होमवर्क की प्रासंगिकता
एक अभिनव अध्ययन ने न सिर्फ होमवर्क की ज़रूरीयात पे सवाल दागा है
आशंका भी जतलाई है कहीं यह मेधा का अपमान समय की
बर्बादी अपव्यय तो नहीं है ?
Homework not the key to scoring better grades/TIMES
TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,NOVEMBER 30
,2012,P19
एक अभिनव अध्ययन के मुताबिक़ ज्यादा होमवर्क से बच्चों को लादने का मतलब उनके ग्रेड में बेहतरी नहीं है .रिसर्चरों ने यह निष्कर्ष
अपने अध्ययन में तकरीबन दसवीं के 18000 बालकों को
प्राप्त
ग्रेड की कोपी (नकल )एवं अन्य आंकडें देखने के बाद प्रस्तुत किये हैं .जानने की भरसक कोशिश की है क्या घर में किया गया अतिरिक्त
होमवर्क कुछ मायने भी रखता है .पता चला
,ज़रूरी नहीं है यह ,घर में किया गया फ़ालतू श्रम बालकों के ग्रेड में सुधार ही लाये .अलबत्ता मानक टेस्ट स्कोर में उनके प्रदर्शन को थोड़ा
सुधार सकता है .
यह अन्वेषण वर्जिनिया विश्वविद्यालय चार्लोट्स विल (अमरीका )का है जिसके अनुसार अधिक गृह कार्य का भार बच्चों के ग्रेड प्रदर्शन में
सुधार नहीं ला पाता है .
"The more time students spend on homework ,it's not clear that
they are getting better grades or better test
scores ,"co-author of the study Robert Tai ,said .
रिसर्चरों के अनुसार होमवर्क की बाबत चिंता का सबब यह है कि होमवर्क बस दे दिया जाता है इसका मकसद जो कुछ क्लास में पढ़ाया
सिखाया जा रहा है उसे समेकित करना नहीं है .बेशक
अध्ययन यह नहीं
कहता है कि हर दर्जे का होमवर्क नाकारा है ,गणित इसका अपवाद है .
जो नौनिहाल आधा घंटा घर पर गणित का अतिरिक्त अभ्यास करते हैं उनका ग्रेड और टेस्ट मान दोनों ही सुध्ररते हैं .
4 टिप्पणियां:
ye shodh inhe karne vale bad me khud hi badal dete hain koi bhi padhai bekar hai yadi uspar ghar par abhyas n ho.aapki prastuti sarahniy hai.aabhar आत्महत्या -परिजनों की हत्या मीडिया को सुधरना होगा
सच बात है
रोचक विश्लेषण..
सराहनीय रचना सर वाकई सत-प्रतिशत सत्य
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