शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

होमवर्क की प्रासंगिकता

होमवर्क की प्रासंगिकता 

एक अभिनव अध्ययन ने न सिर्फ होमवर्क की ज़रूरीयात पे सवाल दागा है

 आशंका भी जतलाई है कहीं यह मेधा का अपमान समय की 

बर्बादी अपव्यय तो नहीं है ?

Homework not the key to scoring better grades/TIMES

 TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,NOVEMBER 30 

,2012,P19

एक अभिनव अध्ययन के मुताबिक़ ज्यादा होमवर्क से बच्चों को लादने का मतलब उनके ग्रेड में बेहतरी नहीं है .रिसर्चरों ने यह निष्कर्ष 

अपने अध्ययन में तकरीबन दसवीं के 18000 बालकों को 

प्राप्त 

ग्रेड की कोपी (नकल )एवं अन्य आंकडें देखने के बाद  प्रस्तुत किये हैं .जानने की भरसक कोशिश की है क्या घर में किया गया अतिरिक्त 

होमवर्क कुछ मायने भी रखता है .पता चला 

,ज़रूरी नहीं है यह ,घर में किया गया फ़ालतू श्रम बालकों के ग्रेड में सुधार ही लाये .अलबत्ता मानक टेस्ट स्कोर में उनके प्रदर्शन को थोड़ा 

सुधार सकता है .

यह अन्वेषण वर्जिनिया विश्वविद्यालय चार्लोट्स विल (अमरीका )का है जिसके अनुसार अधिक गृह कार्य का भार बच्चों के ग्रेड प्रदर्शन में 

सुधार नहीं ला पाता है .

"The more time students spend on homework ,it's not clear that 

they are getting better grades or better test 

scores ,"co-author of the study Robert Tai ,said .

रिसर्चरों के अनुसार होमवर्क की बाबत  चिंता का सबब यह है कि होमवर्क बस दे दिया जाता है इसका मकसद जो कुछ क्लास में पढ़ाया 

सिखाया जा रहा है उसे समेकित करना नहीं है .बेशक 

अध्ययन यह नहीं 

कहता है कि हर दर्जे का होमवर्क नाकारा है ,गणित इसका अपवाद है .

जो नौनिहाल आधा घंटा घर पर गणित का अतिरिक्त अभ्यास करते हैं उनका ग्रेड और टेस्ट मान दोनों ही सुध्ररते हैं .

जलवायु परिवर्तन की आहट देख सके तो देख

    
ब्लॉगर रविकर 
तापमान बढ़ता चला, सूखा आंधी बाढ़ |

बर्फ पिघलती जा रही, बढ़ती जलधि दहाढ़ |

बढ़ती जलधि दहाड़, सहे दोहा बेचैनी |

हाउस-ग्रीन इफेक्ट, राखिये नजरें पैनी |

दो डिग्री की वृद्धि, समूची धरा डुबाये |

अब औद्योगिक क्रान्ति, मनुज का जीवन खाए ||
|   जलवायु बदलाव से पैदा मौसमी उलट पुलट ठीक हमारी आँखों के सामने हो रही है .उत्तरध्रुव के गिर्द

सागर

से ही  आकार में उत्तरी अमरीका से भी बड़ा हिमक्षेत्र इस बरस पिघल (गल )चुका है .विश्वमौसम विज्ञान

संघ

के मुताबिक़ यह ऐसी ही धुर मौसम सम्बन्धी अनेक घटनाओं में से बस एक है .आफतें और भी आईं हैं .

इसी बरस सूखे ने दो तिहाई भाग अमरीका का ,पश्चिमी रूस और दक्षिणी योरोप का भी खासा इलाका

चौपट किया है .

कटार की राजधानी दोहा में आयोजित आलमी बैठक में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी जलवायु बदलाव सम्बन्धी

रिपोर्ट हालफिलाल ही  प्रस्तुत की है .इसी बरस

पश्चिमी अफ्रीका के एक बड़े हिस्से को बाढ़ ने डूब क्षेत्र में ले लिया था तथा उत्तरी गोलार्द्ध का एक बड़ा

हिस्सा लू में झुलसता रहा .


लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान हिमक्षेत्र के सफाए ने आकर्षित किया है ले देके अब तक के न्यूनतम क्षेत्र में हिम

चादर बची है .

उत्तरी ध्रुव के गिर्द सागर से मार्च से लेकर सितम्बर तक की अवधि में 11.83 million square kilometers

क्षेत्र से हिम

चादर गायब हो गई .

यह एक करोड़ अठारह लाख तीस हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र उत्तरी अमरीका के भौगोलिक क्षेत्र से ज्यादा

बैठता है .

इस पिघलाव का दुनिया भर के महासागरों पर अप्रत्याशित प्रभाव पड़ा  है . जैवमंडल भी असरग्रस्त हुए

बिना नहीं रहा है .

यह सारी लीला ग्रीन हाउस गैसों की है जिनमें आज भी  लगातार  वृद्धि होती जा रही है यह वृद्धि फिलवक्त

शिखर पर है .नए कीर्तिमान रचे हैं इसने .

यह दारुण खबर उस आलमी गुफतगु के तीसरे दिन आई है जिसमें 200 मुल्कों के प्रतिनिधि इस बात को

लेकर एक राय कायम करने की कोशिश कर रहें हैं की किसी भी सूरत में विश्वतापमानों में पूर्व उद्योगिक

काल के बरक्स दो सेल्सियस से ज्यादा वृद्धि इन ग्रीन हाउस गैसों से पैदा आलमी तापन से न होने पाए .

इंटर गवर्मेंटल पेनल आन क्लामेट चेंज (IPCC) के मुताबिक पहले ही भूमंडलीय स्तर पर तापमानों में 0.8

सेल्सियस की वृद्धि दर्ज़ हो चुकी है .खुदा खैर करे .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Arctic sea icebigger than US melts

Alarming Incident A Sign Of Extreme Climate Change ,Warns UN Agency/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,NOVEMBER 30 ,2012 ,P19

शीर्षक :जलवायु परिवर्तन की आहट देख सके तो देख

Levels: ग्रीन हाउस गैस ,ग्लोबल वार्मिंग ,हिमचादर का सफाया 

खबरें सेहत की

खबरें सेहत की

(1)WANT A HEALTHY BRAIN ? SCIENTISTS SAY ,GO FOR A RUN

दिमागी तंदरुस्ती के लिए भौतिक व्यायाम भी उतना ही ज़रूरी है जितना बोध सम्बन्धी दिमागी काम

(Cognitive exercise).एक अभिनव अध्ययन से संपुष्ट हुआ है ,नियमित कसरत या भौतिक व्यायाम उन

कलम कोशाओं (Master cells ,Stem cells )की तादाद बढ़ा देता है जो नै दिमागी कोशायें गढ़तीं हैं .बुढापा

जन्य क्षय को थाम लेती हैं यही दिमागी नर्व सेल्स .

(2)ज़रुरत से ज्यादा सोना भी घातक सिद्ध हो सकता है .मौत की ओर ले जा सकता है ज्यादा सोना बोले तो

नौ घंटे से ज्यादा अवधि तक सोते ही रहना एक रात में .जो लोग इस अवधि से भी ज्यादा सोते हैं उनके

लिए मौत से पहले मौत के मौके दो गुना बढ़ जाते हैं .एक नूतन अध्ययन के यही साफ़ साफ़ इशारे हैं .रात

भर में सात आठ घंटा सोने का लक्ष्य रखिये .

(3)Steaming broccoli raises its concentration of glucosinolates-compounds that fight cancer -by 30 per cent .Boiling lowers the levels.

ब्रोकली को भांप में ही पकाइए ऐसा करने से इसमें कैंसर रोधी यौगिकों का ज़माव 30फीसद तक बढ़ जाता है ।पानी में सीधे सीधे उबालते रहने से इन यौगिकों का  स्तर कमतर रह जाता है .


GLUCOSINOLATES: FOUNTAIN OF YOUTH?

Possible Health Benefits of This Cruciferous Compound

Most of the compounds we read about -- lycopene, lutein, beta-carotene, quercetin, etc. -- act as "direct" antioxidants. When we consume fruits and vegetables that contain these compounds, they possibly work to affect free radicals, rendering them harmless.

There is another category of nutrients that may act "indirectly" to activate the body's detoxification systems. These are known as glucosinolates and are found in broccoli, brussels sprouts, cabbage, cauliflower. Such foods may work to affect the body's own antioxidant systems. This cascade of antioxidant activity may cycle over and over, continuing to circulate in your system as many as 3 to 4 days after the glucosinolate-containing food has been consumed. Certain natural enzymes in the liver help eliminate toxic molecules from the body. These toxins come from many sources: cigarette smoke, pollution, drugs, even free radicals generated by our own bodies in response to illness.

Among all of the cruciferous vegetables, broccoli sprouts have the highest level of the glucosinolates relevant to this enzymatic process. Just two or three tablespoons of broccoli sprouts a day provide a powerful dose of glucosinolates. After broccoli sprouts, cauliflower sprouts are second highest in terms of containing the relevant glucosinolates. Other sprouts outside the cruciferous family, such as alfalfa sprouts, aren't high in these compounds. Researchers speculate that these compounds are most concentrated in the budding plant because the organism needs a high concentration of protective phytochemicals to shield them from predators, pollution, the elements, etc. As plants grow, they are somewhat diluted though still present, which is why they retain their health benefits when consumed.

Speaking of consumption, chewing breaks down the glucosinolates to their active form, known as sulforaphane, which is then what triggers the enzymatic process. Glucosinolates are a hot topic in phytochemical research right now. For example, some research suggest glucosinolates may help lower blood pressure. Other studies have focused on potential benefits including lower risk of various cancers, such as stomach, colon, esophageal, lung and breast cancers. Now scientists are exploring how the glucosinolates found in cruciferous vegetables interact with a natural antioxidant found in all cells called glutathione. Essentially, glutathione helps to trap the free radicals that can damage our DNA and cause cancer. 

So, add broccoli, broccoli sprouts, cauliflower, Brussels sprouts and other cruciferous veggies to your diet -- aiming for at least 2 servings (one cup )of these.



गुरुवार, 29 नवंबर 2012

Kitchen Remedies

शुक्रवार 30 ,नवम्बर 2012


Kitchen Remedies

(1) विज्ञान पत्रिका The Journal of Pain में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गर्दन दर्द का भरोसेमंद

इलाज़ योग में निहित है .अलावा इसके योग  मानसिक सेहत के लिए भी अति उत्तम है .जीवन की

गुणवत्ता

कुलमिलाके बेहतरी के लिए भी  योग अपनाइए .

योग (यौगिक क्रियाएं ,भौतिक मुद्राएँ ,Active Yoga )न सिर्फ पेशियों को पुष्ट करतीं  हैं पेशीय तनाव का

भी

शमन करतीं हैं .

YOGA EFFECTIVE FOR TREATING CHRONIC NECK PAIN

A study published in The  Journal of Pain showed that yoga appears to be an effective treatment for neck pain and provides added benefits of improved psychological  well being and quality of life.Yoga might work as it enhances both the toning of muscles and releasing of muscle tension .

(2)कसरत करने के बाद ,जिम की ख़ाक छानने के बाद, हाईएनर्जी स्पोर्ट्स ड्रिंक के चक्कर में न पड़ें

सोडियम

और पोटेशियम बहुल नारियल पानी सुपाच्य और कम केलोरीज़ लिए है .बॉडी के इलेक्त्रोलाईट बेलेंस के

लिए भी बेहतर है .

(3)आपका अपने घर में बंद कमरों में धूम्रपान करना आपके नौनिहालों के लिए कानों के संक्रमण ,

न्युमोनिया (निमोनिया फेफड़ों की गंभीर बीमारी जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है ),श्वसनी

शोथ (श्वसनी नलियों  की एक बीमारी जिसके कारण बहुत बुरी तरह खांसी होती है बोले तो Bronchitis और

coughs साधारण खांसी के मामलों के वजन को बहुत बढ़ा देता है ."करे जुम्मा पिटे मुल्ला" वाली कहावत

चरितार्थ होती है यहाँ .

(4)Soft drink ups prostate cancer risk :

Just single sugary soft drink per day may raise a man's risk of developing prostate cancer  , a new 15 -year study has claimed .
Swedish researchers found men who drank 300 ml of a fizzy drink a day ,slightly less than a standard can , were 40%more likely to develop the disease than those who never consumed the  drinks .

तो यह है ज़नाब कोला पेयों की हकीकत रोजाना इन पेयों का मात्र 300मिलीलीटर सेवन प्रोस्टेट कैंसर के

खतरे के वजन को चालीस फीसद बढ़ा देता है बरक्स उनके जो इनसे परहेज़ रखते आयें हैं .एल्कोहल रहित

मीठे  एवं बुलबुलेदार  पेय कहलाते हैं फिजी ड्रिंक्स . फ़ूड कोम्बोज़ से सावधान रहिये जिनके साथ  ये पेय

मुफ्त

मिलतें हैं .


Feeling tired ?Exercise .Even a brisk walk will be more effective than a nap or a cup of coffee in

fighting off fatigue

 थकान से बाहर आने का आसान और कारगर उपाय है तेज़ कदमी (तेज़ तेज़ टहलिए )कीजिये ,छोटी सी

झपकी और एक कप कोफी से ज्यादा असरकारी सिद्ध होती है ऐसी हलकी फुलकी कसरत .


Adding garlic to your meals can keep you healthy this winter .Its antiviral and antibacterial

properties boost immunity .

सर्दियों में तंदरुस्त बने रहने का सरल उपाय है अपने भोजन में शामिल कीजिये लहसुन .इसके विषाणु एवं

जीवाणु रोधी गुण रोगप्रतिरक्षण को मज़बूत करते हैं .

Blue light in a car to keep you alert at the wheel

Researchers have found that constant exposure to blue light is as effective as coffee at improving alertness in night drivers ,paving way for developing an 'embedded 'anti -sleepiness device in vehicles.

Researchers from the Universite Bordeaux Segalen ,France and their Swedish colleagues conducted tests in real driving conditions .

Blue light is known to increase alertness by stimulating retinal ganglion cells :specialized nerve cells present on the retina , a membrane located at the back of the eye .These cells are connected to the areas of the brain controlling alertness.

रात को सुरक्षित सधे हाथों और चेतन्य होकर गाड़ी  चलाइये .बस ड्रावर की आँखों पर लगातार हलकी नीली रोशनियाँ पड़ती रहें .

आँखों के परदे नेत्र पटल पर कुछ ख़ास कोशाओं (ganglion cells,गंडिका /गुच्छिका केन्द्रीय स्नायु मंडल

मस्तिष्क का भूरा पदार्थ ,स्नायु आवरण  ) का जाल फैला रहता है ये कोशायें नीली

तरंग से  उत्तेजन उद्दीपन प्राप्त कर दिमाग के उन हिस्सों को जिनका सम्बन्ध जागरूकता से रहता है

संकेत भेजने लगतीं हैं :जागते रहो ,चौकन्ने रहो हर पल .




(1)PARASITIC WORMS CAN TREAT CHRONIC DIARRHOEA

Researchers from the New York University Langone Medical Center in a study of monkeys found that parasitic worms could be used to successfully treat inflammatory bowel disease and restore gut bacteria to  a healthy state .The study was published in PLOS Pathogens.

(2)सिरका एक बेहतरीन रक्त प्रवाह रोधी ,त्वचा संकोचक है .Astringent है ,एक ऐसा पदार्थ है जो ऊतकों में

परस्पर एक तनन ,खिंचाव पैदा किए रहता है .

An astringent is a substance that draws tissues together ,

Sun Burns से बचाए रहता है ,नए साल पर गोआ जाने का मन है तो सिरका साथ में लेकर जाएँ .

(3)कील मुंहासों पर वाईट टूथ पेस्ट लगाके छोड़ दीजिये चंद घंटे चस्पां रहे यह पेस्ट (जैल  न हो ),सूख

जायेंगे कील मुंहासे .

(4)Low or high activity bad for knees:

घुटनों की हड्डियों के जोड़ों पर सुदृढ़ पदार्थ (उपास्थि या Cartilage ) के अपविकास (ह्रासी विकास )को पंख

लगा सकती है बहुत अधिक या बिलकुल न मालूम सी भौतिक हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी .खासकर प्रौढ़

(मिडिल एज एडल्ट )सावधान रहें .

एक अभिनव अध्ययन के यही संकेत हैं पूर्व में केलिफोर्निया विश्वविद्यालय ,सैनफ्रांसिस्को ,के रिसर्चरों ने

भौतिक  हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी और Cartilage degeneration में परस्पर एक अंतरसम्बन्ध का पता

लगाया था .

(5)होंठों को खुश्क (रुक्ष )होने से बचाइये

बस ऊंगली के पोर से थोड़ा सा देसी घी नाभि(belly button ,navel ) पे चुपड़ लें .होंठ नहीं फटेंगे सूखी हवा से

.गर्म चुपड़ी रोटी से

ऊँगली के पोरों से होंठों पर भी थोड़ा सा चुपड़ लें .चिकनापन होंठों का बना रहेगा .




Neuron: Retinal Ganglion Cell
NeuroLex IDnifext_17

Diagram showing cross-section of retinal layers. The area labeled "Ganglionic layer" contains retinal ganglion cells.
retinal ganglion cell (RGC) is a type of neuron located near the inner surface (the ganglion cell layer) of the retina of the eye. It receives visual information from photoreceptors via two intermediate neuron types: bipolar cells and amacrine cells. Retinal ganglion cells collectively transmit image-forming and non-image forming visual information from the retina to several regions in the thalamushypothalamus, and mesencephalon, or midbrain.



रक्त या लार की एक बूँद ही काफी है मलेरिया की शिनाख्त के लिए

मलेरिया रोग निदान के लिए नया भरोसेमंद परीक्षण

A drop of blood or saliva to help diagnose malaria

The new method is much more time-effective and cost effective than current diagnostic procedures


रक्त या लार की एक बूँद ही काफी है मलेरिया की शिनाख्त के लिए

एक अतिसंवेदी भरोसे मंद रोगनैदानिक परीक्षण  मलेरिया की शिनाख्त के लिए रिसर्चरों ने तैयार किया है

जिसमें जांच के लिए रक्त या रोगी की लार की एक बूँद ही काफी रहेगी .

सीधी सरल सी इस जांच के लिए विशेष प्रशिक्षित लेब कर्मियों की भी ज़रुरत नहीं पड़ेगी ,न महंगे नैदानिक

उपकरणों की न  बिजली की न साफ़ पानी की .जिन इलाकों में संसाधनों की कमी है उनके लिए यह परीक्षण

वरदान साबित हो सकता है .

इस परीक्षण  को Arhus University के रिसर्चरों ने विकसित किया है .इसमें एक किण्वक (एंजाइम

,टोपोआइसोमरेज़ Topoisomerase I )की सक्रियता का मापन किया जाएगा .यह परजीवी Plasmodium के

सौजन्य से ही प्राप्त होगा .

The technology called REEAD (Rolling Circle -Enhanced Enzyme Activity Detection ) makes it possible to diagnose malaria from a single drop of blood or saliva .

ज्यादा टाइम इफेक्टिव ,ज्यादा कोस्ट इफेक्टिव सिद्ध होगा यह नैदानिक परीक्षण वर्तमान में उपलब्ध

परीक्षणों के बरक्स जिसे संपन्न करने के

लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मियों की भी ज़रुरत नहीं पड़ेगी .समय भी कम लगेगा सस्ता भी रहेगा यह परीक्षण

असरकारी भी .भरोसे वाला भी .

एक तो मलेरिया के खिलाफ मुहीम इसलिए मुश्किल और पेचीला होती गई है ,प्लाजमोडियम परजीवी ने

दवा प्रतिरोध पैदा कर लिया है ,दूसरी तरफ इसकी कई प्रजातियाँ(P VIVAX ,P KNOWLESI) अब

परम्परा गत तुरता नैदानिक उपायों

से पकड़ में ही नहीं आती हैं .

यह परीक्षण भांप लेगा ,कहीं प्लाजमोडियम संक्रमण दवा प्रति -रोधी तो नहीं है .

The unique sensitivity , combined with its ability to detect infection in very small samples of blood or saliva ,makes the method suitable for large -scale screening projects.(SOURCE:PTI)

सन्दर्भ -सामिग्री :-

A drop of blood or saliva to help diagnose malaria/TIME TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,NOVEMBER 29 ,2012,P15








Kitchen Remedies

Kitchen Remedies

(1) विज्ञान पत्रिका The Journal of Pain में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गर्दन दर्द का भरोसेमंद

इलाज़ योग में निहित है .अलावा इसके योग  मानसिक सेहत के लिए भी अति उत्तम है .जीवन की

गुणवत्ता

कुलमिलाके बेहतरी के लिए भी  योग अपनाइए .

योग (यौगिक क्रियाएं ,भौतिक मुद्राएँ ,Active Yoga )न सिर्फ पेशियों को पुष्ट करतीं  हैं पेशीय तनाव का

भी

शमन करतीं हैं .

YOGA EFFECTIVE FOR TREATING CHRONIC NECK PAIN

A study published in The  Journal of Pain showed that yoga appears to be an effective treatment for neck pain and provides added benefits of improved psychological  well being and quality of life.Yoga might work as it enhances both the toning of muscles and releasing of muscle tension .

(2)कसरत करने के बाद ,जिम की ख़ाक छानने के बाद, हाईएनर्जी स्पोर्ट्स ड्रिंक के चक्कर में न पड़ें

सोडियम

और पोटेशियम बहुल नारियल पानी सुपाच्य और कम केलोरीज़ लिए है .बॉडी के इलेक्त्रोलाईट बेलेंस के

लिए भी बेहतर है .

(3)आपका अपने घर में बंद कमरों में धूम्रपान करना आपके नौनिहालों के लिए कानों के संक्रमण ,

न्युमोनिया (निमोनिया फेफड़ों की गंभीर बीमारी जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है ),श्वसनी

शोथ (श्वसनी नलियों  की एक बीमारी जिसके कारण बहुत बुरी तरह खांसी होती है बोले तो Bronchitis और

coughs साधारण खांसी के मामलों के वजन को बहुत बढ़ा देता है ."करे जुम्मा पिटे मुल्ला" वाली कहावत

चरितार्थ होती है यहाँ .

(4)Soft drink ups prostate cancer risk :

Just single sugary soft drink per day may raise a man's risk of developing prostate cancer  , a new 15 -year study has claimed .
Swedish researchers found men who drank 300 ml of a fizzy drink a day ,slightly less than a standard can , were 40%more likely to develop the disease than those who never consumed the  drinks .

तो यह है ज़नाब कोला पेयों की हकीकत रोजाना इन पेयों का मात्र 300मिलीलीटर सेवन प्रोस्टेट कैंसर के

खतरे के वजन को चालीस फीसद बढ़ा देता है बरक्स उनके जो इनसे परहेज़ रखते आयें हैं .एल्कोहल रहित

मीठे  एवं बुलबुलेदार  पेय कहलाते हैं फिजी ड्रिंक्स . फ़ूड कोम्बोज़ से सावधान रहिये जिनके साथ  ये पेय

मुफ्त

मिलतें हैं .




अर्द्ध -अनिद्रा बोले तो सेमी -सोम्निया (Semi -somnia)बला क्या है ?

Tech overuse tied to 'semi -somnia'

People Now Suffering From 'Fizzy Sleep'As The Brain Is Still Active:Experts

A growing number of people are now suffering from a newly identified sleep disorder called 'semi -somnia' triggered by stress and technology use ,sleep experts say.

Rather than having totally sleepless nights ,sufferers of semi -somnia experience short bouts of sleep disruption -perhaps on particularly busy or stressful days ,experts claim.

An Indian -origin expert has even coined a phrase 'fizzy sleep'to explain sleep difficulties faced by sufferers .


"It's not a scientific term , but clients say that's what their head feels like.They are asleep but it's not restful.It's a jangly .information -filled sleep where the brain is still highly active,"said Dr Nerina Ramlakhan ,a sleep coach at London 's Capio Nightingale hospital ,and author of the book Tired But Wired.

The condition is being called insomnia's irritating little sister ,but despite not sharing the full agonizing symptoms of acute sleeplessness -which has been linked to weakened immune systems ,depression ,high blood pressure and even heart disease-semi-somnia is far from harmless ,the Daily Mail reported.

Victims may wake every night for 30 minutes ,or find it impossible to sleep for an hour because their minds are racing .Experts are of the opinion that semi -somnia started plaguing people now because of excessive use of technology.

"We 've spent years researching this with 30,000,sufferers and technology is probably the main cause ,"said Jean Gomes ,chairman of The Energy Project -a consultancy to help people counteract tiredness issues.

अर्द्ध -अनिद्रा बोले तो सेमी -सोम्निया (Semi -somnia)बला क्या है ?

एक तरफ दवाब से भरा दिन ,दूसरी तरफ प्रोद्योगिकी  के इस्तेमाल


की अति घोड़े बेच के सोने वाली नींद को छीने ले रही है . यह अनिद्रा भले न सही  उत्तेजना भरी बुबुदाहट

भरी नींद है जो बीच बीच में रात्रि  के किसी भी पहर  टूट जाती है .टूटी रहती है कुछ वक्फे तक और ऐसा

रात्रि  में एक बार नहीं कई बार हो सकता है .फिर घंटा घंटा जागो .

माहिर इसे 'फिजी -स्लीप' कह रहें हैं 'सेमी -सोम्निया' कह रहें हैं आधी- अधूरी- नींद ,अर्द्ध-अ - निद्रा कह रहें

हैं

जब

व्यक्ति का शरीर सोया है दिमाग खदबदा रहा है उत्तेजना से ,आभासी जगत नींद में भी पीछे पड़ा  है .  

यकीन मानिए ये मेरे साथ भी होता है मैं टिप्पणियाँ लिख रहा होता हूँ नींद में जब पेशाब का दवाब ,भरा

हुआ मूत्राशय यकायक नींद खोल देता है .

मेरे दोस्त वागीश नींद में संसद में बोल आतें हैं सवाल ज़वाब करके लौट आतें हैं अर्द्ध निद्रा की अवस्था में

.खलल खलल और खलल ,बिना खलल की नींद के दिन लद  गए क्या ?

यह बे -चैनी भरी सूचना से संसिक्त नींद है जहां आकड़ें आपको अभी भी मुंह  चिड़ा  रहें हैं .

भले यह अनिद्रा रोग की तरह तीव्र लक्षण लिए न हो ,जिसका सम्बन्ध कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र से ,अवसाद

 ,और उच्च रक्त चाप से जोड़ा जाता रहा है लेकिन निरापद यह इसकी चिडचिड़ाहट भरी छोटी बहनिया अर्द्ध

-निद्रा या अर्द्ध - अनिद्रा भी नहीं है .

एक मर्तबा 30 मिनिट के लिए नींद खुली भर चाहिए फिर आप घंटा न सो पायेंगे .मन के घोड़े रफ्तार पकड़

दौड़ेंगे आप बे -चैनी से दोबारा सोने का इंतज़ार करेंगे .हर रात ऐसा ही होगा गालिबन .

माहिरों के अनुसार यह अतिरिक्त प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल का ही सबब है .

पांच सालों की रिसर्च को ऐसे 30 ,000 नींद के मारे हाथ आ चुकें हैं जो न सो पा रहें हैं न ही जाग रहे हैं

'Fizzy sleep 'में हैं .

बुधवार, 28 नवंबर 2012

Beware ,smoking rots your brain ,damage memory

Again brain tests and analysis of health and life style data of a group of over -50s ,it was found that

smoking affects the brain even more than high BP and obesity

एक नवीन अध्ययन के अनुसार धूम्रपान दिमाग को ठस कर देता है .क्षय करदेता है याददाश्त ,सीखने की

प्रक्रिया ,तार्किक शक्ति (तर्क करने की क्षमता) ,सभी को ले बैठता है .

किंग्स कोलिज लन्दन के रिसर्चरों ने अपने अध्ययन में पचासे में दाखिल हो चुके लोगों के दिमागी परीक्षण

,स्वास्थ्य सम्बन्धी विश्लेषण तथा जीवन शैली से ताल्लुक रखने वाले सभी आंकड़ों पर गौर किया है .पता

चला धूम्रपान दिमाग पर जितना नकारात्मक असर डालता है वह ब्लड प्रेशर तथा मोटापे से होने वाली

नुकसानी     से कहीं ज्यादा रहता है .

दिमागी  की जांच के लिए सभी  प्रतिभागियों को एक दिए हुए समय में प्रति मिनिट अधिकाधिक नए शब्द

सीखने होते थे या फिर अधिक से अधिक पशुओं के  नाम बताने होते थे .

चार और आठ सालों के अंतराल पर फिर ऐसी  ही दिमागी  परीक्षण जांच प्रतिभागियों की ,की गई।


धूम्रपान और इन परीक्षणों में हासिल अंकों प्रदर्शनों में परस्पर एक अंतर सम्बन्ध इस अवधि में साफ़

दिखाई दिया .

8,800 लोगों की जो उच्च रक्त चाप से ग्रस्त थे ,मोटापे की ज़द में  भी थे , ऐसी ही जांच की गई ,पता चला

स्वास्थ्य सूचक ये दोनों पैमाने भी दिमाग को प्रभावित करते हैं .लेकिन उतना नहीं जितना की धूम्रपान

असर ग्रस्त करता है .

लोगों को चेतना होगा ,बूझना होगा जीवन शैली भी दिमाग और काया दोनों का सत्या नाश करती है

नुकसानी पहुंचाती है तन और मस्तिष्क दोनों को .

नतीजों से यह भी इल्म हुआ कि संज्ञानात्मक ह्रास (बोध सम्बन्धी क्षय ,Cognitive decline ) और दिल और

दिमाग के दौरों (स्ट्रोक ,ब्रेन अटेक ) का भी परस्पर सम्बन्ध रहता है .जिन लोगों के लिए ऐसे खतरे का

वजन ज्यादा था उनमें बोध सम्बन्धी ह्रास भी सर्वाधिक मिला .

बोध सम्बन्धी ह्रास बुढ़ाने  के साथ साथ भी आम तौर पर बढ़ता जाता है ,और कितने ही लोगों की रोज़मर्रा

की ज़िन्दगी को

भी प्रभावित करता है .

रिसर्चरों ने ऐसी  तमाम वजूहातों का रेखांकन किया है जो जोखिम की वजह बनतीं हैं और जिनसे पार पाई

जा सकती है जीवन शैली में तरमीम  से .

बोध सम्बन्धी ह्रास को टालने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा उनकी अपनी सलामती और क्षेम के

लिए ,तंदरुस्ती और कल्याण के लिए .

भले इस बात का रिसर्चरों को इल्म न भी हो कि कैसे यह बोध सम्बन्धी क्षय रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को असर

ग्रस्त करता है .पंगु बना सकता है .

सन्दर्भ -सामिग्री :-

Beware ,smoking rots your brain ,damages memory /TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,NOVEMBER 27 ,2012 ,P19.

किस कांग्रेस पर गर्व करते हैं मनीष तिवारी ?

 किस कांग्रेस पर गर्व करते  हैं मनीष तिवारी ?


1885 में एक अँगरेज़ ए .ओ .ह्युम ने इंडियन नेशनल कोंग्रेस की स्थापना की .पहला अधिवेशन मुंबई में

हुआ जिसके   अध्यक्ष थे उमेश चन्द्र बनर्जी .1908 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संविधान तैयार किया

गया .इसमें यह साफ़ लिखा गया कोंग्रेस का स्वीकार्य ध्येय संविधानिक उपायों से एक ऐसी शासन प्रणाली

की स्थापना करना है जो ब्रितानी साम्राज्य के प्रशासनिक सदस्यों के अनुरूप हो .इसे कोंग्रेस की घोषित

नीति के रूप में स्वीकार कर लिया गया .इसका पहला काम यदि भारत की शासित होने वाली जनता और

शासन के बीच कोई गलतफहमी होती है तो उसे दूर कर शासन को सुचारू रूप से चलाये  रखने में    सहायक

सिद्ध होना बतलाया गया  .

1919 तक साल दर साल अधिवेशन होते रहे .इस साल पंडित मोती लाल नेहरु की अध्यक्षता में अमृतसर

अधिवेशन हुआ .अब तक कोंग्रेस की नीति तो नहीं बदली थी हाँ कुछ गर्म दल के लोग इसमें आगये थे

.कोंग्रेस को इन क्रान्तिवीरों के 1857 की क्रान्ति को  आगे बढाने के संकल्प की वजह से अपना स्वर बदलना

पड़ा .

1920 में कोंग्रेस को शान्ति पूर्ण उपायों से स्वराज्य की प्राप्ति अपना ध्येय इन क्रांतिवीरों के दवाब के चलते

बनाना  पड़ा .यह अधिवेशन नागपुर में हुआ .

इस प्रकार अपनी स्थापना के बाद (1885 -1920 ) के पैतीस वर्षों तक कोंग्रेस का ध्येय गोरों के शासन को

निर्बाध बनाए रखना भर था .इस दरमियान इसमें स्वाधीनता की कोई भी लपट पैदा नहीं हुई थी .भारत को

आज़ाद कराने की कोई गंध पैदा नहीं हुई थी .

1920 के बाद महाराष्ट्र ,पंजाब ,बंगाल आदि के क्रांतिवीरों की पहल से कोंग्रेस को यह बोध हुआ भारत को

अपनी स्वाधीनता के लिए काम करना चाहिए .

कह सकतें हैं स्थापना के बाद के पहले साढ़े तीन दशक कांग्रेस के लिए अपनी गुलामी को बनाए रखने के

दशक थे .1857 में

जो गोरों पर मार पड़ी थी उस सबको दरकिनार करके अंग्रेजों की सहायता करने के लिए इस संस्था का जन्म

हुआ था .

1920 के बाद से ही लाल -बाल -पाल(लाला लाजपत राय ,बाल गंधाधर  तिलक,विपिन चंद पाल )

  ,अरविन्द ,खुदीराम बोस ,नेताजी सुभास बोस आदि का दवाब बनता चला गया . इन्हीं के नेत्रित्व में युवा

इस संगठन  से जुड़ते चले गए ,कूका आन्दोलन के तहत नामधारियों ने बलिदान दिया .

1929 में लाहौर अधिवेशन की सदारत पंडित जवाहरलाल नेहरु ने की .क्रांतिवीरों के त्याग और इनके प्रति

सम्मान और सही दृष्टि  रखने वाले कांग्रेसियों का भी अन्दर से दवाब बना .इस दरमियान 1857 की क्रान्ति

बारहा उमड़  पड़ती थी .गर्म दल का दवाब बरपा था .ये भगत सिंह चन्द्र , आज़ाद ,बिस्मिल जैसों की टोली

थी जो सर पे कफन बांधे घूमती थी .

1946 में नौ सेना का विद्रोह हुआ ,एक तरफ सरदार पटेल का आन्दोलन दूसरी तरफ गांधीजी का सत्याग्रह

इस सारी  उथल पुथल में अंग्रेजों ने भी जब  थोड़ाथोड़ा  स्वीकारना शुरू कर दिया कि अब आगे दाल नहीं

गलेगी तब जाके कोंग्रेस की हिम्मत हुई कि वह  कोंग्रेस के संविधान में संशोधन  करे .

गांधीजी तो इस संस्था के चवन्निया सदस्य भी नहीं थे (सदस्यता शुल्क तब चवन्नी ही थी )उन्हीं की आड़

लेकर कोंग्रेस भी अब खड़ी  हो गई .पहला और दूसरा महा युद्ध हो चुका था अंग्रेजों के भी पैर उखड़ने लगे थे .



कोंग्रेस को किसानों   के आन्दोलन का श्रेय लेने का हक़ नहीं जाता  जिन्होनें नील की खेती को लेकर

आन्दोलन किया था कुर्बानियां दी थीं .

यदि किसी एक बात का श्रेय कोंग्रेस को जाता है तो वह आज़ादी की लड़ाई का नहीं है ,भारत के विभाजन

का है .नेहरु जैसे लोग इतना ही नहीं कश्मीर के मुद्दे को भी संयुक्त राष्ट्र संघ तक घसीट के ले गए .देश का

नहीं तो कमसे कम मनीश तिवारी जी कोंग्रेस का ही इतिहास पढ़ लें


कोंग्रेस ने एक ऐसी शातिर पार्टी होने का काम किया है जो दूल्हे के ऊपर से  होने वाली वार फेर के सारे पैसे

चादर फैलाके बटोर लेती है .

आज़ादी के बाद की कोंग्रेस को शासन का सहारा लेके आपातकाल लगाने के घृणित शोषणकारी कार्य  का

भी श्रेय दिया जा सकता है

.127 साल पुरानी कोंग्रेस अपनी गुलाम मानसिकता और चापलूसी की आदत पे गर्व कर सकती है पहले

अंग्रेजों की करती थी अब वोट बैंक के रहनुमाओं की करती है .

कोंग्रेस की सूरत कैसी है आज इसे चार पंक्तियों में डॉ .वागीश  मेहता ने यूं व्यक्त किया है :

साल सवा सौ बूढी औरत ,घर बैठे कई भरतार ,

कुर्सी चस्का बहुत पुराना ,लंठ शंठ सब साझीदार .

और नीयत कैसी है कोंग्रेस की उसकी एक बानगी और देखिये :

ख़ास वोट पर गिद्ध  निगाहें ,घाव देश पर लगे हज़ार ,

मुंबई ,जयपुर ,पूना दिल्ली ,शहर स्टेशन सब लाचार ,

शीशे में सेकुलर सरकार .

सुशील शर्मा जैसे लोग जो पत्नी को तंदूरी मुर्ग बनाके निकल गए कोंग्रेस की असली वृत्ति के प्रतीक हैं .

मंत्री पद जैसे जिम्मेदार व्यवहार को छोड़कर ढोलक बजाने जैसी बातें करना यह कोंग्रेसी व्यवहार है

.मनीष  तिवारी आज यही कर रहें हैं .किस बात पे गर्व करतें हैं मनीष तिवारी क्या अपनी बदजुबानी पर ?

आपने ही भारत के शौर्य के प्रतीक सेनापति को कहा था -उनकी औकात क्या है वह सरकारी  नौकर हैं .

 ये वही कोंग्रेस है जिसने क्रान्तिवीरों के प्रति कभी आदर नहीं रखा कुर्सी के लिए ही सदैव समझौते किए

शहीदों की फांसी के खिलाफ दिखावे को भी अपील नहीं की .


देखिये  उदगार मित्रवर रविकर जी के इस दोगली कांग्रेस के इतिहास पर :


रविकर 
मिले ब्रितानी को ख़ुशी, ह्युम ढालते ढाल |

सत्तावन की मार से, जो बिगड़े थे हाल |
जो बिगड़े थे हाल, गाल नहिं आज बजाओ |

छद्म गान्धि-सन्तान,चाट तलुवे सहलाओ |

भला करे भगवान्, गर्म दल की नहिं सानी |

अधिवेशन अमृतसर, हुवे सीधे ब्रितानी |

अपने मुंह मिट्ठू बने, मंत्री मियां मनीष ।

करवा कत्ले-आम वह, आम आदमी पीस ।

आम आदमी पीस, झेलते आम-शूल हैं ।

कर ले जलसे-आम, किन्तु यह आम-भूल है ।

निश्चित तेरी मौत, काठियावाड़ी घोडा -

मरेगा इक लात, नजर नहीं आय भगोड़ा ।।

सत्तावन में थे मरे, जब अंग्रेज हजार ।


कान्ग्रेस का जन्म हो, धर धरती हथियार ।

धर धरती हथियार, सँभाले तिलक बोस थे ।

लाल बाल अरविन्द, पाल से भरे जोश थे ।

बाँट बाँट के काट, किये टुकड़े हैं बावन ।

खड़ी होय अब खाट, पुन:आया सत्तावन ।।

करते कत्ले आम हो, पड़ें आम पर लात ।
आम आदमी की करो, किस मुंह से तुम बात ।
किस मुंह से तुम बात, राष्ट्रवादी इक साइड ।


बहू-राष्ट्र की पकड़, विदेशी जिसके गाइड ।

आम आदमी आज, तड़प करके हैं मरते ।

नेताओं का शौक, बड़े से गड्ढे करते ।।






सेहतनामा


सेहतनामा

(1)PARASITIC WORMS CAN TREAT CHRONIC DIARRHOEA

Researchers from the New York University Langone Medical Center in a study of monkeys found that parasitic worms could be used to successfully treat inflammatory bowel disease and restore gut bacteria to  a healthy state .The study was published in PLOS Pathogens.

(2)सिरका एक बेहतरीन रक्त प्रवाह रोधी ,त्वचा संकोचक है .Astringent है ,एक ऐसा पदार्थ है जो ऊतकों में

परस्पर एक तनन ,खिंचाव पैदा किए रहता है .

An astringent is a substance that draws tissues together ,

Sun Burns से बचाए रहता है ,नए साल पर गोआ जाने का मन है तो सिरका साथ में लेकर जाएँ .

(3)कील मुंहासों पर वाईट टूथ पेस्ट लगाके छोड़ दीजिये चंद घंटे चस्पां रहे यह पेस्ट (जैल  न हो ),सूख

जायेंगे कील मुंहासे .

(4)Low or high activity bad for knees:

घुटनों की हड्डियों के जोड़ों पर सुदृढ़ पदार्थ (उपास्थि या Cartilage ) के अपविकास (ह्रासी विकास )को पंख

लगा सकती है बहुत अधिक या बिलकुल न मालूम सी भौतिक हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी .खासकर प्रौढ़

(मिडिल एज एडल्ट )सावधान रहें .

एक अभिनव अध्ययन के यही संकेत हैं पूर्व में केलिफोर्निया विश्वविद्यालय ,सैनफ्रांसिस्को ,के रिसर्चरों ने

भौतिक  हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी और Cartilage degeneration में परस्पर एक अंतरसम्बन्ध का पता

लगाया था .

(5)होंठों को खुश्क (रुक्ष )होने से बचाइये

बस ऊंगली के पोर से थोड़ा सा देसी घी नाभि(belly button ,navel ) पे चुपड़ लें .होंठ नहीं फटेंगे सूखी हवा से

.गर्म चुपड़ी रोटी से

ऊँगली के पोरों से होंठों पर भी थोड़ा सा चुपड़ लें .चिकनापन होंठों का बना रहेगा .

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

सेहतनामा

सेहतनामा

(1)PARASITIC WORMS CAN TREAT CHRONIC DIARRHOEA

Researchers from the New York University Langone Medical Center in a study of monkeys found that parasitic worms could be used to successfully treat inflammatory bowel disease and restore gut bacteria to  a healthy state .The study was published in PLOS Pathogens.

(2)सिरका एक बेहतरीन रक्त प्रवाह रोधी ,त्वचा संकोचक है .Astringent है ,एक ऐसा पदार्थ है जो ऊतकों में

परस्पर एक तनन ,खिंचाव पैदा किए रहता है .

An astringent is a substance that draws tissues together ,

Sun Burns से बचाए रहता है ,नए साल पर गोआ जाने का मन है तो सिरका साथ में लेकर जाएँ .

(3)कील मुंहासों पर वाईट टूथ पेस्ट लगाके छोड़ दीजिये चंद घंटे चस्पां रहे यह पेस्ट (जैल  न हो ),सूख

जायेंगे कील मुंहासे .

(4)Low or high activity bad for knees:

घुटनों की हड्डियों के जोड़ों पर सुदृढ़ पदार्थ (उपास्थि या Cartilage ) के अपविकास (ह्रासी विकास )को पंख

लगा सकती है बहुत अधिक या बिलकुल न मालूम सी भौतिक हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी .खासकर प्रौढ़

(मिडिल एज एडल्ट )सावधान रहें .

एक अभिनव अध्ययन के यही संकेत हैं पूर्व में केलिफोर्निया विश्वविद्यालय ,सैनफ्रांसिस्को ,के रिसर्चरों ने

भौतिक  हलचल ,फिजिकल एक्टिविटी और Cartilage degeneration में परस्पर एक अंतरसम्बन्ध का पता

लगाया था .

(5)होंठों को खुश्क (रुक्ष )होने से बचाइये

बस ऊंगली के पोर से थोड़ा सा देसी घी नाभि(belly button ,navel ) पे चुपड़ लें .होंठ नहीं फटेंगे सूखी हवा से

.गर्म चुपड़ी रोटी से

ऊँगली के पोरों से होंठों पर भी थोड़ा सा चुपड़ लें .चिकनापन होंठों का बना रहेगा .

दिल की सलामती के लिए अब त्रिपक्षीय हृद चिकित्सा

दिल की सलामती के लिए अब त्रिपक्षीय हृद 

चिकित्सा


 कमजोर दिलों में जान फूंककर उन्हें मजबूती की और ले जासकती है एक त्रिपक्षीय शल्य

चिकित्सा व्यवस्था जिसने समाहित किया हुआ है :

(1)Angiogenesis

(2)Stem cells और

(3)Bypass surgery (Coronary artery bypass grafting )को .


Angiogenesis वह प्रक्रिया है जिसके तहत भ्रूण की शुरूआती अवस्था में जिसे एम्ब्रियो कह दिया जाता नव

रक्त वाहिकाएं पैदा होतीं हैं निर्मित होतीं हैं .कैंसर गांठ भी यूं ही पनपती है लेकिन यहाँ यह नव निर्माण

ब्लड वेसिल्स का दिल की प्रतिरक्षा के लिए किया जाएगा .

Stem cells वह मास्टर कोशायें हैं जिनके पास शरीर के अवयवों के निर्माण के लिए सॉफ्ट वेयर मौजूद रहता

है .कोशाओं की यह एम्ब्रियोनिक स्टेज होती है जब सब यकसां  विभेदन  के पहले  रहतीं हैं

Undifferentiated

stage of cells after conceptions undergoing few divisions.

 .विभेदीकरण के बाद सब दिए हुए प्रोग्राम के अनुरूप काम करतीं हैं .यहाँ अस्थिमज्जा से ये कलम

कोशायें उसी मरीज़ से प्राप्त की जायेंगी जिसे यह त्रिपक्षीय शल्य चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करवाई जायेगी

.उसी के दिल की कोशाओं की दुरुस्ती के लिए ये नव कोशायें गढ़ी जायेंगी .

बाई पास के तहत दिल को रक्त की आवाजाही के लिए एक वैकल्पिक नया रास्ता मुहैया करवाया जाता है

अवरुद्ध हो चुकी धमनियों को बाई पास किया जाता है .

भारतीय मूल के अमरीकी चिकित्सा और शल्य के माहिर डॉ .मुकेश हरिआव्ला अगले बरस की पहली

तिमाही में मुंबई के जसलोक अस्पताल में इस  त्रिपक्षीय चिकित्सा व्यवस्था का पहला मामला निपटायेंगे .

इस शल्य के तहत एक तरफ लेजर उद्दीपन (Laser stimulation )के ज़रिये दिल के अन्दर ही तात्कालिक तौर

पर नव रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसिल्स ) तैयार कर ली जायेंगी दूसरी तरफ मरीज़ की ही अस्थि मज़ा से

पल्लवित कलम कोशायें भी

इंजेक्ट की जायेंगी .

यह अभिनव शल्य भी एक तरह से कुदरती बाईपास ही है जिसके  तहत वैकल्पिक रक्त वाहिकाएं शरीर के

अपने कार्य व्यापारों से ही हासिल कर ली जातीं हैं .


यह तितरफा  शल्य उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है जिनकी रक्त वाहिकाएं उम्र के साथ

अपविकास को प्राप्त होने लगतीं है डीजेनरेट   होने लगतीं हैं .ह्रासी विकास होने लगता है ऐसा ही

मधुमेहियों के मामले में धमनियों का रोग पुराना पड़  जाने के बाद होने लगता है .ऐसे में बाईपास के बाद

भी धमनियां दोबारा जल्दी से अवरुद्ध हो जातीं हैं स्टंटइंग   भी मुमकिन नहीं रह जाती  है .मुझे ऐसे ही एक

मरीज़ की तीमारदारी करने निकट से ऐसे मामलों को बूझने का मौक़ा मिल चुका है .

"The surgery is mainly meant for very sick patients ,whose blood vessels degenerate over the years

-especially those who suffer from diffused disease ,which is very common in diabetics "-says Dr

Hariawala.

डॉ हरिआव्ला कहतें हैं मरीज़ से अस्थि मज्जा प्राप्त करने के बाद 6-8 हफ़्तों में प्राप्त हो पातीं हैं इनसे

कलम कोशायें स्टेम सेल्स .

शल्य के लिए दो टीयर वाली व्यवस्था चाहिए इस विशेष स्युइट  में Cath Lab और operation theatre दोनों

की सुविधाएं मौजूद रहनी चाहिए .

Cath lab :

A cardiac catheterization laboratory or cath lab is an examination 

room in a  hospital or clinic with diagnostic imaging equipment used 

to support the cathetererization procedure.

मरीज़ के ओपरेशन थियेटर में लाये जाने के बाद माहिर लेज़र की मदद से angiogenesis के ज़रिये नवरक्त

वाहिकाएं  विकसित करतें हैं पहले से ही मौजूद वाहिकाओं  की मदद से .

In this process ,vascular endothelial growth factor (VEGF) is a signal protein produced by cells that

restores the oxygen supply to tissues when blood circulation is inadequate.

"when VEGF is released within the body because of the laser ,it forms alternative blood vessels .At

the peripheral area where the angiogenesis is performed ,we then inject the patient's own stem cells

.This patches up or completely restores the blood vessels and the patient will not need further

cardiac intervention ,"said the Harvard -trained Dr Hariawala.

आलमी स्तर पर इस त्रिपक्षीय शल्य चिकित्सा के नैदानिक परीक्षण  आज़माइशएं  22 मरीजों पर कामयाबी

के साथ किये जा चुकें हैं .

 यह चिकित्सा व्यवस्था दिल की हरेक परेशानी का इलाज़ नहीं है समाधान भी नहीं है  ,सभी को यह मुहैया

भी नहीं करवाई जायेगी .यह एक पेचीला शल्य है केवल उन्हीं मरीजों को मुहैया करवाया जाएगा जिनकी

रक्त वाहिकाएं ह्रासी विकास की अवस्था में ,डीजेनरेट कर रहीं हैं .तथा अकेले बाईपास समाधान नहीं है

जिनके लिए .

संदर्भ -सामिग्री :Coming soon, tripple therapy to make hearts beat longer/TIMES CITY /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,P3.







सोमवार, 26 नवंबर 2012

MAKING HEART STRONGER

Coming soon ,tripple therapy to make hearts beat stronger

The surgery is like a natural bypass ,wherein , we create alternative vessels from body's own

functions -Dr Mukesh Hariavala

THE IMPACT

In about 8 weeks ,complete restoration of blood supply is achieved and the patient is unlikely to need repeat surgery in the future

INDIAN PLANS

Triple heart therapy will be offered first in Mumbai's Jaslok Hospital as part of a clinical trial .So far the surgery has been successfully carried out on 22 patients worldwide

Tripple Heart therapy is a combination of angiogenesis ,stem cells and bypass surgery , and is done as a single operation

It is best suited for patients with diffuse three-vessel coronary artery disease ,especially diabetics

PROCEDURE

Angiogenesis is a process ,where new blood vessels are grown on the heart from pre-existing ones .In tripple therapy stimulation is done by lasers on the heart that releases VEGF (vascular endothelial growth factor)

Stem cells are derived from the hip bone marrow of the patient .This is filtered during the bypass surgery and injected in the matrix portion of the heart , where laser stimulation is done

Bypass surgery is also carried out at the same time

For the tripple heart surgery , a hybrid suite having a combination of cath lab and operation theatre is required

सम्पूर्ण पारिभाषिक शब्दावली के साथ जल्दी ही यह आलेख हिंदी में भी 

पढ़िएगा 

वीरुभाई .




हाथ धोने के पीछे का विज्ञान(दूसरी क़िस्त )

        गंदे हाथों को रगड़, ले साबुन या राख |
सर्वव्याप्त जीवाणु हैं, सेहत करते खाख |

सेहत करते खाख, कीजिये लाख सुरक्षा |
हवा धूल जल वस्तु, भरे घर दफ्तर कक्षा |


छोड़ फिरंगीपना, भला मानुष बन बन्दे |
पॉक्स फ्लू ज्वर एड्स, तपेदिक हैजा गंदे ||------------- रविकर कुंडली  

वाले ब्लॉग -धर .


   है क्या ज़रासीम या रोग कारक जर्म या पैथोजन ?


What is  a germ ?

जीवाणु ,विषाणु ,आदिजंतु प्रोटोजोया और फफूंदी के रोगाणु नंगी आँखों आपको भले दिखलाई न दें हैं सभी

एक ही थाली के चट्टे बट्टे रोगकारक बोले तो Pathogens हैं .पैथालोजी कहतें हैं रोगविज्ञान को .

क्योंकि इन्हें देखने के लिए हमें चाहिए एक सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप )इसी लिए इन्हें कह दिया जाता है

Micro-organism (सूक्ष्म जीव या सूक्ष्म जैविक आवयविक संस्थान )या Microbes (अति सूक्ष्म जीवाणु /

रोगाणु ).

सर्व-व्यापी  हैं यह ज़रासीम (जीवाणु ,रोगाणु ,विषाणु ,आदि )नलके की टोंटी पर भी दरवाज़े की नाब

,हेन्दिल पर भी .हमारी हवा ,पानी ,धूल मिट्टी ,फर्नीचर सभी पर ये हमसे पहले ही पसरे रहतें हैं .

गंदे हाथ तो इनकी कोलोनी ही होते हैं 

कैसे कैसे रोग फैलाते हैं ये रोगाणु ?

विषाणु से पैदा होने वाले रोग 

फ्ल्यू ,इनफ़्ल्युएन्ज़ा ,आम सर्दी जुकाम ,इस्माल पोक्स(चेचक ,अब समाप्त प्राय :) ,वायरल फीवर ,पोलियो

,एच आई वी -एड्स ,यकृत-

शोथ ,जिगर की सूजन बोले तो हेपट़ाइटिस (जौंडिश ,पीलिया ,हेपटाइट्स -A,B ,C,E ),H1N1

INFLUENZA सभी विषाणु जन्य रोग हैं .भले एच आई वी -एड्स और हेपटाइटिस बी के फैलने की वजहें

दूसरी हैं ,यौन संपर्क(मुख -गुदा -योनी मैथुन ,रक्ताधान आदि ) , फिरंगिपन जीवन का इनके मूल में है .

जीवाणु से पैदा होने वाले रोगों में शामिल हैं मियादी बुखार (Typhoid),तपेदिक

(TUBERCULOSIS ),हैजा

 (CHOLERA) आदि .

प्रोटोजोया से पैदा रोगों में शामिल हैं मलेरिया ,डायरिया (अतिसार ,पेचिश )

फफूंद जन्य रोगों में शामिल हैं कई चर्म  रोग (फंगल इन्फेक्शन ऑफ़ ग्रोइन ),रिंगवोर्म (दाद ,विशेषतया

सिर  और पैरों पर होने वाला चर्म रोग .

Ring worm is a fungal infection of the skin (that produces small red areas,often itchy)the scalp or

the nails .

 अतिसार से  बचाव का प्रभावी और आसान  उपाय है हाथ  ठीक से 

धोइए 

माँ  बाप को खुद बनना पड़ेगा  आदर्श रूप बाहर से घर आने पर खुद भी साबुन से हाथ साफ़ कीजिए

बच्चे स्वत : अनुकरण करेंगे .

अतिसार के रोगाणु मानवीय  मल (human feces )में डेरा डाले रहतें हैं

एक ग्राम मल में डेरा डाले पड़े रह सकतें हैं एक करोड़ विषाणु (वायरस ),दस लाख जीवाणु .

These are the sources of Shigellosis ,Typhoid ,Cholera ,all other common gastro -enteric infections ,and some respiratory infections such as influenza and pneumonia.

Removing excreta and cleaning hands with soap after contact with fecal material -from using the toilet or cleaning a child prevents the transmission of bacteria,viruses and protozoa that cause diarrheal diseases.

कैसे धोइयेगा हाथ ज़नाबे आला ?

ऊँगलियाँ नीचे की ओर रखते हुए गुनगुने या फिर नलके के चलते हुए पानी में साबुन मलिए .बीस सेकिंड

तक मलिए हाथों को आहिस्ता आहिस्ता  ,ऊंगलियों  के बीच ऊँगलियाँ  फंसाके ,नाखून की रिज को भी

मलिए .तसल्ली से धोइए मल  मल  के हाथों के बोले तो हथेलियों की छत को ,कलाइयों को ,ऊंगलियों के

बीच की जगह को .ऊंगलियों की पोरों को ,हाथ इस दरमियान नीचे सिंक की ओर रहें ,अगूंठा भी साफ़ करें

.चलते नलके में धोने  के बाद सूखे हुए तौलिये से (साफ़ तौलिये से ,पेपर नैपकिन से )पौछ लीजिये हाथों को

अच्छे से .

ज़नाब अब टोंटी भी तौलिए या पेपर नैपकिन से ही बंद कीजिए ,दरवाज़े की नोब भी ,हेन्दिल आदि जो भी

हो वह भी इसी तौलिये से खोलें .

कैसे काम करता है साबुन ?

यह धूल ,मिट्टी ,Dirt और soil को निलंबित करता है .

गुनगुने पानी की मौजूदगी में पानी का सर्फेस टेंशन (पृष्ठ तनाव )कम होजाता है ,चमड़ी के अन्दर से मेल

,रोगाणु ,ग्रीज़ी साइल को बाहर खींच निकालता है साबुन पानी .जबकि सिर्फ पानी से हाथ धोना धूल मिट्टी

ही हटा पाता है ओइली साइल नहीं .

रगड़ने की प्रक्रिया रोगाणुओं को घर्षण बल से   बाहर खींच निकालती है .गुनगुना चलता हुआ पानी

निलंबित

dirt और soil को बाहर कर देता है .

कसके पोछने  की प्रक्रिया शेष बचे खुचे ज़रासीमों को निकाल बाहर करती है .



HOW TO CLEAN YOUR HANDS WITH ALCOHOL -BASED 

HAND RUB 

एक हाथ की हथेली पर चवन्नी भर बीतता सा HAND RUB GEL लीजिये अब भली प्रकार से हाथों को

आपस में तब तक मिलिए ऊपर नीचे ऊंगलियों के बीच से जब तक यह ज़ज्ब न हो जाए .

यह तेज़ी से सूक्ष्म जीव (रोगाणु आदि )का नाश करता है .हाथों को निर-जीवाणुक करता है ,Reduce

bacterial counts on hands .

Wash your hands with soap and water when your hands are visibly soiled .

If soap and water is not available ,use alcohol based hand rub (wipes or gels)

सन्दर्भ -सामिग्री :

http://realityviews.blogspot.in/2012/11/how-to-wash-your-hands-with-soap-and.html

HOW TO WASH YOUR HANDS WITH SOAP AND WATER ,IMPORTANCE OF HAND WASHING WITH SOAP.

दूसरी क़िस्त )



रविवार, 25 नवंबर 2012

हाथ धोने के पीछे का विज्ञान

हाथ धोने के  पीछे का विज्ञान




घुप अंधेरो को मिटाना चाहिए ,

हर गली हर मोड़ पे ज्ञान की लौ जलानी चाहिए ,

इस देश के नौनिहाल को बताना चाहिए ,

हाथ किस तरह मलमल के धोना  चाहिए ,

वरना स्वास्थ्य का गणित गड़बड़ हो जाएगा ,

ज़िन्दगी हाथ मलने का सबब बन जाएगा .

---------शायर अज़ीज़ जौनपुरी साहब .



क्या सिर्फ नलका खोलके पानी से हाथ धोना पर्याप्त है ?साबुन लगाना ज़रूरी है तो क्यों है?


बतलादें आपको पानी से सिर्फ धूल मिट्टी साफ़ होगी ज़रासीम (कीटाणु )नहीं .गंदे रोगाणु सने हाथ प्रत्येक

15 सेकिंड में एक नौनिहाल की जान ले लेते हैं .वजह होती है सिर्फ इन्हीं हाथों से खाना खाना .

UNICEF की एक विज्ञप्ति के अनुसार हरेक तीस सेकिंड में एक बालक अतिसार (Diarrhea) की भेंट चढ़

रहा है .विश्वस्वास्थ्य संगठन के अनुसार पांच साल से कम उम्र के अठारह लाख सत्तर हज़ार बच्चे इसी

अतिसार का निवाला  बन जाते हैं हर साल .

पाकिस्तान में संपन्न एक अध्ययन के अनुसार सिर्फ साबुन से भली भाँती हाथ धोते रहने से न्युमोनिया से

सम्बंधित संक्रमणों में पचास फीसद की कमी दर्ज़ की गई जबकि चमड़ी का संक्रमण Impetigo 34%कम हो

गया .

Impetigo :चमड़ी का एक छूतहा संक्रमण है .यह  जीवाणु Streptococcal  और Staphylococcal से

सम्पर्कित होने पर लगता है .इस संक्रमण में चमड़ी पर फफोले पड़  जाते हैं .पीला -भूरा (धरती या लकड़ी के

रंग का ,सूर्य ताप से भी भूरी हो जाती है त्वचा )खुरंड आ जाता है ठीक होने की प्रक्रिया में .

These blisters form yellow-brown scabs.

Research shows that hand washing with soap reduces the incidence of infections like intestinal

worms ,especially ascariasis and trichuriasis.

Ascariais is infestation of the intestines by common roundworms or related nematode worms (ascarids).

It is a disease caused by infestation with the parasitic worm Ascaris lumbricoides.Adult worms in the intestine can cause abdominal pain ,vomiting ,constipation ,diarrhoea ,appendicitis ,and peritonitis; in large numbers they may cause obstruction of the intestine.

Ascariasis occurs principally in areas of poor sanitation ; it is treated with levamisole.

हमारे हाथ भी रोगाणु वाहक  vector का काम करते हैं .यह रोगाणु  संक्रमित हाथों से  सीधे संपर्क में आने

से भी एक से  दूसरे व्यक्ति तक  अंतरित हो जातें हैं ,इनके द्वारा छुई हुई चीज़ों को औरों द्वारा छूने से भी

.र्रोग कारकों के वाहक होतें हैं संक्रमित हाथ. बस इन्हीं हाथों से चीज़ों को छूने भर की देर है .

बचा जा सकता है इन रोगों से /रोगकारकों से सिर्फ साबुन से हाथ धोते रहने से :

(1)Helminthes (worms)

(2)Eye infections like trachoma,and (रोहा ,रोहे , आम  भाषा में आँख  दुखनी आना )

(3)Skin infections like Impetigo.(चर्म पूय ,इमपिटाईगो )

सिर्फ हाथ धोने की  आदत कितने ही रोगकारकों से हमारी हिफाज़त कर सकती है .एक से दूसरे व्यक्ति तक

इन रोग कारकों के संचार को रोक सकती है .किसी भी टीके  से ज्यादा भरोसे  मंद सिद्ध हो सकती है यह

अर्जित आदत .



कितने ही ज़रासीम और बीमारियों की वजह हमारे ये रोगाणु सने हाथ ही बनते हैं .

खाना पीना करने से पहले तथा रेस्ट रूम्स ,पेशाब घर आदि इस्तेमाल करने के बाद हाथ ज़रूर धोइए घर

आकर भी .

(ज़ारी )







सेहतनामा

सेहतनामा



रविकर 


नारिकेर जल दुग्ध में, कॉपर है भरपूर |

भरा विटामिन ए यहाँ, दूर खड़ा मत घूर |

दूर खड़ा मत घूर , करे जो नियमित सेवन |

चमड़ी हो नहिं रुक्ष, लचीलापन भी एवन |

है प्रस्तुति यह मस्त, डंक गर मारे कीड़ा |

सिरका रगडो वहां, हरे झट पट यह पीड़ा |||



नारियल दूध   में मौजूद रहता है Copper और Vitamin A . यह धमनियों को अन्दर से लोच  खोकर खुरदरा

होने से बचाता है ,चमड़ी को रुक्ष होने से .दोनों का लचीलापन भी बनाए रहता है नारियल से प्राप्त दूध  का

नियमित सेवन .

The copper and vitamin A in coconut milk helps maintain elasticity of the skin and blood vessels.

Coconut milk  is the sweet watery juice that is contained within a coconut and is used in drinks and cookery .

Coconut milk is not the liquid from inside the nut, but the extract of freshly grated coconut 

flesh. The flesh is first soaked in hot water, then allowed to cool, after which the liquid is 

strained off. This process that yields both coconut milk and coconut cream. The two 

liquids will separate when left to stand: the thick white cream will rise to the surface of the 

liquid leaving the clear watery milk below. Coconut milk gives a distinctive taste and 

smoothness to curries, sauces and rice.

Coconut milk is the liquid that comes from the grated meat of a coconut. The color and 

rich taste of the milk can be attributed to the high oil content.

कुछ कीड़ों और जीवों का डंक शरीर को विषाक्त कर देता है डंक के दर्द से तीखी पीड़ा भी होती है .

लेकिन आम मख्खी मच्छर बर्र ,मधुमख्खी आदि के डंक मारने पर घर में मौजूद सिरका लगाने से थोड़ी 

राहत पहुचती है .

Insects bites or stings can be soothed by quickly pouring vinegar on them .



सेहतनामा

 कमतर केलोरी खुराख थाम सकती  है बुढ़ाने की पींग

एक सेहतमंद अक्लमंदी से चयनित खुराख न सिर्फ आपको जीवन शैली  रोग मधुमेह से लेकर कैंसर समूह

के रोगों से बचाए रह सकती है ,बुढापे के बढ़ते क़दमों को भी कुछ तो थाम ही सकती है .अल्जाइमार्स जैसे

डीमैंशा से भी बचाए रह सकती है ,दिल की बीमारियों से भी .स्वास्थ्यवर्धक थाली एक गुण अनेक .

Fred Hutchinson Cancer Research Center में संपन्न एक नूतन अध्ययन के यही निष्कर्ष हैं .

LOW CALORY DIET CAN SLOW DOWN AGING 

Adhering to a sensible healthy eating regime may slow down aging and even ward off diseases from

diabetes to cancer ,and dementia to heart illness , a study by the Fred Hutchinson Cancer Research

Center has found.


मूली में गुण बहुत हैं 


साधारण सफ़ेद रंग की मौसमी मूली अपने स्वभाव में मूत्रल है ,मूत्रवर्धक (Diuretic ) है ,गुर्दों की साफ़

सफाई करती है .भले गुर्दे खुद सफाई कर्मचारी हैं .


White radish is diuretic in nature and helps cleanse kidneys  



दूध में मौजूद रहतें हैं एमिनो और लेक्टिक अम्ल  

ये दोनों ही अम्ल हमारी चमड़ी को नम बनाए रखतें हैं .रुक्ष नहीं होने देते .

exfoliants हैं .

Exfoliation is flaking off of the upper layers of the skin .

 To  exfoliate  is to scrub skin with a gritty substance to remove the dead surface layer.

Menstrual Cramps :

माहवारी के दौरान पेट के निचले हिस्से पेड़ू  में होने वाली ऐंठन से बचाव के लिए रोज़ एक चम्मच तिल (Sesame seeds )के दानों का सेवन करना चाहिए .

Fennel for mental health:

सौंफ का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ,अवसाद और बे -चैनी दोनों को कम करता है इसका सेवन ,मुख दुर्गन्ध नाशी तो है ही .

Once -a -week drug offers new hope to diabetics



मधुमेह के लिए अब हफ्तावार नवप्रवर्तनकारी दवाएं

Once -a -week drug offers new hope to diabetics

दिवास्वप्न रहा है मधुमेह ग्रस्त लोगों का कैसे भी रोज़ रोज़ की इन्सुलिन सुइयों ,सुबह शाम की एंटी -

डायबेटिक दवाओं से निजात मिले कोई सुईं कोई टीका निकल आये कमसे कम महीने में एक मर्तबा ही लेने

वाली कोई मधुमेह रोधी दवा आ जाए . नव परिवर्तन वादी दवाएं इसी दिशा में उठा एक कदम है .

जैव -औषधीय दवाओं के निर्माण से सम्बन्धी शोध से जुड़ी कई दवा कम्पनियां इन दिनों आलमी स्तर पर

कमसे कम 221 ऐसी ही नवप्रवर्तनकारी दवाओं के निर्माण में व्यस्त हैं .इनमें से कितनी ही दवाओं के या तो

इन दिनों नैदानिक परीक्षण  चल रहे हैं या फिर वह अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था के पुनाराकलन  से गुजर

रहीं हैं .  इनमें से 32 दवाएं टाइप 1 डायबेटीज़ (T1 D) के प्रबंधन से ताल्लुक रखतीं हैं तो 130 दवाएं T2D

तथा 64 दवाएं मधुमेह सम्बन्धी  परिश्थितियों से जुड़ी हैं .

हफ्तावार  ली जाने वाली दवाएं जल्दी ही उन 6 करोड़ तीस  लाख भारतीयों की ज़िन्दगी में नै उमंग भर

सकतीं हैं जो जीवन शैली रोग मधुमेह से ग्रस्त हैं .

The drugs which will help around 347 million patients include new therapies that target abnormalities of pancreatic cells , increase insulin secretion without significantly reducing blood sugar ,have reduced dosage ,minimize painful nerve damage and prevent diabetic kidney disease .

Examples of new cutting edge approaches to fight the disease include a once -daily medicine that selectively inhibits the protein associated with glucose metabolism , a drug designed to inhibit an enzyme linked to diabetic neuropathy and a medicine to treat type 2 diabetes(T2D)that may allow for a once -a -week regimen.

1990 के बाद से अब तक T2D के प्रबंधन में प्रयुक्त छ :नै किस्म की (NEW CLASS OF T2D

MEDICINES) दवाओं को खाद्य एवं दवा संस्था से मंजूरी भी मिल चुकी है .

जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बनके खड़ा हुआ है यह जीवन शैली रोग ,एक व्यक्ति का नहीं एक

पूरे परिवार का रोग है जो  पुराना पड़ जाने पर   तरह तरह के पेंच  डाल देता है आर्थिक तंग हाली पैदा कर

देता है पूरे परिवार के लिए . स्वास्थ्य सेवाओं पर तो अतिरिक्त भार पड़ता ही पड़ता है .

नवप्रवर्तन कारी दवाएं इस खीझ को थोड़ा कम ज़रूर करेंगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है .

मधुमेह के लिए अब हफ्तावार नवप्रवर्तनकारी दवाएं


मधुमेह के लिए अब हफ्तावार नवप्रवर्तनकारी दवाएं

Once -a -week drug offers new hope to diabetics

दिवास्वप्न रहा है मधुमेह ग्रस्त लोगों का कैसे भी रोज़ रोज़ की इन्सुलिन सुइयों ,सुबह शाम की एंटी -

डायबेटिक दवाओं से निजात मिले कोई सुईं कोई टीका निकल आये कमसे कम महीने में एक मर्तबा ही लेने

वाली कोई मधुमेह रोधी दवा आ जाए . नव परिवर्तन वादी दवाएं इसी दिशा में उठा एक कदम है .

जैव -औषधीय दवाओं के निर्माण से सम्बन्धी शोध से जुड़ी कई दवा कम्पनियां इन दिनों आलमी स्तर पर

कमसे कम 221 ऐसी ही नवप्रवर्तनकारी दवाओं के निर्माण में व्यस्त हैं .इनमें से कितनी ही दवाओं के या तो

इन दिनों नैदानिक परीक्षण  चल रहे हैं या फिर वह अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था के पुनाराकलन  से गुजर

रहीं हैं .  इनमें से 32 दवाएं टाइप 1 डायबेटीज़ (T1 D) के प्रबंधन से ताल्लुक रखतीं हैं तो 130 दवाएं T2D

तथा 64 दवाएं मधुमेह सम्बन्धी  परिश्थितियों से जुड़ी हैं .

हफ्तावार  ली जाने वाली दवाएं जल्दी ही उन 6 करोड़ तीस  लाख भारतीयों की ज़िन्दगी में नै उमंग भर

सकतीं हैं जो जीवन शैली रोग मधुमेह से ग्रस्त हैं .

The drugs which will help around 347 million patients include new therapies that target abnormalities of pancreatic cells , increase insulin secretion without significantly reducing blood sugar ,have reduced dosage ,minimize painful nerve damage and prevent diabetic kidney disease .

Examples of new cutting edge approaches to fight the disease include a once -daily medicine that selectively inhibits the protein associated with glucose metabolism , a drug designed to inhibit an enzyme linked to diabetic neuropathy and a medicine to treat type 2 diabetes(T2D)that may allow for a once -a -week regimen.

1990 के बाद से अब तक T2D के प्रबंधन में प्रयुक्त छ :नै किस्म की (NEW CLASS OF T2D

MEDICINES) दवाओं को खाद्य एवं दवा संस्था से मंजूरी भी मिल चुकी है .

जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बनके खड़ा हुआ है यह जीवन शैली रोग ,एक व्यक्ति का नहीं एक

पूरे परिवार का रोग है जो  पुराना पड़ जाने पर   तरह तरह के पेंच  डाल देता है आर्थिक तंग हाली पैदा कर

देता है पूरे परिवार के लिए . स्वास्थ्य सेवाओं पर तो अतिरिक्त भार पड़ता ही पड़ता है .

नवप्रवर्तन कारी दवाएं इस खीझ को थोड़ा कम ज़रूर करेंगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है .

शनिवार, 24 नवंबर 2012

मधुमेह के लिए अब हफ्तावार नवप्रवर्तनकारी दवाएं

मधुमेह के लिए अब हफ्तावार नवप्रवर्तनकारी दवाएं

Once -a -week drug offers new hope to diabetics

दिवास्वप्न रहा है मधुमेह ग्रस्त लोगों का कैसे भी रोज़ रोज़ की इन्सुलिन सुइयों ,सुबह शाम की एंटी -

डायबेटिक दवाओं से निजात मिले कोई सुईं कोई टीका निकल आये कमसे कम महीने में एक मर्तबा ही लेने

वाली कोई मधुमेह रोधी दवा आ जाए . नव परिवर्तन वादी दवाएं इसी दिशा में उठा एक कदम है .

जैव -औषधीय दवाओं के निर्माण से सम्बन्धी शोध से जुड़ी कई दवा कम्पनियां इन दिनों आलमी स्तर पर

कमसे कम 221 ऐसी ही नवप्रवर्तनकारी दवाओं के निर्माण में व्यस्त हैं .इनमें से कितनी ही दवाओं के या तो

इन दिनों नैदानिक परीक्षण  चल रहे हैं या फिर वह अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था के पुनाराकलन  से गुजर

रहीं हैं .  इनमें से 32 दवाएं टाइप 1 डायबेटीज़ (T1 D) के प्रबंधन से ताल्लुक रखतीं हैं तो 130 दवाएं T2D

तथा 64 दवाएं मधुमेह सम्बन्धी  परिश्थितियों से जुड़ी हैं .

हफ्तावार  ली जाने वाली दवाएं जल्दी ही उन 6 करोड़ तीस  लाख भारतीयों की ज़िन्दगी में नै उमंग भर

सकतीं हैं जो जीवन शैली रोग मधुमेह से ग्रस्त हैं .

The drugs which will help around 347 million patients include new therapies that target abnormalities of pancreatic cells , increase insulin secretion without significantly reducing blood sugar ,have reduced dosage ,minimize painful nerve damage and prevent diabetic kidney disease .

Examples of new cutting edge approaches to fight the disease include a once -daily medicine that selectively inhibits the protein associated with glucose metabolism , a drug designed to inhibit an enzyme linked to diabetic neuropathy and a medicine to treat type 2 diabetes(T2D)that may allow for a once -a -week regimen.

1990 के बाद से अब तक T2D के प्रबंधन में प्रयुक्त छ :नै किस्म की (NEW CLASS OF T2D

MEDICINES) दवाओं को खाद्य एवं दवा संस्था से मंजूरी भी मिल चुकी है .

जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बनके खड़ा हुआ है यह जीवन शैली रोग ,एक व्यक्ति का नहीं एक

पूरे परिवार का रोग है जो  पुराना पड़ जाने पर   तरह तरह के पेंच  डाल देता है आर्थिक तंग हाली पैदा कर

देता है पूरे परिवार के लिए . स्वास्थ्य सेवाओं पर तो अतिरिक्त भार पड़ता ही पड़ता है .

नवप्रवर्तन कारी दवाएं इस खीझ को थोड़ा कम ज़रूर करेंगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है . 

अनिद्रा रोग और जेट लेग के समाधान के लिए अब ख़ास चश्मे

अनिद्रा रोग और जेट लेग के समाधान के लिए अब ख़ास चश्मे

Specs that can prevent jet lag , cure insomnia

रिसर्चरों ने ऐसे चश्मे बना लिए हैं जो हमारी जैव घड़ी  को आगे पीछे करके हमें अनिद्रा रोग तथा जेट लेग


से राहत दिलवा सकतें हैं .पालियों में काम करने वालों की पालियों को आरामदायक बना सकतें हैं .इन ख़ास

ग्लासिज़ को कहा जा रहा है "Time Control Spectacles" जिनसे पैदा होने वाली ख़ास हरी रोशनियाँ (green

glow)हमारी जैव घड़ी  की रीप्रोग्रेमिंग कर देतीं हैं एक नया सॉफ्ट वेयर थमा देती हैं जैव घड़ी  को .हमारी

नींद की प्रतिकृति ,रंग ढंग ,  स्लीप पैटर्न को तब्दील कर देतीं हैं यह हरियाली चमक .

इस री-टाईमर का इस्तेमाल लम्बी  हवाई यात्रा जिसमें उड़ाका अनेक टाइम जोंस के पार चला आता है तेज़ी

से जैव घड़ी  को धता बताकर की दुरुस्ती     के लिए किया जा सकता है ताकि यात्री विमान से तरो ताज़ा

उतरे

थका मांदा नहीं आज की तरह .

रिसर्चरों के मुताबिक़ अनिद्रा का समाधान भी छिपा है  इस री -टाइमर में तथा पाली में काम करने वाले


कर्मियों को भी यह काम के दौरान फुर्तीला चुस्त दुरुस्त बनाए रख सकेगा  .

किशोर किशोरियों को सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ने में भी मदद गार साबित होगा यह री -टाइमर .

दरअसल इस री -टाइमर से निसृत हरियाली चमक दिमाग के उसी हिस्से को उद्दीपन प्रदान करती है जो

हमारी (24x7)  कार्यशील जैव घड़ी का विनियमन करता है .

जैव घड़ी को वांछित नए टाइम ज़ोन में यह युक्ति आहिस्ता आहिस्ता ले आती है जबकी लम्बी हवाई

यात्राओं के दौरान इन टाइम जोंस में अवतरण बेहद तेज़ी से होता है जिसके साथ हमारी जैव घडी तालमेल

नहीं बिठा पाती है .यह आकस्मिक परिवर्तन टाइम जोंस का ही जेट लेग की वजह बनता है .

यहाँ इसकी गुंजाइश समाप्त कर  दी  जाती है री -टाइमर से ,री -टाइमिंग द्वारा .

हमारे दिमाग के आधारीय हिस्से में मौजूद एक ग्रंथि के व्यवहार को बदल देती है हरियाली चमक .यही

ग्लेंड  हमारे circadian rhythm को संचालित करती है उस पर नियंत्रण रखती है .

Circadian rhythm is a biological rhythm or cycle of 24 hours.

Biological clock is the set of mechanism within living organism that 

link physiological processes 

with daily ,monthly , or seasonal cycles or with stages of 

development and aging .

यही जैव घड़ी समस्त जीव जगत की शरीर क्रियावैज्ञानिक गतिविधयों का सम्बन्ध पल छिन ,पहर से ,पौ

फटने ,दिन छिपने से जोड़े रहती है .ब्रह्म मुहूरत में कौवों की कांव कांव इसी जैव घड़ी से संकेत ग्रहण करती

है .

दरअसल हरा प्रकाश पड़ने पर यही  ग्रंथि शेष शरीर को सन्देश भेजती है .यही सन्देश हारमोन पैदा करवातें

हैं जिनसे संचालित होती है जैव घड़ी .

जो अर्ली बर्ड्स हैं जल्दी सोतें हैं जल्दी बिस्तर छोड़ के  उठ जातें हैं उन्हें यह युक्ति प्रात : काल 50 मिनिट

पहननी पड़ती है जो गए रात देर तक काम करतें हैं और देर से उठतें हैं (नाईट आउल्स )उन्हें यह युक्ति

सोने से पहले इतनी ही देर तक पहननी पड़ती है ताकि जैव घड़ी  को आगे पीछे आहिस्ता आहिस्ता किया

जा सके .

Jet lag :

Jet lag is an internal disturbance experienced by air travellers on flights across different time zones.

As anyone who has ever flitted across multiple time zones knows, when your internal clock is unable to adapt to a rapid change in the light-dark cycle, the result is jet lag. Read: fatigue, moodiness, gastrointestinal unpleasantness.

http://travel.nytimes.com/2012/08/19/travel/a-battle-plan-for-jet-lag.html?pagewanted=all&_r=0


A Battle Plan for Jet Lag








सेहतनामा

सेहतनामा

 कमतर केलोरी खुराख थाम सकती  है बुढ़ाने की पींग

एक सेहतमंद अक्लमंदी से चयनित खुराख न सिर्फ आपको जीवन शैली  रोग मधुमेह से लेकर कैंसर समूह

के रोगों से बचाए रह सकती है ,बुढापे के बढ़ते क़दमों को भी कुछ तो थाम ही सकती है .अल्जाइमार्स जैसे

डीमैंशा से भी बचाए रह सकती है ,दिल की बीमारियों से भी .स्वास्थ्यवर्धक थाली एक गुण अनेक .

Fred Hutchinson Cancer Research Center में संपन्न एक नूतन अध्ययन के यही निष्कर्ष हैं .

LOW CALORY DIET CAN SLOW DOWN AGING 

Adhering to a sensible healthy eating regime may slow down aging and even ward off diseases from

diabetes to cancer ,and dementia to heart illness , a study by the Fred Hutchinson Cancer Research

Center has found.


मूली में गुण बहुत हैं 


साधारण सफ़ेद रंग की मौसमी मूली अपने स्वभाव में मूत्रल है ,मूत्रवर्धक (Diuretic ) है ,गुर्दों की साफ़

सफाई करती है .भले गुर्दे खुद सफाई कर्मचारी हैं .


White radish is diuretic in nature and helps cleanse kidneys  



दूध में मौजूद रहतें हैं एमिनो और लेक्टिक अम्ल  

ये दोनों ही अम्ल हमारी चमड़ी को नम बनाए रखतें हैं .रुक्ष नहीं होने देते .

exfoliants हैं .

Exfoliation is flaking off of the upper layers of the skin .

 To  exfoliate  is to scrub skin with a gritty substance to remove the dead surface layer.