रविवार, 14 फ़रवरी 2010
दो बिल्लियों को नचाने वाला बन्दर .......
"माई नेम इज खान "उर्फ़ दो बिल्लियों के बीच में एक बन्दर .भारत सरकार और बाला साहिब ठाकरे की औकात फिल्म "माई नेम इज खान" के रिलीज़ के सन्दर्भ में दो बिल्लियों से ज्यादा नहीं है जिन्हें नचाने वाले खुद शाह रुख खान हैं ,एक शहीद के पुत्र एक शहीद के भतीजे ,आवाम के अज़ीम तर दोस्त .यहाँ भारत सरकार एक औसत बुद्धि वाले बच्चे की तरह बर्ताव करती रही है ,यदि चाहती ,कह सकती थी ,शाह रुख केआई पी एल बनाम पाकिस्तान वाले वक्तव्य से हम सहमत नहीं हैं ,लेकिन कला का संरक्षण हमारा दायित्व है ,हम फिल्म के ग्लोबल रिलीज़ पर आंच नहीं आने देंगे .इस देश का दुर्भाग्य ,भारत सरकार में आज ऐसे ही औसत सोच वाले लोगों का वर्चस्व है .
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