गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009

तरंग आनुवंशिकी का मायावी संसार -तीसरी किश्त

विज्ञानियों का कहना है ,यदि एक सम्पूर्ण मानव अपनी शख्सियत के साथ -साथ "सामुदायिक चेतनता -ग्रुप कोंशाश्नेस "को भी फ़िर से हासिल करले तो वह तो भगवान् बन जाएगा ,वह चीज़ों का स्वरूप मनमाफिक तरीके से बदल सकेगा -मानवता धीरे धीरे इसी और बढ़ रही है ।ग्रुप कान्शाशनेस के माहिर -
शोध -छात्रों ने टाईप -वन सिविलिजेशन सिद्धांत का प्रतिपादन किया है -एक ऐसी मानवता के सामने ना किसी किस्म की पर्यावरण सम्बन्धी समस्या होगी ना ऊर्जा संकट .क्योंकि ये तमाम लोग एक सामुहिक्चेतना एक ग्रुप कान्शाश नेस के तहत अपनी तमाम मानसिक शक्तियों का stemaal prithvi naamaaak ग्रह पर maujood ऊर्जा sanshaadhanon के niyantran me कर सकेंगे ।
एक siddhantik (theoretical Type -२ ,civilisation )would even बी able तूकंट्रोल अल energies ऑफ़ their home गैलेक्सी ।
whenever अ great many people focus their attention or consciousness on something similar like Christmas टाइम ,foot बाल वर्ल्ड championship or दी funeral ऑफ़ michal jeckson then certain random नम्बर generators इन computers start तू डिलीवर ordered numbers instead ऑफ़ दी random ones .An ordered group consciousness creates order इन its whole surroundings ।
As अ rule weather इस rather difficult तू influence by अ single indvidual .But it may बी influenced by अ group consciousness (nothing new तू some tribes doing it इन their rain dance s .).weather इस strongly influenced by earth resonance frequencies ,दी सो called Schumann frequencies .but डोज़ same frequencies are आल्सो produced इन आवर ब्रेन्स एंड व्हेन मानी पीपुल सिन -करोनैज डे -आर थिंकिंग ,और इन्दिविदुअल्स (स्प्रितुअल मास्टर्स ,फॉर इन्स्तांस )फोकस डे -आर थाट्स इन लेजर -लैक फैशन ,देन ईट इज सा -इनती -फिकाली स्पीकिंग नाट इत आल सर -प्रैजिंग इफ दे कें एन दस इन फ्लुएंस वेदर .
यानी वाही शूमाँ आन फ्रीक्युएंसी अपना करिश्मा दिखा सकतीं हैं जब बहुत सारे लोग मिलाकर एक ही दिशा में सोचतें हैं .
यानी जो जड़ में है वाही तो चेतन में भी है ,इसलिए प्रकृति और हामारे जीवन खंडों ,जीवन इकाइयों जींस के साथ छेड़ छाड़ करना ठीक नहीं हैं ,खतरनाक है .अपने अन्दर समाहित ताकतों जेनेटिक साफ्ट वेअर जीन -प्रोग्रेमिंग पर भरोसा किजीये ।
सन्दर्भ सामिग्री :इवोल्यूशन -बायलाजी -वेव जेनेटिक्स दी वेव स्ट्रक्चर आफ मैटर एंड वेव जेनेटिक्स -गूगल सर्च -वेव जेनेटिक्स ।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
नोट :पूअर ट्रेन्स -लिटरेशन सर्विस ने खिचडी भाषा ही परोसने दी ,माफ़ी चाहता हूँ -वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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