शौर्य बल के सामने यह कैसा आदर्श ?
ओसामा बिन लादेन को अमरीका ने उसके घर पाकिस्तान में जाके मारा .पाकिस्तान का तमाम सैन्य तंत्र , खुफिया तंत्र
,आई एस आई सभी इस दरमियान निस्पंद बने रहे किसी को कानों कान खबर नहीं हुई लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति ने उस सारी
कारवाई का आँखों देखा हाल देखा .
अब ज़रा भारत की ओर देखिये -अपने ही घर में अपराधी को मारने में हम डर रहे थे .
होना यह चाहिए था घोषित करके कसाब को फांसी दी जाती बतलाया जाता देर से सही लेकिन हम कसाब को फांसी दे रहें हैं
,जो
भी भारत की ओर आँख उठाएगा उसका यही हश्र होगा .एक हौसला बढ़ता देश का .लेकिन हुआ क्या ?
हमारे गृह मंत्री अपनी पीठ ठोक रहें हैं यह कहकर मैं खुद पुलिस महकमे में रहा हूँ .प्रधानमन्त्री तक को इस फांसी का इल्म
नहीं था न सोनिया जी को कुछ मालूम था .
गृह मंत्री जी इसका निहितार्थ क्या है जानना नहीं चाहेगें .हम बतला ते हैं आपको .
हम अपने ही घर में कसाब जैसे दुर्दांत घृणित आतंकी को फांसी भी डर डरके छिप छिप के दे रहें हैं जैसे हम खुद कोई अपराध
कर रहें हों .ये कैसा सन्देश प्रसारित कर रहें हैं आप हमारे शौर्य बल के लिए ?
क्या वह भी शत्रु का प्रतिकार यूं ही डर डरके करें .ये कैसी और किस काम की गोपनीयता है .लशकरे तैयबा की धमकी तब भी
मिलनी थी अब भी मिल रही है .तब कुछ मान तो रहता एक सन्देश तो जाता -देखो 26/11 के आतंकी को वहीँ गेट वे आफ
इंडिया पर हम लटका रहें हैं इसकी मूक नहीं लाइव ड्रिल होनी चाहिए थे गृह मंत्री जी .आइन्दा ध्यान रखें अब अफज़ल की बारी
है .
5 टिप्पणियां:
एक सन्देश तो जाता -देखो 26/11 के आतंकी को वहीँ गेट वे आफ इंडिया पर हम फांसी लटका रहें हैं इसकी मूक नहीं लाइव प्रसारण होना चाहिए था,,
recent post : प्यार न भूले,,,
कुछ भी संदेश नहीं देना था, लगता है..
ant bhala to sab bhala aur kya chahiye aatank ko nibatya hai chahe kaise bhi nibtaya hai aur afzal guru kee jimmedari keval upa kee hi nahi hai nda bhi barabar ka uttardayi hai .karna koi nahi chahta sab doosre par aakshep hi karna chahte hain.
26/11 was the perfect date for his capital punishment after informing all the citizens of India.
excellent post.
कितने लाचार और अविचारी
भरे हैं हमारी सरकार में 1
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