यहाँ संविधानिक पद कोंग्रेस -एन सी पी के पास हैं ,क़ानून राज ठाकरे का चलता है .ज़रा हठके ज़रा बचके यह बोम्बे मेरी जान .......
तो आज बोम्बे उर्फ़ मुंबई उर्फ़ राज ठाकरे का यह हाल है ,नामी ग्रामी लोगों को धमकाया जाता है .इतने बड़े देश में शाह रूख खान की हिमायत में खुलकर उन्हें सेक्युलर बतलाने समझने वाली लेदेकर एक प्रीती ज़िंटा हैंअनुपम खैर हैं ,अपने महेश भट्ट हैं और बस ।
युवा तुर्क २६ /११ के कमान्दोज़ की आंचलिकता का बिहार में जाकर हवाला दे रहें हैं ,रूपसियों के समुन्दर में .मान्य वर कमसे कम संविधान का तो हवाला दीजिये .यही कहा जा सकता है ,सेक्युलरवाद की कमाई पर पल रही राजनीति खीसे निपोड़ रही है .
गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010
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