस भी कह दिया जाता है .बत्लादें ,विज्ञानी ओजोन कवच की लगातार निगहबानी ,मोनिटरिंग करतें हैं .अब पता चला है ,नाइट्रस ऑक्साइड ओजोन कवच के छीजने की वजह २१०० तक बनते रहेंगे ।
दीगर है ,मान्त्रिअल संधि में नाइट्रस ऑक्साइड का ज़िक्र नहीं था .एमिशन रिडक्शन टारगेट्स में भी इसका जिकरा नहीं है .जबकि नेशनल ओशनिक एंड एत्मोस्फिरिक एडमिनिस्ट्रेशन (राष्ट्रीय सागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशाशन )के शोध -विज्ञानी ऐ .रवि -शंकरा के मुताबिक अब क्लोरोफ्लोरो -कार्बंस (सी .ऍफ़ .सीज )का स्थान नाइट्रस ऑक्साइड ले चुका है ।
आप जानते हैं ओजोन कवच का छीजना हमारे जैवमंडल की सेहत के लिए अच्छा नहीं रहा है .अशुभ समझा गया है .
शनिवार, 29 अगस्त 2009
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