अभी तक परिवार नियोजन के उपाय औरत को ही अपनाने पड़ते थे .कारण मर्द हमेशा ही रीयल स्टफ की मांग करता है "कंडोंम "से छिटकता रहा है,ओरल कोंत्रासेप्तिव लेना ऐसे में औरत के ही जिम्मे आता रहा है ,चाहे फिर वहभ्रामक आई -पिल हो ,जो निरापद नहीं है या फिर ६ दिनी आपात कालीन गर्भ निरोधी टिकिया ।या फिर आम गर्भ निरोधी टिकिया .
ऐसे में दो महीने के अंतराल पर लगने वाले दो इंजेक्शन जो मर्द को लगाए जायेंगे औरत के लिए ठंडी बयार के झोंके से कम नहीं है .साइंस दान इस दवा के परीक्षणों पर काम कर रहें हैं ,जिसे हर दो महीने के अंतराल पर दो सुइंयों के बतौर मर्द को लगाया जाएगा ।
इस दवा के परीक्षणों में औरत मर्द के लगभग अस्सी जोड़े भाग ले रहें हैं .एडिनबरा यूनिवर्सिटी में चल रहीं हैं ये आजमाइशें.यह दवा मिश्र होगी मेल सेक्स हारमोन "तेस्तोस्त्रोंन "और फिमेल हारमोन (मानव निर्मित )प्रोजेस्त्रोंन का .यह दवा मिश्र हमारे दिमाग को स्पर्म तैयार ना करने का आदेश पारित करेगी यानी दिमाग को बर्गालाएगी .ऐसे में दिमाग अन्य हारमोन के स्तर में भी कमीबेशी पैदा कर देगा जो स्पर्म उत्पादन को नियंत्रित करतें हैं .साइंसदानों की माने तो यह दवा ९९ फीसद मामलों में कारगर है .सुइंयों का सेवन एक बारगी बंद करने के बाद स्पर्म दोबारा बन ने लगेंगें यानी रिवार्सिबिल है यह गर्भ निरोधी उपाय .ठीक दो महीने के अंतराल पर लगने वाली दो सुइंयाँ .यकीन मानिए "जाब फॉर मेंन में मेक पिल हिस्ट्री ".
बुधवार, 17 फ़रवरी 2010
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