पैदा होते ही बल्लियों उछल रहा था उसका नन्ना सा दिल 300 मर्तबा
लुब डुब -लुब डूब कर रहा था बित्ता सा
दिल जबकि जन्म के समय के नार्मल रेट 160 प्रति मिनिट होनी
चाहिए
.इस स्थिति में जिसे चिकित्सा ज़बान में
supra ventricular tachycardia (SVT)कहा जाता है ,नवजात के बचने
की
उम्मीद सिर्फ 5%रहती है .लेकिन ब्रितानी माहिरों की टीम ने उसे बचा
लिया एक बेहतरीन युक्ति अपना कर जिसमें उसको चार दिनों तक
प्रशीतित रखा गया .फ्रीज़ कर दिया गया उसकी काया को .
यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन अस्पताल के माहिरों ने इस नवजात को
कोल्ड जेल के एक कम्बल में रखा जिससे उसके शरीर का कोर तापमान
सामान्य 37 से गिरके 33.3सेल्सियस पर आ गया .उसकी अपचयन दर
,मेटाबोलिक रेट कम हो गई .शरीर के प्रमुख अंगों को क्षतिग्रस्त होने से
बचा लिया गया .
दो दिन बाद उसका कोर तापमान धीरे धीरे बढ़ा दिया गया लेकिन ऐसा
होते ही उसके दिल की धौकनी फिर बे -साख्ता धुक धुक करने लगी
लिहाजा दो दिन और उसे प्रशीतित रखा गया .
इस दरमियान उस नन्नी काया को जिसके तन पे सिर्फ नैपी थी देखना
बड़ा ही कारुणिक दृश्य उपस्थित कर रहा था .हेवी सिडेशन (प्रशमन
)किया गया था उसका निश्छल निर्भाव वह मृत समान ही पड़ा हुआ था
,निर्द्वन्द्व .
इलाज़ के दौरान उसे पांच मर्तबा defibrillator से शाक भी दिया गया
ताकि उसकी लुब डुब सामान्य रफ़्तार पर लौट आये .
चौथे दिन ईश्वर का यह करिश्मा भी हुआ .इसके बाद हरेक चौबीस घंटे
में उसका तापमान एक सेल्सियस बढाया गया ,सामान्य कोर तापमान
पे इस प्रकार उसे ले आया गया .
अब चीज़ें तेज़ी से सुधरने लगीं .उसका दिल नवजात की सामान्य चाल
से धड़कने लगा था .
उसके गुर्दों से दवाब हट गया .हाँफना भी उसका थम गया .सांस की
धौकनी अपनी रफ़्तार चलने लगी .
महीने भर बाद वह अपने माँ बाप के साथ घर आ गया .
बचपन में ली गई संगीत की दीक्षा दिमागी क्षमता में इजाफा करती है
Music lessons boost brain growth:
(1)संगीत की दीक्षा दिमागी विकास को पुख्ता करती है .संगीत घरानों
में
बच्चे अपने वालिद, वालिदान,मामू ,चचाजान आदि से ही संगीत सीख
जाते हैं .संगीत की दीक्षा
जितनी जल्दी प्रारम्भ की जाती है दिमागी सर्किट उतने ही बढ़िया बनते
हैं .न्युरक नेट वर्क बेहतर बनते हैं .एक अभिनव अध्ययन से यही
नतीजा निकला है .इसीलिए संगीत के बारे में कहा जाता है केच डेम यंग
.बच्चा एक बार गलत स्वर लगाना सीख गया किसी उलटे सीधे
नौसिखिया से तो उलटा करना मुश्किल हो जाता है .अच्छा उस्ताद
पकड़ो बचपन में ही .याददाश्त भी पुख्ता बनती है .
साइंसदानों ने Concordia University रिसर्चरों के नेत्रित्व में पता
लगाया है :सात साल से पहले ली गई सांगीतिक दीक्षा ,संगीत के
रियाज़ का दिमाग के विकास में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहता है .
जिन लोगों ने यह दीक्षा लेना अपेक्षा कृत छुटपन में ही शुरू कर दिया था
उनके दिमाग के मोटर क्षेत्र के बीच में सुदृढ़ न्यूरल कनेक्शन मिले हैं
.नियोजन और अंग संचालन में दिमाग के इन्हीं इलाकों का योगदान
रहता है .
(2) घीकुंवार (अगरु ,अगर ,एलो वीरा )का ज्यूस (अर्क),शरबत, पाचन
को
दुरुस्त
करता है तथा शरीर से अपशिष्ट खारिज करने में मददगार साबित होता
है .डी -टोक्सीफाई करता है बॉडी को .
(3)गर्भावस्था की पहली तिमाही में जो महिलाएं फोलिक एसिड सम्पूरण
लेती हैं उनके गर्भस्थ के लिए आत्मविमोह (आटिज्म )से ग्रस्त होने के
खतरे का वजन घटके आधा रह जाता है .ऐसा लाभ गर्भावस्था के अगले
चरणों में मिलता दिखलाई नहीं देता है .यह अध्ययन नार्वे के
साइंसदानों ने जर्नल आफ दी अमेरिकन मेडिकल असोशियेशन में
प्रकाशित किया है .
(4)विटामिन C
आम सर्दी जुकाम बोले तो कोमन कोल्ड के मौके विटामिन C का
नियमित
सेवन 50%कम कर देता है .एक नए अध्ययन के अनुसार जो हेलसिंकी
विश्वविद्यालय के रिसर्चदानों ने विटामिन C और कोमन कोल्ड के
अंतरसम्बन्ध की पड़ताल को लेकर किया है ,इसका सेवन खासकर उन
लोगों के लिए फायदे मंद (मुफीद )साबित हुआ है जो heavy physical
stress की स्थितियों में देर तक रहतें हैं मसलन लम्बी दौड़ के धावक
स्कीइंग कैम्प में प्रशिक्षण लेते बच्चे कनाडा की ठंड में कसरत करते
फौजी .
एक हालिया परीक्षण (randomised trial)युवा प्रतियोगी तैराकों पे किया
गया .पता चला विटामिन C का सेवन मर्दों में कोमन कोल्ड की अवधि
घटाके आधा कर देता है .लेकिन महिलाओं में ऐसा कोई असर दिखलाई
नहीं दिया .
जिन मर्दों को रोजाना इस विटामिन की एक ग्राम खुराक दी गई उनमें
8%तथा नौनिहालों में कोमन कोल्ड की कुल अवधि 18% कम हुई .
वयस्कों में साल भर में कुछेक ही एपिसोड्स कोमन कोल्ड के देखने में
आते हैं तथा बालकों में औसतन 6 एपिसोड्स हर साल कोमन कोल्ड के
दर्ज़ होते हैं ,इसलिए ऐसे आम मामलों में विटामिन की नियमित खुराक
लेना कोई अक्लमंदी न होगी भले इसके कोल्ड्स पर जैविक असर
दिखलाई देते हैं .
अलबत्ता कोमन कोल्ड के मामले में मरीज़ थिरापेटिक विटामिन C की
आज़माइश करके देख लें क्या उन्हें कोई लाभ मिल रहा है इसमें कोई
हर्ज़ नहीं है .आखिर नियमित सम्पूरण अध्ययनों में इसके संगत
परिणाम ठंड की कुल अवधि कम करने में कामयाब पाए गए हैं . सस्ता
एवं सुरक्षित उपाय साबित हो सकता है थिरापेटिक विटामिन
C,इंडिविजुअल पेशेंट के लिए .
Defibrillation is the definitive treatment for the life-threatening cardiac arrhythmias, ventricular fibrillation and pulseless ventricular tachycardia. Defibrillation consists of delivering a therapeutic dose of electrical energy to the affected heart with a device called a defibrillator. This depolarizes a critical mass of the heart muscle, terminates the arrhythmia, and allows normal sinus rhythm to be reestablished by the body's natural pacemaker, in the sinoatrial node of the heart.
The term tachycardia refers to a rapid heartbeat of over 100 beats per minute. Supraventricular tachycardia is frequently abbreviated as SVT (formerly paroxysmal atrial tachy- cardia or PAT). Supraventricular tachycardia then is a rapid rhythm of the heart that begins in the upper chambers. When patients experience change in the normal sequence of electrical impulses and an abnormal heart rhythm occurs, they are said to be having an arrhythmia.
लुब डुब -लुब डूब कर रहा था बित्ता सा
दिल जबकि जन्म के समय के नार्मल रेट 160 प्रति मिनिट होनी
चाहिए
.इस स्थिति में जिसे चिकित्सा ज़बान में
supra ventricular tachycardia (SVT)कहा जाता है ,नवजात के बचने
की
उम्मीद सिर्फ 5%रहती है .लेकिन ब्रितानी माहिरों की टीम ने उसे बचा
लिया एक बेहतरीन युक्ति अपना कर जिसमें उसको चार दिनों तक
प्रशीतित रखा गया .फ्रीज़ कर दिया गया उसकी काया को .
यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन अस्पताल के माहिरों ने इस नवजात को
कोल्ड जेल के एक कम्बल में रखा जिससे उसके शरीर का कोर तापमान
सामान्य 37 से गिरके 33.3सेल्सियस पर आ गया .उसकी अपचयन दर
,मेटाबोलिक रेट कम हो गई .शरीर के प्रमुख अंगों को क्षतिग्रस्त होने से
बचा लिया गया .
दो दिन बाद उसका कोर तापमान धीरे धीरे बढ़ा दिया गया लेकिन ऐसा
होते ही उसके दिल की धौकनी फिर बे -साख्ता धुक धुक करने लगी
लिहाजा दो दिन और उसे प्रशीतित रखा गया .
इस दरमियान उस नन्नी काया को जिसके तन पे सिर्फ नैपी थी देखना
बड़ा ही कारुणिक दृश्य उपस्थित कर रहा था .हेवी सिडेशन (प्रशमन
)किया गया था उसका निश्छल निर्भाव वह मृत समान ही पड़ा हुआ था
,निर्द्वन्द्व .
इलाज़ के दौरान उसे पांच मर्तबा defibrillator से शाक भी दिया गया
ताकि उसकी लुब डुब सामान्य रफ़्तार पर लौट आये .
चौथे दिन ईश्वर का यह करिश्मा भी हुआ .इसके बाद हरेक चौबीस घंटे
में उसका तापमान एक सेल्सियस बढाया गया ,सामान्य कोर तापमान
पे इस प्रकार उसे ले आया गया .
अब चीज़ें तेज़ी से सुधरने लगीं .उसका दिल नवजात की सामान्य चाल
से धड़कने लगा था .
उसके गुर्दों से दवाब हट गया .हाँफना भी उसका थम गया .सांस की
धौकनी अपनी रफ़्तार चलने लगी .
महीने भर बाद वह अपने माँ बाप के साथ घर आ गया .
बचपन में ली गई संगीत की दीक्षा दिमागी क्षमता में इजाफा करती है
Music lessons boost brain growth:
(1)संगीत की दीक्षा दिमागी विकास को पुख्ता करती है .संगीत घरानों
में
बच्चे अपने वालिद, वालिदान,मामू ,चचाजान आदि से ही संगीत सीख
जाते हैं .संगीत की दीक्षा
जितनी जल्दी प्रारम्भ की जाती है दिमागी सर्किट उतने ही बढ़िया बनते
हैं .न्युरक नेट वर्क बेहतर बनते हैं .एक अभिनव अध्ययन से यही
नतीजा निकला है .इसीलिए संगीत के बारे में कहा जाता है केच डेम यंग
.बच्चा एक बार गलत स्वर लगाना सीख गया किसी उलटे सीधे
नौसिखिया से तो उलटा करना मुश्किल हो जाता है .अच्छा उस्ताद
पकड़ो बचपन में ही .याददाश्त भी पुख्ता बनती है .
साइंसदानों ने Concordia University रिसर्चरों के नेत्रित्व में पता
लगाया है :सात साल से पहले ली गई सांगीतिक दीक्षा ,संगीत के
रियाज़ का दिमाग के विकास में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहता है .
जिन लोगों ने यह दीक्षा लेना अपेक्षा कृत छुटपन में ही शुरू कर दिया था
उनके दिमाग के मोटर क्षेत्र के बीच में सुदृढ़ न्यूरल कनेक्शन मिले हैं
.नियोजन और अंग संचालन में दिमाग के इन्हीं इलाकों का योगदान
रहता है .
(2) घीकुंवार (अगरु ,अगर ,एलो वीरा )का ज्यूस (अर्क),शरबत, पाचन
को
दुरुस्त
करता है तथा शरीर से अपशिष्ट खारिज करने में मददगार साबित होता
है .डी -टोक्सीफाई करता है बॉडी को .
(3)गर्भावस्था की पहली तिमाही में जो महिलाएं फोलिक एसिड सम्पूरण
लेती हैं उनके गर्भस्थ के लिए आत्मविमोह (आटिज्म )से ग्रस्त होने के
खतरे का वजन घटके आधा रह जाता है .ऐसा लाभ गर्भावस्था के अगले
चरणों में मिलता दिखलाई नहीं देता है .यह अध्ययन नार्वे के
साइंसदानों ने जर्नल आफ दी अमेरिकन मेडिकल असोशियेशन में
प्रकाशित किया है .
(4)विटामिन C
आम सर्दी जुकाम बोले तो कोमन कोल्ड के मौके विटामिन C का
नियमित
सेवन 50%कम कर देता है .एक नए अध्ययन के अनुसार जो हेलसिंकी
विश्वविद्यालय के रिसर्चदानों ने विटामिन C और कोमन कोल्ड के
अंतरसम्बन्ध की पड़ताल को लेकर किया है ,इसका सेवन खासकर उन
लोगों के लिए फायदे मंद (मुफीद )साबित हुआ है जो heavy physical
stress की स्थितियों में देर तक रहतें हैं मसलन लम्बी दौड़ के धावक
स्कीइंग कैम्प में प्रशिक्षण लेते बच्चे कनाडा की ठंड में कसरत करते
फौजी .
एक हालिया परीक्षण (randomised trial)युवा प्रतियोगी तैराकों पे किया
गया .पता चला विटामिन C का सेवन मर्दों में कोमन कोल्ड की अवधि
घटाके आधा कर देता है .लेकिन महिलाओं में ऐसा कोई असर दिखलाई
नहीं दिया .
जिन मर्दों को रोजाना इस विटामिन की एक ग्राम खुराक दी गई उनमें
8%तथा नौनिहालों में कोमन कोल्ड की कुल अवधि 18% कम हुई .
वयस्कों में साल भर में कुछेक ही एपिसोड्स कोमन कोल्ड के देखने में
आते हैं तथा बालकों में औसतन 6 एपिसोड्स हर साल कोमन कोल्ड के
दर्ज़ होते हैं ,इसलिए ऐसे आम मामलों में विटामिन की नियमित खुराक
लेना कोई अक्लमंदी न होगी भले इसके कोल्ड्स पर जैविक असर
दिखलाई देते हैं .
अलबत्ता कोमन कोल्ड के मामले में मरीज़ थिरापेटिक विटामिन C की
आज़माइश करके देख लें क्या उन्हें कोई लाभ मिल रहा है इसमें कोई
हर्ज़ नहीं है .आखिर नियमित सम्पूरण अध्ययनों में इसके संगत
परिणाम ठंड की कुल अवधि कम करने में कामयाब पाए गए हैं . सस्ता
एवं सुरक्षित उपाय साबित हो सकता है थिरापेटिक विटामिन
C,इंडिविजुअल पेशेंट के लिए .
Defibrillation is the definitive treatment for the life-threatening cardiac arrhythmias, ventricular fibrillation and pulseless ventricular tachycardia. Defibrillation consists of delivering a therapeutic dose of electrical energy to the affected heart with a device called a defibrillator. This depolarizes a critical mass of the heart muscle, terminates the arrhythmia, and allows normal sinus rhythm to be reestablished by the body's natural pacemaker, in the sinoatrial node of the heart.
The term tachycardia refers to a rapid heartbeat of over 100 beats per minute. Supraventricular tachycardia is frequently abbreviated as SVT (formerly paroxysmal atrial tachy- cardia or PAT). Supraventricular tachycardia then is a rapid rhythm of the heart that begins in the upper chambers. When patients experience change in the normal sequence of electrical impulses and an abnormal heart rhythm occurs, they are said to be having an arrhythmia.
3 टिप्पणियां:
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाए...
सर, सबसे पहले आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से धन्यवाद व आभार ... जो आपने हमारी पोस्ट पर आकर दी ! :-)
नवजात शिशु के बारे में जानकार दुःख भी हुआ ... और उसे स्वस्थ कर दिया गया ...ये जानकार ख़ुशी भी हुई !
बाकी सभी जानकारी भी बहुत उपयोगी लगीं !
'आपको सपरिवार बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !':)
~सादर!!!
जाको राखे साइयां--
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