शनिवार, 13 फ़रवरी 2010

चोकलेट्स और स्ट्रोक्स .....

चोकलेट्स और सेरिब्रोवेस्क्युलर एक्सिदेंट्स (स्ट्रोक )के संभावित अध्धय्यन की पड़ताल म्च्मस्टर यूनिवर्सिटी के सरह साहिब ने की है .आपने ऐसे तीन अध्धय्यनों की पड़ताल की है जो फ़्लेवोनोइद्स से भरपूर चोकलेट्स और स्ट्रोक के अंतर्संबंध को लेकर किये गए हैं ,इतना ही नहीं आपने ऐसे तीन अध्धय्यनों का विश्लेषण किया है .जो बतलातें हैं ,चोकलेट्स का सेवन स्ट्रोक और मौत के खतरों को कमतर करता है ।
चोकलेट्स में मौजूद फ़्लेवोनोइद्स बेहतरीन एंटी ओक्सिदेंट्स हैं .यही करामाती फ़्लेवोनोइद्स ह्रदय के लियें मुफीद (लाभदायक )पाए गएँ हैं ।
एक और अध्धययन में पता चला ,जिसमे ४४,४८९ लोगों को शरीक किया गया था ,इनमे से जिन लोगों ने प्रति सप्ताह चोकलेट की एक सर्विंग नियमित ली ,उन्होंने अपने लिए स्ट्रोक के खतरों को २२ फीसद कम कर लिया बनिस्पत उनके जो चोकलेट्स नहीं ले रहेथे ।
अलवा इसके एक अन्य अध्धययन में ११६९ लोग शामिल थे जो हर हफ्ते ५० ग्रेम चोकलेट खा लेते थे ,इनके लिए स्ट्रोक और तद्जन्य मौत का जोखिम ४६ फीसद कम पाया गया ।
फ़्लेवोनोइद्स का सेवन दिल की सेहत के लिए अच्छा पाया गया है.एन्वाय्रंमेंतल तोक्सिंस से (पर्यावरणी -विषाक्त पदार्थों से )सहज हिफाज़त मिलती है ।
अलबत्ता ऐसे और अध्धयन किये जाने चाहिए जो पुष्ट करें ,चोकलेट्स के सेवन से स्ट्रोक का जोखिम घट जाता है .ऐसा भी तो हो सकता है ,हेल्दी लोगों को चोकलेट्स की तलब औरों से ज्यादा होती है .

कोई टिप्पणी नहीं: