विश्व कैंसर दिवस पर विशेष
किसी भी ख़ास समय पर भारत में कैंसर रोग समूह के 30 लाख नए
मामले देखने को मिल जाते हैं .
पांच लाख लोग हर साल हमारे देश में कैंसर रोग समूह से मर जाते हैं .
40%कैंसर के मामलों की वजह तम्बाकू बन रही है .
भारत में होने वाले कैंसर रोग समूह में मुख विवर (ओरल केविटी ),फेफड़ों
के ,भोजन नली ,तथा अमाशय (उदर ,स्टमक )के कैंसर पुरुषों तथा
गर्भाशय ग्रीवा (बच्चे दानी की गर्दन ,सर्विक्स ),स्तन तथा मुख विवर
कैंसर के मामले महिलाओं में मुख्य तौर पर देखने को मिलते हैं .
दुनिया भर में जितने लोग एच आई वी -एड्स ,मलेरिया तथा तपेदिक से
कुल मिलाके मारे जाते हैं उससे ज्यादा की मौत कैंसर रोग समहू से हो
जाती है .
इस बरस विश्वकैंसर दिवस का विचारणीय विषय (प्रतिपाद्य ,विषय वस्तु
)कैंसर को लेकर जनमानस में व्याप्त भ्रांत और हानिकारक धारणाओं
और मिथ का निवारण करना है .
एक मिथ यह भी है :कैंसर होना मौत का वारंट मिलना है .जबकि आज
आधे से ज्यादा मामले समय रहते रोग निदान और अभिनव चिकित्सा
और दवाओं से ठीक कर लिए जाते हैं .
माहिरों के अनुसार भारत में दो तिहाई कैंसर मामलों से मौजूदा नीतियों
पर ज़ोरदार तरीके से अमल करके बचा जा सकता है .
एल्कोहल की खपत तथा मोटापे पे पकड़ को बनाए रखकर ,नियंत्रित एवं
संयमित रखके काफी फीसद कैंसर रोग समूह के मामलों को मुल्तवी रखा
जा सकता है .
गर्भाशय ग्रीवा के रोग निदान के लिए जल्दी ही अब सस्ती जांच उपलब्ध
करवाई जायेगी .मौजूदा 900 रुपया प्रति टेस्ट से गिरकर यह जांच
आइन्दा सौ रुपया में ही उपलब्ध करवाई जायेगी .
विश्वआर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम )के अनुसार आज भूमंडलीय
अर्थ व्यवस्था के लिए तीन बड़े जोखिम तत्वों में से कैंसर रोग समूह भी
एक बड़ा जोखिम है . वजह रोग निगरानी पर आने वाला बढ़ता हुआ खर्च
,रोग से होने वाली मौतों और अक्षमता के चलते उत्पादकता में गिरावट
तथा परिवारों की कंगाली बदहाली है।
गत वर्ष दुनियाभर के 117 देशों ने संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में कैन्सर
रोग समूह तथा गैर -संचारी रोगों से बचाव और नियंत्रण के लिए एक
रणनीति के तहत तम्बाकू ,एल्कोहल के असुरक्षित (बे -तहाशा )इस्तेमाल
,तथा मोटापे को काबू में रखने के लिए कदम उठाने का फैसला किया था
.साथ ही बेहतर पोषण की तरफ ध्यान देने का भी बीड़ा उठाया था .
बेशक भारत जैसे देश में 122 करोड़ लोगों के पोषण का ख्याल रखना एक
बड़ा काम है लेकिन तम्बाकू के बहु रूपा चलन पे लगाम लगाना ,सुपारी का
इस्तेमाल ,जंक फ़ूड के फैलाव को नियंत्रित करना सरकारों के लिए
मुश्किल नहीं होना चाहिए .
लोग सिर्फ तम्बाकू को ही कुसूरवार समझतें हैं .एल्कोहल ,सुपारी (छाली
,areca nut )मोटापे की तरफ से लापरवाह बने हुए हैं .पान मसाला ,मीठी
सुपारी (जिसमें अक्सर फफूंद लगी सुपारी शामिल हो जाती है सुपारी को
सुखाने के दौरान ही वह फफूंद पकड़ लेती है ,मीठा विष ,कैंसर कारक
पदार्थ बन जाती है )बराबर के कुसूरवार हैं .
माहिरों का यही कहना है .टाटा मेमोरियल अस्पताल के कैंसर माहिर डॉ
पंकज चतुर्वेदी साहब ने भी यही उक्त विचार व्यक्त कियें हैं .
बकौल डॉ पंकज अल्कोहल का सम्बन्ध आम तौर पर मुख कैंसर ,यकृत
(लीवर ),भोजन नली ,स्तन ,तथा Oropharynx कैंसर रोग समूह से रहता
है .
फैरिंक्स कहते ग्रसनी को , गले के अंत में कोमल भाग को ,जहां नाक
और मुंह के मार्ग गले से जुड़ते हैं .
Oropharynx :It is the oral part of the pharynx.It is the part of the
phraynx between the soft palate and the upper edge of the epiglottis
(कौआ ,गले की घंटी,काग ,उप-जिव्ह्या )
.
इस कैंसर रोग समूह के खतरे का वजन तब और भी बढ़ जाता है जब शराब
के साथ साथ लोग तम्बाकू की भी लत पाले रहते हैं .
मोटापा चिंता का वायस बन रहा है कैंसर रोग समूह के
माहिरों के लिए
मोटे लोगों में अस्वास्थ्यकर खुराक का चलन कैंसर के
खतरे के वजन को लगातार बढ़ा रहा है यही कहना है टाटा मेमोरियल
अस्पताल के मुखिया डॉ राजन बडवे साहब का .
"Adolescent obesity is known to produce diabetes ,hypertension
and cancers like those of breast ,ovary and uterus among women
and stomach ,kidney and colon among men in the later years ,"Dr
Bdwe said.
सन्दर्भ -सामिग्री :-Need control on alcohol ,diet to curb cancer :Docs/TOI.MUMBAI/TIMES CITY P4
7 टिप्पणियां:
आज हमारा एक सहकर्मी-
कैंसर से मरा-
ओप्रेसन के बाद ठीक हो रहा था-
न तो वह खैनी खाता था न ही तम्बाकू के पदार्थ-
राम जाने-
बहुत ही विस्तृत जानकारी है केंसर के बारे में ... जागरूक करती है सभी को ...
its very important information ...thanks for sharing with us. I have lost my father because of this in 2007 feb.
veerubhai ji sarthak jankari hetu aabhar .ek bat aur batayen ki kya pathri iski poorv avastha hai ? राजनीतिक सोच :भुनाती दामिनी की मौत आप भी जाने मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ?
वीभत्स दृश्य, सब बचें इससे।
आज के समय की बड़ी ज़रूरी और ज़बरदस्त जानकारी दी वीरू भाई जी आपने ....
सब स्वस्थ रहें !
राम-राम जी !
कैंसर वास्तव में एक भयानक रोग है, आपने इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी है.पर लोग इसकी गंभीरता को समझें तब ना. सभी संचार माध्यमों से विश्वभर में प्रचार हो रहा है, सरकारें भी चिंतित हैं. इस महान्प्रयास में आपका योगदान सराहनीय है.
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