रविवार, 2 अगस्त 2009
काम के बदले अनाज बहिन के बदले बीबी .
बार्टर सिस्टम को नए आयाम दिए हैं हरयाणा ने .सचमुच प्रगति के पथ पर है हरयाणा .नाथू राम का विवाह गीता सेहोना है ,नाथू राम की नाबालिग़ बहिन बदले में आज ही के दिन गीता के मामा से ब्याही जानी है .किस्सा फतेहाबाद जिले के जांडली गाँव का है .शादी गीता की माँ की मर्जी से हो रही है ताकि गीता का मामा भी ब्याहा जाए ,अलबत्ता गीता के समझदार पिता की रजा - मंदी नहीं है ,इस शादी को .एन मौके पर वह उपायुक्त महोदय के समक्ष हाज़िर होकर शादी रुकवा देतेंहैं .शादी को बचाने के लिए गीता की चचेरी बहिन को मनाया जाता है ,लेकिन वह भी नाबालिग़ ठहरती है ,गीता के बड़े कुनबे से तुरत फुरत ले देकर एक २० वर्षीय लड़की हाथ लग जाती है ,उसी से नाथू राम को ब्याह दिया जाता है .काम के बदले अनाज की तरह हरयाणा में बहिन -भांजियों के बदले बहु -बेगम की खरीदारी हो रही है .हेना हरयाणा प्रगति के पथ पर .खाप पंचायतें दूसरी और सगोत्री विवाह करने वाले युवा जोडों को ठिकाने लगा रहीं हैं .सिरसा जिले के गाँव केहार्वाला का किस्सा भी जुदा नहीं हैं ,अलबत्ता भावी दुल्हनें और भी कमसिन और नादाँ हैं १२ -१४ बरस की ही हैं .लड़के की चाह में लड़की की कब्र माँ की कोख को ही बना दिया जाता है ,इसी के चलतेयहाँ आज ०-६ साला आयु वर्ग में १००० लड़कों के पीछे मात्र ८२२ लडकियां हैं ,जबकि अपेक्षतया शिक्षित वर्ग में लडकियां घटकर कर ६१८ रह गयीं हैं १००० लड़कों के बरक्स .मलेरना और दुलेपुरगाँव में जन्मना ३७० -४०० लडकियां ही हैं प्रति १००० मेल चाइल्ड के पीछे ।राखी सावंत का बहुचर्चित स्वयाम्बर भविष्य का कम्पास है .सामाजिक मार्ग दर्शक वस्तु विनिमय के तहत बहुरिया लाने के लियें नाबालिग़ कन्याओं को दाव पर लगाया जा रहा है .कमतर जोत वाले किसानों में ये प्रथा जोर पकड़ रही है .बड़ी जोत वाले किसान बेटे के लिए पुत्र वधु जुटाने में समर्थ हैं ,इनकी पहुँच मध्य प्रदेश ,आसाम और उडीसा तक है .गरीब की बालिग़ नाबालिग़ लड़की हिदुस्तान में उपलब्ध है हरयाणा केखाते पीते किसान को ।छोटा जोतदार घर द्वारे जा रहा है बहु के बदले अपने खानदान की वयस्क -अवयस्क लडकियां विनिमय करने .इस राज्य में ये बीमारी वैसे ही व्याप्त है ,जैसे अमरीका में एच १एन १ ऐ इन्फ्लुएंजा .यहाँ १४ लाख बेघर बसेरा और बहुरिया साथ -साथ तलाश रहें हैं .यही है मेरा हरयाणा जित दूध -दही का खाना .
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