राजनीति के ये रंगे सियार
ये माया और मुलायम अलि दोगले हैं हाई ब्रीड उपज हैं राजनीति की, क्रोस ब्रीड हैं .भाषण में इनके लिए प्रत्यक्ष विदेशी पूँजी निवेश
भारत को गुलाम बनाने की साजिश है और व्यवहार में ये
ये माया और मुलायम अलि दोगले हैं हाई ब्रीड उपज हैं राजनीति की, क्रोस ब्रीड हैं .भाषण में इनके लिए प्रत्यक्ष विदेशी पूँजी निवेश
भारत को गुलाम बनाने की साजिश है और व्यवहार में ये
इसके साझीदार हैं .चर्च की एजंट के दल्ले हैं .रंगे सियार है ये राजनीति के .ये दोनों केंद्र की रोबोटिया सरकार की रखैलें हैं जिनकी नाक में
CBI नकेल डाली गई है .संसद से भागे रहने वाले यह पलायनशील राजनीतिक भगौड़े हैं .
वोट न करने का पलायन करने का अपने लिए यह अधिकार सुरक्षित रखे हुए हैं इस या उस नियम के तहत जब जनता की बारी आती है
ऐसे भगौड़ों को वोट न करने का अधिकार मांगने की ,यही लोग नाक भौं सिकोड़ते हैं .सरयू तट पर इनका विसर्जन करना ज़रूरी है .
संसद का कीमती वक्त जाया करने वाले इन राजनीतिक वर्ण संकरों के लिए सौ फीसद हाजिरी लाजिमी रखी जानी चाहिए बहुत हो गई
कूद फांद इन संसदीय शाखा मृगों की संसदीय कूप में .
CBI नकेल डाली गई है .संसद से भागे रहने वाले यह पलायनशील राजनीतिक भगौड़े हैं .
वोट न करने का पलायन करने का अपने लिए यह अधिकार सुरक्षित रखे हुए हैं इस या उस नियम के तहत जब जनता की बारी आती है
ऐसे भगौड़ों को वोट न करने का अधिकार मांगने की ,यही लोग नाक भौं सिकोड़ते हैं .सरयू तट पर इनका विसर्जन करना ज़रूरी है .
संसद का कीमती वक्त जाया करने वाले इन राजनीतिक वर्ण संकरों के लिए सौ फीसद हाजिरी लाजिमी रखी जानी चाहिए बहुत हो गई
कूद फांद इन संसदीय शाखा मृगों की संसदीय कूप में .
एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट -रंगे सियार् पर .http://zealzen.blogspot.in/
5 टिप्पणियां:
ये तो शुरू से ही ऐसे ही हैं इनकी कथनी और करनी में सदैव फर्क रहा है !!
यह प्रत्याशित था -जनता ही फैसला करेगी अब!
यह सब अप्रत्याशित नहीं था..राजनीति का खेल..
आपका गुस्सा जायज है विरेंद्र जी ..आखिर ऐसे छीछालेदार राजनीती में आ कैसे जाते हैं।
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html
rajniti,vo bhi etni ochi,ram hi bachaye,ese ram ram hi kaho bhayee
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