बुधवार, 21 अक्टूबर 2009

ओर्थोरेक्सिक ,बुलिमिया ,अनोरेक्सिक नर्वोसा की जद में आते .....

खूबसूरत दिखने का ओब्सेसन इनदिनों -बुलिमिया ,ओर्थोरेक्सिक और अनोरेक्सिक नर्वोसा के रूप में अधिकाधिक सामने आ रहा है .सेहत के लिए तीनो ही खतरनाक हैं ।
बुलिमिया में आप पहले बे -इन्तहा खाए चले जातें हैं (बिंजईटिंग करतें हैं )और फ़िर वजन ना बढे और पोषक तत्व शरीर में रह जाएँ इस दिल्युस्जन (भ्रांत धारणा )में आप सेल्फ इन्द्युस्द डायरिया और वोमिटिंग के लिए लेक्सेतिव्स और अन्य उपाय आज़मातें हैं -ताकि आदर्श कद काठी के अनुरूप आपका वेट बना रहे (अक्सर पहलवान ऐसा करते देखे जातें हैं )।
अनोरेक्सियानर्वोसा १२ -२१ साला युवतियों का ओबसेशन है ,मोटा होते जाने का भ्रम है ,जीरो फिगर को पाने का ओबसेशन है .जिसमे युवतियां शीशे के सामने अपनी फिगर जब भी निहारतीं हैं -उन्हें लगता है ,वे बेहद मुतिया रहीं हैं -चाहें शरीर सूख कर कृशकाय हो जाए .बोदी वेट आदर्श कद -काठी के अनुरूप वेट से २५ फीसद या और भी ज्यादा कम हो जाए और इन्हें यह भ्रम बना रहे -हम मोटे हो गए ,हमारा फिगर ख़राब हो गया यही वहम सालता रहे ।
और तीसरे छोर पर है -२४ घंटा हेल्दी और सिर्फ़ हेल्दी फ़ूड के बारे में सोचते रहना ,फ़ूड केलोरीज़ गिनते रहना ,और इस प्रक्रिया में और कुछ भी ना कर पाना ।
जीवन में थोडा बहुत ओबसेशन तो सब को ही होता है -मसलन घर लोक करने के बाद एक बार लौट कर फ़िर चेक करना -लोक लगाया था या नहीं ,ठीक से लोक हुआ या नहीं ,लेकिन बार बार लौट कर लोक ही चेक करते जाना ,आफिस से बीच में कई मर्तबा आकर ऐसा कर जाना ॥
सिर्फ़ हाथ धोते रहना या फ़िर बार बार झाडू पौंछा करते रहना दिन में बीसियों बार एक ओबसेशन है एक "ओब्सेसिव कम्पल्सिव दिस -आर्डर है ,जिसका बा कायदा इलाज़ होना चाहिए ।
बुलिमिया नर्वोसा ,ओर्थोरेक्सिक नर्वोसा और अन्रोक्सिया नर्वोसा इसी का प्रकट रूप है ,मेनिफेस्तेशन है ।
एक आधुनिक जीवन शैली रोग है ,जिसका बाकायदा इलाज़ होना चाहिए ।
अनोरेक्सिया नर्वोसा का एक माम ला मैंने ख़ुद अपने आस पास देखा है .वह खूबसूरत किशोरी बाकायदा हमारे घर आती थी .हमारे बच्चों के साथ एक ही स्कूल में पड़ती थी .माँ उसकी सी एम् ओ ज़रूर थी लेकिन उसकी बीमारी उन्होंने किसी से सांझा नही की .वह लड़की हमारे घर आकर छुप जाती थी ,भूख जैसा कुछ लगने पर सिकी हुई रोटी को और सेंकती थी दरहकीकत जला लेती थी ,दाल में और पानी मिला लेती थी .मुझे अपनी बिटिया से पता चला उसकी माहवारी भी बंद हो गई थी .कृशकाय देह अस्थि पंजर हो चली थी ,उसे बचाया नही जा सका .आज तक मैं यह हादसा भूल नहीं सका .

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