बारहा कहा जाता रहा है ,बिनाइन है सु -साध्य है एच १ एन १ इन्फ़्लुएन्ज़ा वायरस ,फ़िर यकायक इतना खतरनाक क्यों हो जाता है ,महत्व पूर्ण अंग ज़वाब दे जातें हैं ,अच्छे खासे स्वस्थ आदमी के और वो चल बस्ता है .आम तौर पर मारक सिद्ध नहीं होता है ,फ्लू वायरस चाहे फ़िर एच १ एन १ ही क्यों न हो ?लेकिन मजबूत रोग -रोधी तंत्र के बावजूद ,कुछ लोग साइटोकाइन स्टोर्म (कुल सौ से भी ज्यादा प्रोटीनों में से एक प्रोटीन जिसे प्रधानतयवाईट ब्लड -सेल्स तैयार करतीं हैं ,यूँ लसिका भी साइटों- कां-इन प्रोटीन बना लेती है ),के हत्थे चढ़ काल का ग्रास बन जातें हैं .यही प्रोटीन tishooz को ,उतकों को नष्ट कर डालती है . किंतु हरेक में ये मारक किर्या संपन्न नहीं होती .क्यों ?अभी अन -अनुमेय ही बना हुआ है .उतकों की नुकसानी की chapet में श्वसनी एन्दोठेलिं -यम् भी आ जाती है .natizatan vishaanuon के sang -sang bektiria भी fefdon परlungs पर halla बोल deten हैं .langs को naakaaraa बना deten हैं .shavsni kshetr(respiretory tract ) ज़वाब देने lagtaa है .खून के दौरे में sharik हो यही sankrman (infection )शरीर के mukhy avyavon yathaa ,gurde (kidnee )livar (yakrit ),hirday आदि को nishaanaa बना लेता है.puraa
शरीर -kiryaatmak तंत्र ज़वाब दे detaa है ,shat daaun हो जाता है ,multiple- organ -failure प्राण pakheru ले udtaa है ।
साइटों -कां -इन स्टोर्म kyaa है ?जब hamaaraa रोग -nirodhi तंत्र ,rogon से mukaablaa करने का kudrati तंत्र रोग -karak (pathogens )jeevaanu ,vishaanu ,पर jivi ,आदि ,itar micro -organism से jhujhtaa है ,
साइटोकाइन रक्त koshikaaon को sakriy कर sankrman kshetr तक pahunchaa detaa है .इसके साथ ही एक evlaansh ,एक बाढ़ si आ jati है -साइटों -कां -इन की .साथ ही बड़ी matraa में फ्री -redikals sraavit hoten हैं (parmaanuon का aisaa samuh jinme binaa जोड़े के (अन -paird elektron hoten हैं ),inflemetri bicholiye हैं ये -मुक्त -moolak (फ्री -redicals ).रोग -रोधी तंत्र के काबू के बाहर हो जाती है ये vikat stithi ,natizaa ghaatak सिद्ध होता है .इसी लिए अब एच १ एन १ sankrman को self limiting kahne samajhne से parhez rakhaa जा रहा है .दो दिन तक lakshano के बने रहने पर (१०० selsias jvar ,भूख का गायब honaa नाक का bahnaa ,कभी किसी मामले में ulti -dast का भी कायम rahnaa )jaanch केन्द्र pahuchne में hichak मत dikhaaiye .svaain फ्लू में तीन दिन के बाद साँस लेने में दिक्कत ,शरीर में दर्द ,gale में दर्द जैसे laksha ugr हो जातें हैं ,bhook lagni band हो जाती है .५ -६ दिन में kidni ,livar langs ,दिल आदि
thik से काम न karpaane की वजह से ज़वाब देने लग sakten हैं ,isiliye वक्त रहते ilaaz zaruri है .१०० fisad thik हो jati है ,एच १ एन १ pendemik (vishv -मारी ).gaflat chhodiye ,saav dhaani bartiye .
मंगलवार, 11 अगस्त 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें