शनिवार, 3 अक्टूबर 2009

वक्ष स्थल घना हो रहा है जर्मन फ्रालींस का .

कालिदास ने औरत की जंघाओं की तुलना केले केवृक्ष के तने से तथा भरे हुए बदन वाली स्त्री को पीनास्तनी (स्थूल आकार स्तन वाली युवती )कहा है ।
अब पता चला है गत एक साल से जर्मन भाषी फ्रोलींस (क्वारी महिलायें ,मिस का पर्याय वाची शब्द है -फ्रोलीन )पीन -स्तनी होती जा रही है -कारण है केलोरी डेंस ,हाई -केलोरी चिकनाई सनी खुराख .कहीं ना कहीं तो चर्बी जमा होनी ही है .बोडी शेप्स से ताल्लुक रखता है यह अध्धय्यन जिससे पता चला है ,एक और जर्मन युवतियों की ब्रेस्ट का आकार एक इंच बढ़ा है वहीं हाईट में भी इजाफा हुआ है ।
औसत जर्मन महिला की हाईट अब ५ फीट ५ इंच आंकी गई है .
ek kaaran aur prakaash me aayaa hai -pahle ki tulnaa me ab jyaadaa mahilaayen garbh -nirodhi goliyon kaa sevan kar rahin hain .(More and more women आर now popping up birth control pills as main course contraceptive . )ज्यादा से ज्यादा महिलायें वहाँ अब गर्भ निरोधी गोलियों का स्तेमाल कर रहीं हैं .दीवानगी इधर भी है -"माला दी " से बढ़कर बात आई -पिल तक पहुँच गई है .कौन बतलाये इन मोतार्माओं को -सौ फीसद कारगर नहीं है -इमरजेंसी पिल -गर्भ -निरोधी साधन के रूप में ।
एक कमाल और भी है ग़लत खुराख जर्मन मर्दों को कभी भी मोटा नहीं होने देती .बेड न्यूज़ फार डा फ्रोलींस ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ब्रेस्ट गेट्स बिगर इन जर्मनी (टाईम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ३ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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