पार- जातीय या फिर आनुवंशिक तौर पर संशोधित फसलों और तरकारियों (ग्रीन वेजितेबिल्स )का दौर है यह .इसी कड़ी में बीटी ब्रिंजल बेंगन की एक पार्जातीय नस्ल है .जिसमे मिटटी में पाए जाने वाले एक बेक्टीरिया "बेसईलास -थ्युरिन-जियेंसिस "से एक जीन क्राई १ ए सी लेकर बेंगनमें मिलाई गई है ।
समझा जाता है यह जीवन -इकाई (जीवन खंड ) बैंगन की फसल की कीड़ों से हिफाज़त करेगा .इन कीड़ों के पेट में एक ख़ास प्रोटीन होती है ,जो बेसईलास थ्युरिन्जियेंसिस में मौजूद विष (जो जीन की उपस्तिथि में ही पैदा होता है )से किर्या करके कीड़ों का खात्मा कर देती है .क्योंकि यह प्रोटीन मनुष्यों में नहीं पाई जाती इसलिए उन्हें किसी किस्म का ख़तरा नहीं है .लेकिन बीटी ब्रिंजल के विरुद्ध खड़े खेमे की माने तो यह बेक्टीरिया मिटटी से नहीं लिया गया है ,लेब में गढ़ा गया है .यह किसी भी तरह निरापद नहीं है .बीटी कोटन से हताश किसान आत्म ह्त्या कर चुका है .
रविवार, 21 फ़रवरी 2010
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