What is a Cyclone?
पवन पुत्र चक्रवात विशाल वायु राशि के नर्तन शील (घूर्णन शील ,spining)बवंडर हैं .ये चक्रण करती हवाएं एक न्यूनतर दाब वाले केन्द्रीय क्षेत्र में बनतीं
हैं .उत्तरी गोलार्द्ध (अर्द्ध गोल उत्तरी )में इन्हें हरिकेन (हूरिकैन ) या फिर टाइफून कहा जाता है .प्रचंड तूफ़ान के ही यह स्थानीय नाम हैं .
हवाओं का नर्तन इनमें घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा (एंटीक्लोकवाइज़ )में एक वृत्त बनाए रहता है .
दक्षिणी अर्द्ध गोल में इन्हें चक्रवात या साइक्लोन कहा जाता है .इनमें हवाओं का घूमना घडी की सुइयों की दिशा में वृत्त में रहता है (क्लोकवाइज़ ).
Cyclone is a large scale storm with winds that rotate anticlockwise in the northern hemisphere and clockwise in the southern hemisphere about and towards a low pressure centre .
हरिकेन (Hurricane ): बहुत तेज़ हवाओं वाले उग्र आंधी तूफ़ान जो मूसलाधार (भारी वर्षा )वर्षा साथ लिए आते हैं हरिकेन कहलाते हैं .इन आंधी तूफानों में पवनों का वेग 119 किलोमीटर /74 मील प्रति घंटा और बोफाट पैमाने पर ये पवने "force 12" या उससे भी ज्यादा पैदा करती हैं . बोफट स्केल (Beaufort scale): वायु की गति नापने का पैमाना है यह .इस पैमाने पर 'force zero' शांत वातावरण और 'force 12 ' तूफ़ान दर्शाते हैं .
जब अपेक्षाकृत गर्म वायु राशि समुद्र की सतह से उठकर संघनित होती है कंडेंस (वाष्प से जलद /जलधि /वारद /बादल में अंतरण )होकर बादल में तब्दील
होती है तब जल वाष्प में निहित छिपी हुई ऊष्मा (गुप्त ऊष्मा )मुक्त हो जाती है .बहुत अधिक होती है यह तापीय ऊर्जा(ऊष्मा की मात्रा ,quantity of
heat ) जो नमी के साथ मिलके गर्जन
मेघ बनाने में देर नहीं लगाती है .समुन्दर की सतह से वाष्पीकरण चौबीस घंटा होता रहता है जो अणु सतह को छोड़ के जाते हैं ऊर्जा लेके उड़ते हैं . बस
एक आधार भूमि तैयार हो जाती है चक्रवात की .इसी से आगे चक्रवात बनते हैं .अंध महासागर के ऊपर पैदा होने
वाले हरिकेन के लिए उत्प्रेरण (ट्रिगर )का काम एक पुरबिया तरंग करती है ,ईस्टरली वेव करती है .यह एक निम्न दाब का समूह होता(low pressure
band ) है जो पश्चिम दिशा में आगे बढ़ता है .इसकी शुरुआत एक अफ़्रीकी झंझा के बतौर होने की संभावना मानी जाती है .गरज तूफ़ान /तड़ित झंझा
तथा प्रचंड वायु वेग मिलके और भी प्रचंड गर्जन तूफ़ान की सृष्टि करते हैं .यह एक प्रकार की सीडलिंग ही कही जायेगी उष्ण कटी बंधी आंधी तूफानों के
लिए
धुर पूरब में टाईफून तथा हिंदमहासागर में चक्रवात भूमध्य रेखीय घाटी में इसी गरज तूफ़ान से पैदा होते हैं .
When warm air rises from the seas and condenses into clouds, massive amounts of heat are released. The result of this mixture of heat and moisture is often a collection of thunderstorms, from which a tropical storm can develop.
The trigger for most Atlantic hurricanes is an easterly wave, a band of low pressure moving westwards, which may have begun as an African thunderstorm. Vigorous thunderstorms and high winds combine to create a cluster of thunderstorms which can become the seedling for a tropical storm.
Typhoons in the Far East and Cyclones in the Indian Ocean often develop from a thunderstorm in the equatorial trough. During the hurricane season, the Coriolis effect of the Earth's rotation starts the winds in the thunderstorm spinning in a circular motion.
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CYCLONES
Cyclonic-force winds may be encountered all over the
globe, but it is only above the warm seas of the tropics that
a ripple of instability in the air can become a genuine
cyclone, the deepest of all low-pressure weather systems.
globe, but it is only above the warm seas of the tropics that
a ripple of instability in the air can become a genuine
cyclone, the deepest of all low-pressure weather systems.
कैसे पैदा होते हैं चक्रवात ?
भूमध्य रेखा के नजदीकी अपेक्षाकृत गुनगुने समुन्दर (26 सेल्सियस या अधिक ) चक्रवातों के
उद्गम स्थल समझे जाते हैं .इन समुन्दरों के ऊपर की हवा
सूर्य से ऊष्मा ले गर्म होते हुए तेज़ी से ऊपर उठती है (ऊर्ध्व गति करती है ).अपने पीछे यह एक
कम दवाब का क्षेत्र (लो प्रेशर रीजन )छोड़ जाती है .ऊपर
उठने के क्रम में यह वायु से नमी लेती चलती है .हवा में तैरते धूल कणों पे जमते जमते
,संघनित होने के क्रम में गर्जन मेघ (Thunder clouds)बन
जाते
हैं .
जब यह गर्जन तर्जन मेघ अपना वजन नहीं संभाल पाता मुक्त रूप से गिरने लगता है
(भारतीय नेताओं के चरित्र सा )यही गिरता हुआ बादल बरसात
(नेताओं के सन्दर्भ में भ्रष्टाचार )कहलाता है.
चक्रवात बनने की कहानी की और लौटें :
गर्जन मेघ बन जाते हैं से आगे चलिए -
कम दवाब का जो क्षेत्र बनता है जो एक शून्य उपजता है ,खालीपन पैदा होता है हवा के ऊपर उठ
जाने से उसे भरने उसकी आपूर्ति के लिए ठंडी वायु राशि
तेजीसे दौड़ी आना चाहती तो है लेकिन पृथ्वी का नर्तन ,धुरी पर लट्टू की मानिंद घूमना हवा को
पहले अपने ही अन्दर की ओर मोड़ देता है और फिर
हवा तेजी से खुद
नर्तन ,आघूरण (
घूर्णन )करती ऊपर की ओर दौड़ती है वेगवान होकर .एक और घटना घटती है वायु की विशाल
राशि घूर्णन (नर्तन करती बेले डांसर सी )एक बड़ा घेरा
बनाने लगती है जिसकी परिधि का विस्तार 2000 किलोमीटर या और भी ज्यादा हो सकता है .
प्रति घंटा होती है .हालाकि ध्रुवों पर यह नर्तन शून्य रहता है तकरीबन . पृथ्वी अपनी जगह खड़ी
रहती तब और बात होती .
गौर कीजिए इस गोल गोल घूमते बवंडर का केंद्र शांत होता है ,अजी साहब यहाँ कोई बादल
फादल भी नहीं होता .इसे ही चक्रवात की आँख ,
आई ऑफ़ दी स्टॉर्म कहा जाता है यहाँ कोई बादल ही नहीं तो बिन बादल बरसात कैसी .ज़ाहिर है
इस हिस्से में कोई बरसात नहीं गिरती है .हवाएं भी शांत
होती हैं कोई आंधी तूफ़ान का भय भी पैदा नहीं करतीं हैं .
पैदा होते ही यह चक्रवात अपने इस उद्गम स्थल से निकल भाग खड़ा होता है .नम और
अपेक्षाकृत गुनगुनी वायु -राशि इसे बनाए रखती है .
उत्तुंग गर्जन मेघों से अधिकतम बरसात गिरती है .यहाँ हवाएं भी अधिकतम आवेग लिए होतीं
हैं वेगवान झंझा होती है यह .
चक्रवात की आंख के गिर्द एक 20-30 किलोमीटर की गर्जन मेघ दीवार ही खड़ी हो जाती है और
इस
."चक्रवाती
आँख "के गिर्द मदमाती हवाओं का वेग 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकता है .
क्या आप सोच सकतें हैं एक पूर्ण यौवन को प्राप्त चक्रवात एक सेकिंड में बीस लाख टन वायु
राशि उलीचने लगता है .
ऐसे घटाटोप में एक दिन में इतनी बरसात गिर जाती है जितनी लन्दन जैसे एक महानगर पर
एक बरस में गिरती है .
Satellite view over a hurricane, with the eye at the center
उष्ण कटिबंधी क्षेत्र इनके उद्गम स्थल हैं ,मसलन ऑस्ट्रेलिया का उत्तरी भाग ,दक्षिण पूर्व एशिया और अन्यान्य प्रशांतीय उपद्वीप (Pacific Islands).
बेशक कई मर्तबा ये समशीतोष्ण क्षेत्रों जहां मौसम न बहुत गरम न बहुत ठंडा रहता है ,का रुख कर लेते हैं .यहाँ यह दक्षिण के आबादी बहुल क्षेत्रों के लिए
खतरा पैदा कर देते हैं .उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में हर बरस ग्रीष्म के आद्र मौसम में चार से पांच चक्रवात आतें हैं .
गनीमत यही है चक्रवात बनने के लिए समुन्दर की सतह के जल का तापमान कमसे कम 26 सेल्सियस होना लाज़मी माना गया है .वरना कहर पे कहर
बरपा होता रहे .
Cyclone Danger
न जाने किस तरह तो रात भर ,छप्पड़ बनाते हैं ,
सवेरे ही सवेरे आंधियां ,फिर लौट आतीं हैं .
Cyclones create several dangers for people living around tropical areas. The most destructive force of a cyclone comes from the fierce winds. These winds are strong enough to easily topple fences, sheds, trees, power poles and caravans, while hurling helpless people through the air. Many people are killed when the cyclone's winds cause buildings to collapse and houses to completely blow away.
A cyclone typically churns up the sea, causing giant waves and surges of water known as storm surges. The water of a storm surge rushes inland with deadly power, flooding low-lying coastal areas. The rains from cyclones are also heavy enough to cause serious flooding, especially along river areas.
Storm surge damage
Long after a cyclone has passed, road and rail transport can still be blocked by floodwaters. Safe lighting of homes and proper refrigeration of food may be impossible because of failing power supplies. Water often becomes contaminated from dead animals or rotting food, and people are threatened with diseases like gastroenteritis.
Major Cyclones, Hurricanes and Typhoons
Year | Area of Cyclone | Death toll (est.) | |
1900
|
Galveston, Texas, USA
|
10 000 - 12 000
| |
1906
|
Society and Cook Islands
|
10 000
| |
1963
|
Bangladesh
|
15 000
| |
1964 (May)
|
Bangladesh
|
35 000
| |
1965 (Jun)
|
Bangladesh
|
15 000
| |
1970
|
Caribbean coast
|
1 000 000
| |
1977
|
Honduras
|
100 000
| |
1985
|
South-eastern India
|
15 000 - 100 000
| |
1991
|
Bangladesh
|
139 000
|
3 टिप्पणियां:
तापमान, वायुदवाब और गतियों का दुर्भाग्यपूर्ण प्रभाव..
well documented and clearly explained infofmation, "Cyclone is a large scale storm with winds that rotate anticlockwise in the northern hemisphere and clockwise in the southern hemisphere about and towards a low pressure centre .
चक्रवात बड़े पैमाने पर आने वाला प्रचंड तूफानों /अंधड़ों का एक ऐसा तंत्र है जिसमें पवने उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त तथा दक्षिणी में दक्षिणावर्त घूर्णन करती हैं .यह घूर्णन (नर्तन ,स्पिन )एक न्यून दाब वाले केंद्र के गिर्द और केन्द्रामुखी होता है .
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