सेक्स आदमी की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है .कौमारिय को बचाए रखना या फ़िर केंचुली की तरह उतार फेकना किशोर-अवस्था का नेजिक मसला है ,हमें इस विषय में कुछ नहीं कहना -करना है .अलबत्ता एक विज्ञान संचारक के बतौर जो जानकारी हमारे पास है ,उसे अपनी युवा भीड़ के साथ सांझा करना ,शेअर करना हमारा सुख -सुकून दोनों है गायना -कोलोजिस्त (प्रसूति एवं स्त्री रोगों के माहिर )का साफ़ -साफ़ कहना है ,जैसे पृथ्वी का हीट-बजट नाजुक है ,४ सेल्सिअस की घट- बढ़ एक छोर पर हिमयुग और दूसरे पर आलमी ताप जन्य दीलुज(जलप्लावन )ले आती है वैसे ही बड़ा ही नाज़ुक है नारी शरीर में हार्मोनो का संतुलन (हार्मोनल बेलेंस )बिना बिचारे स्वेच्छया ओवर दा काउँतार्स एमर्जेसी पिल का गाहे बगाहेइस्तेमाल एक साइकिल के बीच कई -कई बार नारी शरीर को बाँझपन की और भी धकेल सकता है आई पिल से सम्बद्ध सिप्ला फार्मेसी की वेब साईट बारहा पूछे गए इस सवाल का कितनी कारगर और असर कारी रहती है ,एमर्जेसी पिल ,दो टूक ज़वाब देती है ,अगले साईं कल का इंतज़ार कीजिये ,एक हफ्ता ऊपर होने पर ,यूरिन फार प्रेगनेंसी टेस्ट कराइए ,अपनी गायनी विशेश्ज्य से मशविरा कीजिये ,लेकिन १८ -२० साला युवती धैर्य खोकर एक और आई -पिल भकोस लेती है ,इसीलियें हड़बड़ी में ,महावारी (मेंस -त्रूअल साईं -कल )के दौरान अतिरिक्त रक्त स्राव की शिकायत लिए आज युवतियां ,किशोरियां स्त्री रोगों की माहिरों के पास पहुँच रहीं हैं कई तो छमाही में ३-३ आधे -अधूरे अबार्शन आई पिल के सहारे करवा कर रोज़ -बा -रोज़ गैनाकोलोजिस्त ही बदल रहीं हैं ताकि पूरा सच ना बतलाना पड़े पुरूष -प्रधान समाज में विवाह पूर्ण गर्भ धारण करना आज भी बड़ा मसला है ,इसी डर से संचालित हमारी युवतियां कमान अपने हाथ में ले रहीं हैं ,जबकि मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी कानूनन उपलब्ध है ,शादी शुदा या फ़िर लिव इन रिलेशन में भी युवक युवतियां इसका फायदा अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारे के लियें उठा रहें हैं कोई अनहोनी नहीं है ये .खुदमुख्तार बनना खतरनाक हो सकता है ,जीवन भर के लियें जी का जंजाल बन सकता है ,बाँझ पन की और धकेल सकता है मुतियाना (ओबेसिटी )पेडू (लोवर अब्दोमन )में बेहद का दर्द ,मतली आना (नौजिया ),महावारी (मासिक रक्त स्राव ,मेंस -त्रूअल -साइकिल )का अनियमत होकर लडखडा जाना आई -पिल के बिन -बिचारे -मनमाने सेवन की अन्य सौगातें हैं .फैसला आपको ही करना है .इससे तो कंडोम ही भला ,विविध रंगों में उपलब्ध है इस सब के चलते अन्वांतिद -७२ पिल की बिक्री ५० फीसद से ज्यादा बढ़ गई है अप्रेल मॉस की तुलना में जिस पिल ने मेंस -त्रूअल साइकिल का सत्या नाश कर दिया उसी के सहारे ललनाएं मिसिंग पिरिअद को दोबारा चालू करवाने की चाहमें एक और आई -पिल भकोस लेती हैं जबकि ये एक आपात कालीन गोली थी आज ४५ दिनी भ्रूण तक का अबोर्शन युवतियां नेट से सूचना डाउन लोड कर स्वेछया कर -करवा रहीं हैं इसीलियें कहा गया है नीम -हकीमkhatraa -ऐ जान पूरा अबोर्शन भी कहाँ होता है ,एक स्पॉट रह जाता है ,नतीजा बेतहाशा रक्त स्राव ,ब्लीडिंग ,महावारी का बंद हो जाना आदि यदि आप अपने बाय फ्रेंड से सचमुच प्यार करतीं हैं तो पहले अपने से भी प्यार करना तंदरुस्त रहना सीखिए ,एक तंदरुस्ती हज़ार नियामत
मंगलवार, 4 अगस्त 2009
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2 टिप्पणियां:
उपयोगी जानकारी।आभार।
Aapki antim baat se poori trah sahmat.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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