साइंसदानों के मुताबिक़ बीयर अस्थियों (बोन्स)के लिए अच्छी है क्योंकि यह दाइत्री(खुराखी )सिलिकान का एक एहम स्रोत है .सिलिकान बोन मिनरल डेंसिटी (अस्थि खनिज घनत्व )में इजाफा करता है .बीयर का मोडरेट सेवन ओस्टियो -पोरोसिस के खिलाफ जेहाद में मदद गार हो सकता है .अस्थि -क्षय (लास ऑफ़ बोन मॉस )होने लगता है ओस्टियो -पोरोसिस में अस्थियाँ भंगुर होकर उठने बैठने में भी टूट सकतीं हैं ।
महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद इसके मामले बढ़ जातें हैं ,क्योंकि स्त्रोजन स्त्री हारमोन बन्ना कमतर होता चला जाता है .योनी भी अन्दर से सूखने लगती है ।
६० के पार मर्द भी इसकी उतना ही चपेट में आने लगतें हैं .बार्ले (जों )से तैयार बीयर में सिलिकान का बाहुल्य रहता है .यह किण्वन (ब्रूइंग -प्रोसिस )के बाद भी ओर्थो-सैलिसिक एसिड के रूप में बना रहता है ।
सिलिकान की मौजूदगी लो बोन मॉस डिसीज़ ओस्टियो -पोरोसिस को मुल्तवी रखने में मदद गार हो सकती है .(हृद -रोगी अपने कार्डियोलोजिस्ट के परामर्श के बिना ,बीयर तो क्या रेड वाइन लेने से पहले भी परामर्श करलें ।)
बीयर में माल्टिद-बार्ले और होप्स का स्तर ऊंचा पाया जाता है ,इसीलिए सिलिकान भी ज्यादा रहता है .कमाल जौं की भूसी (बार्ले हस्क)का है जिसमे सिलिकान है .
मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010
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