गुरुवार, 13 अगस्त 2009

स्वां -इन फ्लू के ख़िलाफ़ नया मोर्चा .

तू डाल -डाल मैं पांत -पांत वाली कहावत चरितार्थ हो रही है एच १ एन १ वाय -रस -इन्फ़्लुएन्ज़ा के ख़िलाफ़ .गत दो दिनों में रोग का व्यापक फैलाव देखते हुए ख़तरा यह है ,ये रोग कहीं व्यक्ति समूहों (क्लस्टर ,कोम्मुनिटी -इज )में प्रसार ना पा जाए .अब महाराष्ट्र सरकार और कई अन्य राज्यों ने फैसला किया है ,जिसकिसी शक्श -समूह में लक्षणों से रोग होने की गुंजाइश दिखती हों ,उसे जांच से पहले ही २ दिन की दवा चार गोली सुबह -शाम के हिसाब से थमा दी जाए ,जांच का नतीजा जो भी आए (पाजिटिव या फ़िर निगेटिव )पाँच दिन १० गोली दवा के रूप में तेमिफ्लू की ज़रूर खाली जाएँ .ताकि आइन्दा रोग का सर्दियों में दूसरा पीक आने पर रोग की ड्रग -रेजिस्तेंत स्ट्रेन से रु- ब-रु न होना पड़े .यह बेहद ज़रूरी है ,क्योंकि हमारे पास तेमिफ्लू की फस्ट -लाइन ट्रीटमेंट के बतौर सिर्फ़ और सिर्फ़ दवा तेमिफ्लू ही है .सेकिंड लाइन ट्रीटमेंट के बतौर दवा -रोधी फ्लू का मुकाबला करने के लिए फिलवक्त इंतजामात दूर -दूर तक नहीं है .ये ठीक वैसे ही है जैसा हमारे यहाँ तपेदिक के मामले में दिखलाई दिया है -लोग दवा पूरी नहीं खाते ,नियम -निष्ठ हो दवा का पूरा कोर्स (६-९माह ) नहींकरते ,नतीजा होता है -दवा -रोधी तपेदिक ,जिसका इलाज़ एक तरफ़ बहुत महंगा है दूसरी तरफ़ कोर्स भी लंबा खिचता है ,४-५वी पीढी के एंटी -बायोटिक दवा के अन्य पार्श्व (दुष्प्रभाव )कई मर्तबा बर्दाश्त के बाहर होतें है ,ऊपर से एच -आई .-वी .-एड्स -तपेदिक दुरभि -संधि .रोग प्रति-रोधी तंत्र का ओजोन कवच सा छीजना .फैसला आप पर है ,आप अपने को ,अपने से सम्बद्ध अन्यों को कितना प्यार करतें हैं -यदि सच -मुच इत्ता सारा प्यार करतें है -तो एंटी- फ्लू दवा के नक्कालों से भी बचिए ,किसी चिकित्सा दलाल ,केमिस्ट के कहने से फेक और चोरी छिपे देश में आ रहीं एंटी -फ्लू दवा अपने आप ना लें ,बेअसर ही नहीं ,जान लेवा भी हो सकतीं हैं -नकली फ्लू -रोधी दवाएं .

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