भली नहीं है पारिवारिक कलह नौनिहालों के लिए
A LONG RUNNING STUDY BY UNIVERSITY OF WISCONSIN -MADISON
SCIENTISTS
HAS FOUND A LINK BETWEEN HIGH LEVELS OF A FAMILY STRESS IN INFANCY
WITH DIFFERENCES IN EVERYDAY BRAIN FUNCTION AND ANXIETY IN TEENAGE
GIRLS.
ज़ाहिर है इस दीर्घावधि अध्ययन के संकेत एक दम से साफ़ हैं रोजमर्रा की हमारी पारिवारिक ज़िन्दगी में
पसरा हुआ तनाव और कलह पल्ल्लावित होती हुई शिशु कन्याओं के दिमाग के प्रकार्य को असरग्रस्त कर
रहा है .किशोरावस्था में पहुँचने पर यही बचपन में देखा भोगा तनाव इन लड़कियों में बे -चैनी (ANXIETY
)की वजह बन रहा है .
THE STUDY HIGHLIGHTS EVIDENCE FOR A DEVELOPMENTAL PATHWAY
THROUGH WHICH EARLY LIFE STRESS MAY DRIVE THESE CHANGES.
शोधार्थियों (रिसर्चरों )को पता चला है ,उन परिवारों में पलने वाले नौनिहाल के दिमाग में जहां माँ हरदम
दवाब ग्रस्त
बनी रहती है ,स्कूल में दाखिल होने की उम्र तक आते आते स्ट्रेस हारमोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा होने की
प्रबल संभावना बनी रहती है .
बात यहीं खत्म नहीं होती हैं ,14 साल बाद इनके दिमाग के उन हिस्सों में जो संवेगों से ताल्लुक रखतें हैं
परस्पर संवाद की भी कमी हो जाती है .
दोनों यानी कोर्टिसोल हारमोन का बढ़ा हुआ स्तर तथा दिमागी हिस्सों में संवाद की कमी मिलकर
किशोरपन में बे -चैनी की उच्चतर
संभावना की प्रागुक्ति करते हैं .
जो 18 साल की उम्र में मुखरित हो जाती है ,हावी जाती है एन्ग्जायती इनके व्यक्तित्व पर .
युवा होते किशोरों में यह समस्या प्रगट नहीं हुई लेकिन युवा होती किशोरियों में खासकर उनमें जिनमें
स्कूल में दाखिले के वक्त कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा हुआ था न्यूरल सर्किट के महत्वपूर्ण पड़ावों ,रास्तों में
कई जगह सम्प्रेषण
का अभाव साफ़ प्रगटित हुआ .
यही अभाव एन्ग्जायती का भविष्य कथन है ,प्रागुक्ति है .
अध्ययन में रिसर्चरों ने कुलमिलाकर 57 प्रतिभागियों के दिमाग का स्कैन उतारा जिनमें 28 युवतियां और
29 नवयुवक थे .
fcMRI was used to map the strength of connections between the amygdala ,an area of the brain
known for its sensitivity to negative emotion and threat ,and the prefrontal cortex ,often associated
with helping to process and regulate negative emotion.
Then the researchers looked back at earlier results and found that girls with weaker connections
had ,as infants ,lived in homes where their mothers had reported higher levels of stress -which
could include symptoms of depression ,parenting frustration ,marital conflict ,financial stress and
feeling overwhelmed in their role as parent .
ज़ाहिर है पारिवारिक कलह में पल्लवित होती शिशु कन्याएं ज्यादा संवेदनशील होती हैं बरक्स लडकों के .
भली नहीं है पारिवारिक कलह नौनिहालों के लिए . कन्याओं के लिए तो और भी बुरी सिद्ध होती है आगे
जाकर उनके जीवन को असरग्रस्त कर सकती है .
6 टिप्पणियां:
bachpan me hi jb baccho ke man me ashanti ki chap pad jati hai to jivn nrk,sundar aur tatkal amal karne vala lekh.
bachpan me hi jb baccho ke man me ashanti ki chap pad jati hai to jivn nrk,sundar aur tatkal amal karne vala lekh.
स्वस्थ और उन्मुक्त लड़कपन
बड़ों को जागरुक बनना होगा -
अपरोक्ष असर पड़ता ही रहता है बाल मस्तिष्क पर आभार भाई जी ।
बहुत अच्छी जानकारी लिए हुए आपका लेख हमेशा की ही तरह लोक हितकारी है.साधुवाद.
मुझे anxiety की समस्या है यह किस प्रकार ठीक हो सकती है?
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