हम असली गांधी वादी हैं
हमें तो कोई भी लात मार जाए हम पैर पकड़ लेते हैं गुस्सा नहीं करते नरेन्द्र मोदी की तरह .हम शांत रहतें हैं .
पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक ने जैसे ही समझौता एक्सप्रेस में हुए बम ब्लास्ट की बात की हमने फट
इसके तीसरे मुजरिम राजेन्द्र चौधरी को मध्य प्रदेश के नागदा में गिरिफ़्तार कर लिया .हमारे गाल पे कोई भी
चाटा मार जाए हम मोदी की तरह गुस्सा नहीं करते .पैर पकड़ लेते हैं .
हम स्वाभिमानी हैं .आतंकियों को भी माफ़ कर देतें हैं .भले वह हमारे .........को मार जाएँ ,.....हम शांत रहतें हैं .
रहमान मलिक हुक्म करें और किस किस को पकड़ना है हमारी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी फट पकड़ लेगी .
मेहमा जो हमारा होता है वह जान से प्यारा होता है .क्या हुआ हमारे पिताजी और दादी को आतंकवादी मार गए
हम गुस्सा नहीं करते उन्हें बिरयानी परोस्तें हैं .
अब यह कहानी तो किसी से छिपी नहीं है गोत्र दादा से चलता है और वह कौन थे ?
(श्री फ़िरोज़ गांधी )
हम असली गांधी वादी हैं .
हमें तो कोई भी लात मार जाए हम पैर पकड़ लेते हैं गुस्सा नहीं करते नरेन्द्र मोदी की तरह .हम शांत रहतें हैं .
पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक ने जैसे ही समझौता एक्सप्रेस में हुए बम ब्लास्ट की बात की हमने फट
इसके तीसरे मुजरिम राजेन्द्र चौधरी को मध्य प्रदेश के नागदा में गिरिफ़्तार कर लिया .हमारे गाल पे कोई भी
चाटा मार जाए हम मोदी की तरह गुस्सा नहीं करते .पैर पकड़ लेते हैं .
हम स्वाभिमानी हैं .आतंकियों को भी माफ़ कर देतें हैं .भले वह हमारे .........को मार जाएँ ,.....हम शांत रहतें हैं .
रहमान मलिक हुक्म करें और किस किस को पकड़ना है हमारी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी फट पकड़ लेगी .
मेहमा जो हमारा होता है वह जान से प्यारा होता है .क्या हुआ हमारे पिताजी और दादी को आतंकवादी मार गए
हम गुस्सा नहीं करते उन्हें बिरयानी परोस्तें हैं .
अब यह कहानी तो किसी से छिपी नहीं है गोत्र दादा से चलता है और वह कौन थे ?
(श्री फ़िरोज़ गांधी )
हम असली गांधी वादी हैं .
10 टिप्पणियां:
हम तो पक्के मेहमान नवाज़ हैं वो हमारी ना सुने तो क्या हुआ. इनके तो आतंकवादी लोग भी आगर हम पकड़ लेते हैं तो उनकी खातिरदारी में भी कसार नहीं छोड सकते. चार साल में उसके खातिरदारी में २८ करोड़ खर्चा कर डालते हैं.
बहुत ही रोचक अवलोकन..
बहुत ख़ूब!
आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि कल दिनांक 17-12-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1096 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
वीरेन्द्र कुमार जी, बड़ी शालीनता अपने थप्पड़ मारा, न किसी को छत लगी न गुस्सा आया.-बहुत खूब -my latest post "sanskriti ka sankramani.blog"; http://vicharanubhuti.blogspot.in
बहुत खूब*****^^^^***** हम तो पक्के मेहमान नवाज़ हैं हम आतंकियों को भी माफ़ कर देतें हैं,हम गुस्सा नहीं करते उन्हें बिरयानी परोस्तें हैं .मेहमा जो हमारा होता है वह जान से प्यारा होता है
हम असली गांधी वादी हैं .
जोर का झटका धीरे से दिया है आपने !!!
विचारोत्तेजक आलेख।
जय हो गांधी ... जी की ...
गांधी जी के नाम को, भुना रहे हैं लोग।
गांधी के ही नाम से, चला रहे उद्योग।।
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