शनिवार, 30 जून 2012

दीर्घायु के लिए खाद्य :



दीर्घायु के लिए खाद्य :जैसे जैसे हमारी जानकारी समझ बूझ बढती है  यह शीशे की तरह साफ़ होता चला जाता है ,हमारे दीर्घायु होने न होने का सम्बन्ध सिर्फ हमारी खानदानी दाय से ही नहीं है हमारे रोज़ मर्रा के उन फैसलों से भी है जो हम अपने पोषण ,नींद तथा सेहत से जुड़े अन्य व्यवहारों के बारे में करते हैं .हमारे रोज़ मर्रा के इसी व्यवहार से जुडी है हमारे जीवन की गुणवत्ता .कैसा जीवन जी रहें हैं हम लोग हमारे हाथ में है इसमें रद्दोबदल करना .अभी एक हालिया अध्ययन से इल्म हुआ है  विटामिन डी एवं केल्शियम सम्पूरण दीर्घायु होने की कुंजी है .हमारी उर्वर कल्पना के घोड़े तेज़ दौड़ने लगे कहने लगे हमसे और भी बहुत कुछ होगा ऐसा खाद्य पदार्थ जिसकी नव्ज़  हमारी लम्बी उम्र से जुडी है .

सात चीज़ें जेहन में खुद -बा -खुद चली आईं :

(1)ब्रोक्काली 

(2)ओट्स 

(3)स्ट्राबरी 

(4)चोकलेट 

(5)टमाटर 

(6)अखरोट /पीकंस 

(7)बेबी रेडिश (बेबी लाल गांठ मूली ).

खाद्य और भी हैं घोड़े दौडाओ .

खाद्य रेशों का अपना स्वास्थ्य विज्ञान  है .



खाद्य रेशे आपके खान पान को नियमित बनाए रहतें हैं .

Fibres keeps you regular .


हृद रोगों से बचाए रहतें हैं .

Prevents heart diseases.

आपको पेट भरे होने का एहसास होता है .

Fibres keeps you full .

कितने रेशें खाएं रोजाना 

38 ग्राम रोजाना यदि आप की उम्र 50 या 50 साल से कम है .और आप पुरुष  हैं .

30 ग्राम यदि उम्र पचास से ऊपर है और आप पुरुष हैं .

महिलाओं के लिए यह मात्रा क्रमश :25 और 21 ग्राम है .




(1)  Foods For Longevity: 7 Picks That Could Add Years To Your Life


Posted:  Updated: 06/26/2012 12:17 pm
The more we learn, the clearer it is that longevity isn't just about our genetic heritage. Instead we can control many of the factors that will influence the quality and quantity of our years with all those small, daily decisions we make about nutrition,fitnesssleep and other health behaviors.
So when we saw the recent study linking vitamin D and calcium supplements to a longer lifespan, it got us thinking. What other nutrients or foods could help improve lifespan? Read on for some tasty items that may just add years to your life.
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Broccoli For Cancer Protection
Broccoli and other cruciferous vegetables are full of sulforaphane and other antioxidants that help to protect healthy cells from damage caused by free radicals.

But when it comes to the veggies, raw may be better: recent research has found that boiling in water has a "leaching effect."
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शुक्रवार, 29 जून 2012

ज्यादा देर आन लाइन रहना माने टेक्नो ब्रेन बर्न आउट

एक वयस्क व्यक्ति दिन भर में आठ साढ़े आठ घंटा इंटर नेट से जुड़ा रहता है .सबके अपने अपने शगल है अपने अपने तकाज़े ,टारगेट्स कोई विडीयो देख रहा है कोई मोबाइल गेजेट्स का इस्तेमाल कर रहा है  तो कोई ब्लोगिंग में ही मशगूल है .कोई टेक्स्टिंग या फिर सेक्स्तिंग में .यह कयास लगाया है eMarketer ने .

 आभासी दुनिया में हम इतना खो जातें हैं कि अपनी असल दुनिया से कट जातें हैं . ऑफ़ लाइन ज़िन्दगी को ही भूल जाते हैं .

यही कहतें हैं गैरी स्माल एम. डी. आप UCLA(यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया लोस एन्जीलीज़ कैम्पस )में मनोरोग विभाग एवं जीव व्यवहार विज्ञानों (Bio-behavioral sciences)में प्रोफ़ेसर हैं. प्रोद्योगिकी आपके दिलो -दिमाग पे बरपा है .क्या आप चाहतें हैं आप शासित  रहें यूं ही प्रोद्योगिकी के माया जाल से ?सवाल पूछते हैं गैरी .

The Problems — Chronic multitasking


असल समस्या है ला -इलाज़ मल्टी -टास्किंग -एक ही समय पर एकाधिक काम निपटाने करने की सनक 


कम समय में आप अधिक काम चाहतें हैं यही है न मल्टी -टास्किंग का असल मकसद हो ठीक इसका उलटा रहा है जो हेवी -मल्टी -टास्किंग में मुब्तिला रहतें हैं वह दक्षता में भी उनसे पिछड़ जातें हैं जो कभी कभार ही मल्टी -टास्किंग का सहारा लेतें हैं .यह नतीजा निकला है स्टेनफोर्ड  यूनिवर्सिटी में किए गए प्रयोगों का .मल्टी -टास्किंग ला -परवाह भी बनाती है ऐसे में अप्रासंगिक अ -सम्बद्ध सूचना भी चली आती है आपके संज्ञान में उसकी अनदेखी आप नहीं कर पाते .

हमारी तेज़ी ही हमें ला -परवाह बना देती है यही कहना है गैरी का .

रिसर्च से यह भी इल्म हुआ है मल्टी -टास्किंग से रिश्ता हुआ टपकता हुआ  क्रोनिक स्ट्रेस दिमागी याददाश्त केंद्र को अरक्षित छोड़ देता है वल्नारेबिल बना देता है ला -इलाज़ हमेशा हर दम बने रहना वाला दवाब हमारे दिमाग के याददाश्त केंद्र को .

The Solutions — Live now



इस पल को भी जी लो ,निचोड़ लो इस पल छिन को 

टी वी एंकर की तरह तुरता हाल बयाँ मत करिए घटनाओं का जो आपके सामने प्रसवित हो रहीं हैं .देखिए निस्पृह भाव घटनाओं का घटित होना प्रसव के सुख को .ऐसे भी जल्दी क्या है .तुरत बयानी की ?

भूल जाइए चीं चीं  चूँ  चूँ  ट्वीट को .

सोशल नेट वर्क की अप डेटिंग भी कर लेना पहले ये देखो जीवन का हर पल कितना खूबसूरत है .अलग है हर पल हरेक दूसरे पल से .

हर पल का एक नखलिस्तान है जो लौट के नहीं आना है .


डॉ गैरी कहतें हैं सुबह सवेरे एक समय सु -निश्चित कर लीजिए ई -मेलिंग का ये नहीं कि पूरे दिन में इसे फैलाया हुआ है .

 The Problems — Diminished social skills

प्रोद्योगिकी  से चकराया हुआ भ्रमित दिमाग सामाजिक हुनर से दूर चला जाता है ,पिछड़ जाता है सोशल स्किल्स में .

वह बातचीत तो करता है सामाजिक सेट अप में लेकिन वक्ता के भाव को मुख मुद्राओं को ताड़ नहीं पाता ,जबकी दैहिक मुद्राओं की अपनी एक सशक्त भाषा होती है .चेहरे भी  संवाद करतें हैं कोई पढने वाला तो हो यहाँ तो एक टेक्नो सावी है व्यक्ति ला -पता है .

अपनी किताब iBrain में डॉ गैरी इसकी विस्तार से चर्चा करते हैं .

The Solutions - Find quite

ए दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहां कोई न हो  ,अपना पराया मेहरबां ना -महरबाँ कोई न हो ....


सोने के लिए एक माहौल चाहिए जहां कोई अलार्म न हो ,स्मार्ट फोन का चार्जर न हो ,घड़ी की टिक टिक न हो ,गेजेट्स को भी अब शांत होना है यहाँ आपको प्रोद्योगिकी नहीं बेड  रूम में सामीप्य चाहिए किसी का ,टेलीफून की घंटी नहीं ....

कुछ पल तो हो जब कोई बे -चैनी न हो ,एन्ग्जायती न हो किसी भी किस्म की .

The Problems -"Tecnobrain burnout"

आन  लाइन घंटों बिना विश्राम काम करते करते लोग थक जातें हैं बद मिजाज़ भी हो जातें हैं .

डॉ गैरी इसी अवस्था को कहतें हैं डिजिटल फोग "टेक्नो -ब्रेन बर्न आउट "

आपकी अधि -वृक्क  ग्रन्थियों (adrenal glands)तक इत्तला जाती है स्ट्रेस हारमोन ज्यादा बनाओ .सामान्य   से  ज्यादा बनाओ स्ट्रेस हारमोन कोर्टिसोल तथा एड्रीनेलिन .

कालान्तर में इस सबका प्रभाव हमारे बोध जगत पर संज्ञान में चीज़ों को लेने की प्रक्रिया पर भी पड़ता ही है .दिमागी न्यूरोन- न्यूरोन  संवाद सर्किट भी तबदील होने लगता है .यही परिपथ तो नियामक है संचालक है हमारी विचारना का ,सोच विचार की ताकत का .हमारे मूड का नियंता है यही न्यूरोन सर्किट .

The Solutions -Fall asleep

  

In an experiment at Harvard, Sara Mednick, Ph.D., and her colleagues were able to reduce the negative impact of techno-brain burnout in volunteers by adding variety to mental tasks and by introducing strategic power naps--a reminder that "sleep mode" has advantages for human beings too.


दिमागी कामों में विविधता तथा बीच बीच में एक झपकी एक सु -निश्चित अंतराल के बाद लेते रहना टेक्नो -ब्रेन -बर्न -आउट के दुष्प्रभावों और मार से बचा सकती है .हारवर्ड में इस बाबत किए गए प्रयोगों का यही निष्कर्ष है .

ज्यादा देर आन लाइन रहना माने टेक्नो ब्रेन बर्न आउट 

सन्दर्भ -सामिग्री :

How Technology Is Frying Your Brain




Technology can fry your mind. Stay connected without powering down your productivity.
Adults spend about 8 1/2 hours a day on the Internet, watching video, or using mobile gadgets, according to estimates from eMarketer. "The problem is that we get glued to our devices and forget we have a life offline," says Gary Small, M.D., a professor of psychiatry and biobehavioral sciences at UCLA. Don't let technology rule your life. Here's how to know if it's gone too far.
The Problems — Chronic multitasking
You multitask to accomplish more in less time, right? Yet an experiment at Stanford University revealed that heavy media multitaskers were less efficient than people who multitasked less often. They also had difficulty ignoring irrelevant information. "We become faster but also sloppier," Dr. Small says. Research also suggests that chronic stress from multitasking can make your brain's memory center more vulnerable to damage.
The Solutions — Live now
Don't snap a photo of every meal, or tweet about that concert while it's happening. "Consider enjoying a seminal experience fully before posting about it," says Daniel Sieberg, author ofThe Digital Diet. "There's always time to update your social network, but life is worth living in the moment first." Dr. Small suggests designating e-mail time in the morning so you don't sweat it all day. You can also use these 5 Steps to a More Productive Morning to accomplish more at work, too.
The Problems — Diminished social skills

The tech-addled brain "drifts away from fundamental social skills, such as reading facial expressions during conversation or grasping the emotional context of a subtle gesture," Dr. Small writes in his book iBrain.
(Article continues below video)
The Solutions — Find quiet

In iBrain, Dr. Small advises creating a quiet environment, even if it's only temporary, to ease anxiety. That may mean silencing gadgets, disabling alerts and alarms, or instituting a no-phone zone. "No charging the smartphone in the bedroom," Sieberg says. "Keep the room a sanctuary and you might even aid intimacy."
The Problems — "Techno-brain burnout"

People who work online for several hours nonstop report feeling spaced-out, fatigued, irritable, and distracted. Dr. Small calls this digital fog "techno-brain burnout." It causes your brain to alert your adrenal glands to secrete the stress hormones cortisol and adrenaline. Over time, this process can impair cognition and alter the neural circuitry in brain regions that control thought and mood. Sharpen your memory, boost creativity, and slay stress with these 27 Ways to Power Up Your Brain.
The Solutions — Fall asleep

In an experiment at Harvard, Sara Mednick, Ph.D., and her colleagues were able to reduce the negative impact of techno-brain burnout in volunteers by adding variety to mental tasks and by introducing strategic power naps--a reminder that "sleep mode" has advantages for human beings too.