बचपन में ली गई संगीत की दीक्षा दिमागी क्षमता में इजाफा करती है
Music lessons boost brain growth:
(1)संगीत की दीक्षा दिमागी विकास को पुख्ता करती है .संगीत घरानों
में
बच्चे अपने वालिद, वालिदान,मामू ,चचाजान आदि से ही संगीत सीख
जाते हैं .संगीत की दीक्षा
जितनी जल्दी प्रारम्भ की जाती है दिमागी सर्किट उतने ही बढ़िया बनते
हैं .न्युरक नेट वर्क बेहतर बनते हैं .एक अभिनव अध्ययन से यही
नतीजा निकला है .इसीलिए संगीत के बारे में कहा जाता है केच डेम यंग
.बच्चा एक बार गलत स्वर लगाना सीख गया किसी उलटे सीधे
नौसिखिया से तो उलटा करना मुश्किल हो जाता है .अच्छा उस्ताद
पकड़ो बचपन में ही .याददाश्त भी पुख्ता बनती है .
साइंसदानों ने Concordia University रिसर्चरों के नेत्रित्व में पता
लगाया है :सात साल से पहले ली गई सांगीतिक दीक्षा ,संगीत के
रियाज़ का दिमाग के विकास में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहता है .
जिन लोगों ने यह दीक्षा लेना अपेक्षा कृत छुटपन में ही शुरू कर दिया था
उनके दिमाग के मोटर क्षेत्र के बीच में सुदृढ़ न्यूरल कनेक्शन मिले हैं
.नियोजन और अंग संचालन में दिमाग के इन्हीं इलाकों का योगदान
रहता है .
(2) घीकुंवार (अगरु ,अगर ,एलो वीरा )का ज्यूस (अर्क),शरबत, पाचन
को
दुरुस्त
करता है तथा शरीर से अपशिष्ट खारिज करने में मददगार साबित होता
है .डी -टोक्सीफाई करता है बॉडी को .
(3)गर्भावस्था की पहली तिमाही में जो महिलाएं फोलिक एसिड सम्पूरण
लेती हैं उनके गर्भस्थ के लिए आत्मविमोह (आटिज्म )से ग्रस्त होने के
खतरे का वजन घटके आधा रह जाता है .ऐसा लाभ गर्भावस्था के अगले
चरणों में मिलता दिखलाई नहीं देता है .यह अध्ययन नार्वे के
साइंसदानों ने जर्नल आफ दी अमेरिकन मेडिकल असोशियेशन में
प्रकाशित किया है .
(4)विटामिन C
आम सर्दी जुकाम बोले तो कोमन कोल्ड के मौके विटामिन C का
नियमित
सेवन 50%कम कर देता है .एक नए अध्ययन के अनुसार जो हेलसिंकी
विश्वविद्यालय के रिसर्चदानों ने विटामिन C और कोमन कोल्ड के
अंतरसम्बन्ध की पड़ताल को लेकर किया है ,इसका सेवन खासकर उन
लोगों के लिए फायदे मंद (मुफीद )साबित हुआ है जो heavy physical
stress की स्थितियों में देर तक रहतें हैं मसलन लम्बी दौड़ के धावक
स्कीइंग कैम्प में प्रशिक्षण लेते बच्चे कनाडा की ठंड में कसरत करते
फौजी .
एक हालिया परीक्षण (randomised trial)युवा प्रतियोगी तैराकों पे किया
गया .पता चला विटामिन C का सेवन मर्दों में कोमन कोल्ड की अवधि
घटाके आधा कर देता है .लेकिन महिलाओं में ऐसा कोई असर दिखलाई
नहीं दिया .
जिन मर्दों को रोजाना इस विटामिन की एक ग्राम खुराक दी गई उनमें
8%तथा नौनिहालों में कोमन कोल्ड की कुल अवधि 18% कम हुई .
वयस्कों में साल भर में कुछेक ही एपिसोड्स कोमन कोल्ड के देखने में
आते हैं तथा बालकों में औसतन 6 एपिसोड्स हर साल कोमन कोल्ड के
दर्ज़ होते हैं ,इसलिए ऐसे आम मामलों में विटामिन की नियमित खुराक
लेना कोई अक्लमंदी न होगी भले इसके कोल्ड्स पर जैविक असर
दिखलाई देते हैं .
अलबत्ता कोमन कोल्ड के मामले में मरीज़ थिरापेटिक विटामिन C की
आज़माइश करके देख लें क्या उन्हें कोई लाभ मिल रहा है इसमें कोई
हर्ज़ नहीं है .आखिर नियमित सम्पूरण अध्ययनों में इसके संगत
परिणाम ठंड की कुल अवधि कम करने में कामयाब पाए गए हैं . सस्ता
एवं सुरक्षित उपाय साबित हो सकता है थिरापेटिक विटामिन
C,इंडिविजुअल पेशेंट के लिए .
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