गेस्ट पोस्ट : आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो
-डॉ .वागीश मेहता .
अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
डॉ .वागीश मेहता की यह पूरी रचना कल पढ़िएगा . .सन्दर्भ प्रधानमन्त्री जी का भ्रष्टाचार नरेशों को संबोधन .
ज़रा अपने दिल पे हाथ रख के सोचो
राहुल और सोनिया जी के प्रशंसक ज़रा अपने दिल पे हाथ रखके यह सोचें -
यदि ये राहुल गांधी (राहुल बाबा )सोनिया जी के पुत्र न होते तो क्या ये सभी प्रशंसक सारे खान्ग्रेसी तब भी इन गुणों का उनमें आधान करते ?
वह राहुल गांधी जिन्होनें गत पांच सालों में भारतीय संसद में कुछ सार तत्व नहीं बोला चाटुकार उनमें सब गुण आरोपण कर रहें हैं .आपको याद होगा
अन्ना के मुद्दे पर भी (सरकारी लोकपाल )वह दो शब्द कहके भाग लिए थे .
आज इन्हीं राहुल गांधी को खान्ग्रेस का महा -सचिव प्रोजेक्ट किया जा रहा है .सेकिंड इन कमांड बतलाया जा रहा है .
और ये सोनिया जी यदि राजीव गांधी की पत्नी न होतीं तो क्या सारे खान्ग्रेसी उनकी तब भी ऐसी ही चाटुकारिता करते ?
आज भी यदि उनके हाथ से रोमन में लिखी हिंदी भाषा का कागज़ छीन लिया जाए ,तब क्या वह दो शब्द बोल सकेंगी .
चाटुकारिता की भी कोई सीमा होती होगी ?क्या हो गया है इस देश की बुद्धि और मेधा को तमाम खान्ग्रेसियों को .सभी कहते नजर आते हैं माँ -बेटों को
लाओ अपने चरण आगे करो हम चाटेंगे .इतिहास में दर्ज़ होंगे ये तमाम चिरकुट और चारण .
प्रस्तुति :वीरू भाई (वीरेंद्र शर्मा )
8 टिप्पणियां:
bahut sundar prastuti,अपना दल और अपना बल है ,पैंसठ सालों का अनुभव है ,
हमने तो बस यह सीखा है ,भोजन भूखे का संबल है .
(2)
इत्मीनान से भोजन करके ,खूब मौज आराम करो ,
आरोपों से क्या डरना है ,अपना अपना काम करो .
राजनीति में सारी साठ-गांठ मतलब की होती है .......... कांग्रेसी ऐसे थोड़े ही तलवे चाट रहे है, हड्डी बराबर मिल रही है ........... भ्रष्टाचार की खुली छूट है ............. सब लूट रहे है और महारानी को चढ़ावा चदा रहे है ........... खुद भी खा रहे है ........... गरीब जनता की जेब खली हो तो क्या ?
वाह बहुत बढिया
दुनियाँ मतलब की ...कटाक्ष बहुत अच्छे लगे
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
बहुत ख़ूब
सटीक व्यंगात्मक पोस्ट
डॉ. साहब ने खरा लिखा है
बहुत सटीक कटाक्ष...
एक टिप्पणी भेजें