शनिवार, 17 नवंबर 2012

अच्छी चीज़ों में बुरी चीज़ें मिलाई ही क्यों जाएँ ?(दूसरी क़िस्त) )

अच्छी चीज़ों में बुरी चीज़ें मिलाई ही क्यों जाएँ ?(दूसरी क़िस्त )

अमरीकी खाद्य एवं दवा विनियमन संस्था FDA खाद्य पदार्थों में मनमाने तरीके  से विवेकहीनता के साथ

पुष्टिकर तत्व मिलाये जाने की हामी नहीं है .

ताज़े खाद्य उत्पादों यथा गोस्त ,मुर्गियों आदि के मांस में भी ,मत्स्य उत्पादों में भी अलग से पुष्टिकर तत्व

मिलाये जाने के पक्ष में नहीं है .

न ही यह संस्था नाश्ते के लिए तैयार किये गए अल्पाहारों में ही पुष्टिकर तत्व मिलाये जाने का समर्थन

करती है .

Candies और Carbonated beverages पुष्टिकृत किये जाने की भी पक्षधर नहीं है FDA.

अमरीका में तमाम सोडा कमपनियों को चीनी से लदे पेय के बाबत बढ़चढ़के दावे करने से बाज़ आने के लिए

कहा  गया है .

CSPI recently sued "7 UP,S"parent company Dr Pepper Snapple Group for making specious health claims about its Cherry Antioxident ,Mixed Berry Antioxident ,and Pomegranate Antioxident varities arguing that drinkig a soda with a small amount of Vitamin E is not as healthy as consuming antioxidents from fruits ,as the company implied.

(The company decided to discontinue the line.)

2008 में FDA ने  कोको कोला कम्पनी को एक पत्र लिख कर पूछा किस आधार पर वह डाईट कोक को अब

"डाईट कोक प्लस" कह रही है ?इस प्लस का मतलब क्या है ?

माहिरों के अनुसार खाद्य रेशे लेने ही हैं तो इनका सर्वोत्तम स्रोत खाद्य पदार्थ ही हैं .रेशा बहुल खाद्यों का

सेवन कीजिए रेशों से फायदा लेने के लिए न की किसी बरगलाने वाले फाबर युक्त पेय से .

कोला पेय आखिर सोडा ही है .दालों मोटे अनाजों ,फलियों से प्राप्त रेशों का इनसे प्राप्त कथित रेशे भला

क्या


 मुकाबला करेंगे ?

'
"Whole grains ,vegetables ,barley ,beans ,lentils have significant positive effects ,like lowering blood glucose ,and some of that will make you feel more full .It is also more satisfying to chew and swallow  real food rather than to drink a beverage ."-says Vandana sheth , a registered dietitian in the Los Angeles area

and spokesperson for The Academy of Nutrition and Dietetics.

बताना लाजिमी है  रोजाना खाने के साथ सोडा गटकना मोटापे ,मधुमेह ,दिल के रोगों और हाइपरटेंशन को

ही और उग्र बना रहा है .

"Adding a fibre to a drink made from caffeine ,caramel coloring ,phosphoric acid ,sugar and high fructose corn syrup does't make it healthy ,"says Alissa Rumsey, a dietitian at New York Presbyterian Hospital and spokesperson for the New York State Dietetic Association .

अगर लोगों  को यह मुगालता है कि सोडा (जापानी  स्पेशल पेप्सी )पीकर वह वजन कम कर लेंगे तो बतला

दें वह


अधिक केलोरीज़ ही भाकोसेंगे .ज्यादा से ज्यादा पेप्सी पीयेंगे .

This story was originally published on TIME.com


Pepsi's Fat-Fighting Soda: Too Good to Be True?











10 टिप्‍पणियां:

travel ufo ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
travel ufo ने कहा…

सही कहा आपने पर हमारे यहां कौन मानता है

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आपने बिलकुल सही कहा,,,
अच्छी चीज़ों में बुरी चीज़ें मिलाई ही क्यों जाएँ,,,,

recent post...: अपने साये में जीने दो.

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रविष्टि वाह!

इसे भी अवश्य देखें!

चर्चामंच पर एक पोस्ट का लिंक देने से कुछ फ़िरकापरस्तों नें समस्त चर्चाकारों के ऊपर मूढमति और न जाने क्या क्या होने का आरोप लगाकर वह लिंक हटवा दिया तथा अतिनिम्न कोटि की टिप्पणियों से नवाज़ा आदरणीय ग़ाफ़िल जी को हम उस आलेख का लिंक तथा उन तथाकथित हिन्दूवादियों की टिप्पणयों यहां पोस्ट कर रहे हैं आप सभी से अपेक्षा है कि उस लिंक को भी पढ़ें जिस पर इन्होंने विवाद पैदा किया और इनकी प्रतिक्रियायें भी पढ़ें फिर अपनी ईमानदार प्रतिक्रिया दें कि कौन क्या है? सादर -रविकर

राणा तू इसकी रक्षा कर // यह सिंहासन अभिमानी है

Arvind Mishra ने कहा…

सही बात

Satish Saxena ने कहा…

एक से एक बेहतरीन प्राकृतिक पेय उपलब्द्ध हैं फिर भी लोगों का टेस्ट ...??
आभार वीरू भाई !

डॉ टी एस दराल ने कहा…

प्राकृतिक रूप से जीवन बिताने में ही भलाई है.
हालाँकि आजकल हर चीज़ में कृत्रिम मिलावट होने लगी है.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

आजकल मिश्र जी रात रात भर जागकर क्या कर रहे हैं ? :)

डॉ टी एस दराल ने कहा…

पहली टिप्पणी गई स्पैम में.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

भारत में तो कि‍सी को फ़ुर्सत ही नहीं ये देखने कि‍ कौन क्‍या कह/कर रहा है