डेट रैप के बाद अब सेक्स्युअल शिकारियों की नजर "लीगल ड्रग्स "पर आ टिकी है .दुनिया भर की सरकारों को एक ऐसा निगरानी और कारगर तंत्र खडा करने की ज़रुरत बतलाई है "इंटर -नेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड "ने .वियेना आधारित इस बोर्ड के मुताबिक़ यौन शिकारी अब उन वैधानिक दवाओं का दूर उपयोग करने को आतुर हैं जो इंटर -नेशनल ड्रग कन्वेंसंज़ के दायरे से बाहर हैं ।
बहुत आसान है "सेक्स्युअल प्रीडे -तरस के लिए अपने खूबसूरत शिकार की ड्रिंक्स ,इतर खाद्य पदार्थों में इन दवाओं को चुपके से मिला देना .ताकि बाद में वह अपने शिकार का मनमाना सेक्स्युअल एब्यूज कर सकें .इन सेदेतिव्स दवाओं के स्तेमाल के बाद युवतियां सेक्स्युअल असाल्ट्स का विरोध करने लायक नहीं रह जातीं हैं .अलबत्ता उन्हें धीरे धीरे सब याद आ जाता है .यह कहना है एक वाच दोगका .एक ऐसा व्यक्ति जो कंज्यूमर के हितों की हिफाज़त करता है इसके अलावा और कर भी क्या सकता है .अलबत्ता अब जो करना है वह सरकारें ही कर सकतीं हैं .उपभोक्ता को भी खबरदारी बरतनी होगी .पब्लिक स्पेस में होने वाली अनेक पार्टीज़ ,सभा सोसायटीज़ में परोसे जाने वाले खाद्य और पेय पदार्थों की भी निगरानी रखने की इस दौर में महती ज़रुरत है जबकि सेक्स्युअल प्री -देटार्ज़ खुला खेल फरुखाबादी खेल रहें हैं ऐसी खबरदारी और भी ज़रूरी है ।
फ्लुनी -त्रज़ेपम का दुरूपयोग इस दौर में खबरदारी के चलते ही कम हुआ है .जो ब्रांड नेम "रोह्य्प्नोल "के नाम से बाज़ार में सहज सुलभ रही है .अंतर -राष्ट्रीय बिरादरी के सहयोग से ही इस सेदेतिव का दुरूपयोग काबू में आया है । एक रिपोर्ट के अनुसार अब यौन -भखुए गामा -हाई -ड्रोक्स्य-ब्युत्रिक एसिड (जी एच बी /कीतामाइन ) तथा गामा ब्युतैरो लेक्तोंन (जी बी एल ) हथिया लेना चाहतें हैं .इंटर नेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के अनुसार और प्रयासों की ज़रुरत है ताकि सभी तरह के ड्रग एब्यूज को रोका जा सके .एक पूरा क्रिमिनल माफिया सक्रीय है जो इन दवाओं के बहु विध निर्माण और दुरूपयोग की जुगत में है .तू दाल दाल मैं पांत पांत .....
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