शनिवार, 30 मई 2009

गुब्बारेवाला .


प्राचीन अलेक्सेन्ड्रिया शहर के नदीतट pअर वो गुब्बारे बेच रहा था .उसका अंदाज़ निराला था .जब कोई बच्चा माँ बाप के संग उसके पास आकर निहारता उसके चेहरे की आभा निखरती .वो तरीके से अंग्रेज़ी मैं बोलता ,विच शेप एनीमल यू वांट ?उत्तर सुनने पर वो गुब्बारा फुलाता एक पम्प से ,धागे से बांधता और पलक झपकते ही वो शक्ल हाज़िर .उसके पास एक दानपत्र था ,जिस पर लिखा था ,माई लिविंग ,आप जो भी उसमे डालें ,१-२ डालर ,डाइम क्वाटर उसका एक ही ज़वाब होता थेंक यू .दारिद्र्य,दयनीयता का भाव कहीं नहीं ,एक संतोष ,एक मुस्कराहट उसके चेहरे पर चस्पां थी .बचपन में गुब्बारे वाला हमारी गली में भी आता था ,पिपनी बजाता ,जिसके एक सिरे पर फुला हुआ गुब्बारा होता .कीमत एक आना ,निर्भाव होता उसका चेहरा ,कोई ख़रीदे तो ठीक न ख़रीदे तो ठीक ,कोई शिकवा नहीं कोई शिकायत नहीं .आज भी उसकी हालत जस की तक है ,देश तब भी आजाद था आज भी है ,अलबत्ता अब उसका चेहरा पहले से ज्यादा उदास ज्यादा निर्भाव है ,कहीं कोई चमक कोई उमीद नहीं ,फ़िर न-उमीदी भी कैसी ?

गुरुवार, 7 मई 2009

आज फ़िर जीने की तमन्ना है .

हर्ष का विषय है अखिल भारतीय प्रशाशनिक सेवा ( आई ऐ एस )मेंमहिलायों का शीर्ष पर आना ,उससे भी ज्यादा खुशी इस बात पर है ,हिन्दी माध्यम ने झंडे गाढे ,दरसल भाषा की गुलामी हमारी चेतना पर बोझ है ,पूर्व प्रधान मंत्री नर्सिघ राव जी ने कहा था :कितनी अजीब बात है ,हिन्दी हमारी राष्ट्र भास्षा है ,फ़िर भी ,हिन्दी दिवस मानना ,मनाना पड़ता है ,घान्धी जी ने १५ अगस्त १९४७ को कहा था "मैं आज अंग्रेज़ी बोलनी भूल गया हूँ ,"मतलब साफ़ था :देश की आज़ादी भाषा की और भाषा की आज़ादी देश की सच्ची आज़ादी है .आज भी हिन्दी फॉण्ट की अल्प उपलब्धता साहित्य और साहित्य कार के बिच ही अवरोध बनी हुई है ,जबकि कंप्यूटर एक ज़रिया है ,आप के साहित्यिक अवधान को सँजोकर रखने का ,कंप्यूटर साक्षरता भी आदे आ रही है ,उमीद की किरण आई आई टी ,कानपूर ने पैदा की है ,नया हिन्दी सॉफ्टवेयर रचकर ,जो विज्ञानं को हिन्दी में उतारेगा.हिन्दी के प्रचार में बोलीवुड का अपना योगदान है .अब हिन्दी रोज़गार भी देगी ?उमीद पे दुनिया कायम है .आज फ़िर जीने की तमन्ना है .

बुधवार, 6 मई 2009

आज का भारत

मनमोहनजी की सरकार ने आज साम्प्रदायिकता को चरम पर पहुंचा दिया है .पहले सच्चर कमीशन बनाया ,फौज मैं मुसलमानों की गिनती करवाई ,राष्ट्रीय संसाधनों पर मुसलामानों का पहला हक़ बतलाया ,आस्ट्रेलिया मैं पकड़े गए एक आतंकी की याद मैं ,तदानुभुती दिखाते भोगते प्रधानमन्त्री तमाम रात सो नहिंपाये .अब और क्या चाहते हैं जब वरुण जैसे नौज़वानों पर रासुका लगने लगा है ,सिर्फ़ ये कहने पर "जो हिन्दुओं पर हाथ उठेगा मैं उसे तोड़ दूंगा "और देश कैसे टूटता है ,आप का हाथ किसके साथ है ?आम आदमी के या मुसलामानों के ,जो हो ,बहरहाल अपना हाथ बचा के रहना :वरुण आ जाएगा .

क्वात्रोकी को भारतरत्न

बकौल प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह भारतसरकार ने इस (क्वात्रोकी )शरीफ जादे को बहुत तंग किया है ,हाईकोर्ट विश्व मत से बड़ा नहीं होता ,माफ़ी मांगनी चाहिए हाई कोर्ट को और क्वात्रोकी को बतौर हर्जाना भारत रत्न मिलना चाहिए ,आख़िर राहुल -प्रियंका के मामा है क्वात्रोकी .मनमोहनजी हम तो आपके कायल हो गए ,भाई नेता हो तो ऐसा हो .