गुरुवार, 29 नवंबर 2012

अर्द्ध -अनिद्रा बोले तो सेमी -सोम्निया (Semi -somnia)बला क्या है ?

Tech overuse tied to 'semi -somnia'

People Now Suffering From 'Fizzy Sleep'As The Brain Is Still Active:Experts

A growing number of people are now suffering from a newly identified sleep disorder called 'semi -somnia' triggered by stress and technology use ,sleep experts say.

Rather than having totally sleepless nights ,sufferers of semi -somnia experience short bouts of sleep disruption -perhaps on particularly busy or stressful days ,experts claim.

An Indian -origin expert has even coined a phrase 'fizzy sleep'to explain sleep difficulties faced by sufferers .


"It's not a scientific term , but clients say that's what their head feels like.They are asleep but it's not restful.It's a jangly .information -filled sleep where the brain is still highly active,"said Dr Nerina Ramlakhan ,a sleep coach at London 's Capio Nightingale hospital ,and author of the book Tired But Wired.

The condition is being called insomnia's irritating little sister ,but despite not sharing the full agonizing symptoms of acute sleeplessness -which has been linked to weakened immune systems ,depression ,high blood pressure and even heart disease-semi-somnia is far from harmless ,the Daily Mail reported.

Victims may wake every night for 30 minutes ,or find it impossible to sleep for an hour because their minds are racing .Experts are of the opinion that semi -somnia started plaguing people now because of excessive use of technology.

"We 've spent years researching this with 30,000,sufferers and technology is probably the main cause ,"said Jean Gomes ,chairman of The Energy Project -a consultancy to help people counteract tiredness issues.

अर्द्ध -अनिद्रा बोले तो सेमी -सोम्निया (Semi -somnia)बला क्या है ?

एक तरफ दवाब से भरा दिन ,दूसरी तरफ प्रोद्योगिकी  के इस्तेमाल


की अति घोड़े बेच के सोने वाली नींद को छीने ले रही है . यह अनिद्रा भले न सही  उत्तेजना भरी बुबुदाहट

भरी नींद है जो बीच बीच में रात्रि  के किसी भी पहर  टूट जाती है .टूटी रहती है कुछ वक्फे तक और ऐसा

रात्रि  में एक बार नहीं कई बार हो सकता है .फिर घंटा घंटा जागो .

माहिर इसे 'फिजी -स्लीप' कह रहें हैं 'सेमी -सोम्निया' कह रहें हैं आधी- अधूरी- नींद ,अर्द्ध-अ - निद्रा कह रहें

हैं

जब

व्यक्ति का शरीर सोया है दिमाग खदबदा रहा है उत्तेजना से ,आभासी जगत नींद में भी पीछे पड़ा  है .  

यकीन मानिए ये मेरे साथ भी होता है मैं टिप्पणियाँ लिख रहा होता हूँ नींद में जब पेशाब का दवाब ,भरा

हुआ मूत्राशय यकायक नींद खोल देता है .

मेरे दोस्त वागीश नींद में संसद में बोल आतें हैं सवाल ज़वाब करके लौट आतें हैं अर्द्ध निद्रा की अवस्था में

.खलल खलल और खलल ,बिना खलल की नींद के दिन लद  गए क्या ?

यह बे -चैनी भरी सूचना से संसिक्त नींद है जहां आकड़ें आपको अभी भी मुंह  चिड़ा  रहें हैं .

भले यह अनिद्रा रोग की तरह तीव्र लक्षण लिए न हो ,जिसका सम्बन्ध कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र से ,अवसाद

 ,और उच्च रक्त चाप से जोड़ा जाता रहा है लेकिन निरापद यह इसकी चिडचिड़ाहट भरी छोटी बहनिया अर्द्ध

-निद्रा या अर्द्ध - अनिद्रा भी नहीं है .

एक मर्तबा 30 मिनिट के लिए नींद खुली भर चाहिए फिर आप घंटा न सो पायेंगे .मन के घोड़े रफ्तार पकड़

दौड़ेंगे आप बे -चैनी से दोबारा सोने का इंतज़ार करेंगे .हर रात ऐसा ही होगा गालिबन .

माहिरों के अनुसार यह अतिरिक्त प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल का ही सबब है .

पांच सालों की रिसर्च को ऐसे 30 ,000 नींद के मारे हाथ आ चुकें हैं जो न सो पा रहें हैं न ही जाग रहे हैं

'Fizzy sleep 'में हैं .

6 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

अच्छी जानकारी |
बधाई भाई जी ||
बढ़िया प्रस्तुति ||

रविकर ने कहा…

डायन यह प्रौद्यिगिकी, बेवफा हुश्न की देन ।

उल्लू जागे रातभर, गोली खाय कुनैन ।

गोली खाय कुनैन, अर्धनिद्रा बेचैनी ।

देखे झूठे सैन, ताकता फिर मृग-नैनी ।

बढ़े मूत्र का जोर, टेस्ट मधुमेह करायन ।

औषधि नियमित खाय, खाय पर निद्रा-डायन ।।

रविकर ने कहा…

डायन यह प्रौद्यिगिकी, बेवफा हुश्न के बैन ।

उल्लू जागे रातभर, गोली खाय कुनैन ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सोने में आनन्द है..

सदा ने कहा…

बहुत ही अच्‍छी जानकारी देता आपका यह आलेख

Rajesh Kumari ने कहा…

सच कह रहे हैं मुझे तो बचपन से ही रात में इतने स्वप्न आते हैं लगता है मैं तो बचपन से ही नहीं सोई