शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

चर्चा :यौन संचारी रोग



चर्चा :यौन संचारी रोग 

यहाँ हम चर्चा को उन यौन संचारी रोगों तक सीमित रखेंगे जिनकी चपेट में महांराष्ट्र राज्य  है इन दिनों .

(1)हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस 2 

यह चमड़ी का जुलपित्ती या परिसर्प रोग है जिसे त्वचा का विसर्पिका रोग भी कहा जाता है .इसे इकलिंगी  माता 

भी कहा जाता है .यह एक संक्रामक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा पर विशेषतया चेहरे और गुप्तांगों पर 

तकलीफदेह चकत्ते उभर आते हैं .

यह छूतहा रोग मैथुन और चुम्बन के ज़रिये संक्रमित व्यक्ति से यौन संपर्क बनाने पर लग जाता है .

इसके लक्षणों में ज्वर ग्रस्त होना ,थकान महसूस करना तथा प्रजनन अंगों में दाह और सोजिश आना भी 

शामिल हैं . 

यह रोग लाइलाज ज़रुर है लेकिन काबू में रखा जा सकता है .

रोग निदान :

रोग निदान के लिए सेल कल्चर तथा रक्त परीक्षण  किये जाते हैं .जिससे इस विषाणु जन्य रोग की पुष्टि हो 

जाती है .

Herpes simplex :It is either of two viral disease marked by clusters of small watery blisters ,one 

affecting the area of the mouth and lips and the other the genitals.



(2)सुजाक (गानिरिया ,Gonorrhoea):

यौन संसर्ग से उत्पन्न एक यौन रोग है सुजाक .यौन संसर्ग यौनिक भी हो सकता है ,गुदा मैथुन या मुख मैथुन

भी .कुछ लोग तो होते ही मुख मैथुनी हैं कोठेवालिया भी इनसे आजिज़ आ जाती हैं इनकी तसल्ली नहीं होती


फिर भी .

सुजाक की लपेट में आने पर पेशाब करते वक्त मूत्र त्याग में जलन हो सकती है ,शिश्न से रंगीन द्रव का स्राव हो

सकता है .अन्डकोशों में सोजिश (सूजन )आ सकती है .योनी से अतिरिक्त स्राव हो सकता है संक्रमित महिला

की तथा माहवारी के बीच में भी दोबारा रक्तस्राव हो सकता है .

ला -इलाज़ नहीं है यह रोग इलाज़ कराने पर रोगी इस संक्रमण से बाहर निकल आता है

रोग निदान हेतु

ब्लड कल्चर किया जाता है ,कंठ से मुलायम फाये के ज़रिये (throat swab)तरल एकत्र किया जाता है जांच  के

लिए .

Gonorrhoea is sexually transmitted bacterial disease that causes inflammation of the genital mucous membrane ,burning pain when urinating and a discharge

(3)CHLAMYDIA

यह यौन संचारी रोग भी संक्रमित व्यक्ति से गुदा ,योनी ,मुख मैथुन के ज़रिये अंतरित होता है .

 इसके लक्षण तीन हफ़्तों में प्रगटित होने लगते हैं जिनमें  शामिल हैं :

मूत्र  त्याग के वक्त जलन ,शिश्न से बिला वजह स्राव होना ,योनी से भी इसी प्रकार स्राव होते रहना ,मलद्वार

से भी .

यौन संपर्क भी तकलीफ देह हो उठता है .अंडकोष एक दम से नाज़ुक हो जातें हैं .ज़रा सा दबने पर दुखन होती है .

ला -इलाज़ नहीं है यह रोग

रोग निदान: मूत्र मार्ग से होने वाले स्राव तथा गर्भाशय /बच्चे दानी की गर्दन से होने वाले स्राव की जांच से रोग

निदान पुख्ता कर लिया जाता है .

HUMAN PAPILLOMAVIRUS (HPV)

यदि आपका रोग रोधी तंत्र इस विषाणु को शरीर से बहिष्कृत करने में चूक जाता है ,असमर्थ रहता है तब ,इससे

पैदा होजातें हैं प्रजनन अंगों पर (औरतों और मर्दों दोनों के )मस्से /अधिमांस (  चमड़ी पर बढ़वार )/WARTS .

It is a small benign small rough hump that grows on the genitals caused by a virus in this case.

शिश्न कैंसर (cancer of penis),,योनी ,कंठ और ज़बान के कैंसर की भी वजह बन सकता है यह संक्रमण .

ला -इलाज़ है यह रोग और इसका विषाणु

रोग निदान

रोग निदान के लिए DNA test किया जाता है या फिर Pap test .

प्रजनन अंगों पर उभर आये मस्सों का उपचार रासायनिक तौर पर कर लिया जाता है .चंद रसायन काम में लिए

जातें हैं इस एवज .

Pap smear test के लिए गर्भाशय गर्दन की खुरचन का अल्पांश लेके जांच की जाती है .




What is a Pap test?

Female reproductive system
Drawing of the reproductive system showing fallopian tube, ovaries, uterus, cervix and vagina
The Pap test, also called a Pap smear, checks for changes in the cells of your cervix. The cervix is the lower part of the uterus (womb) that opens into thevagina (birth canal). The Pap test can tell if you have an infection, abnormal (unhealthy) cervical cells, or cervical cancer.

Why do I need a Pap test?

A Pap test can save your life. It can find the earliest signs of cervical cancer. If caught early, the chance of curing cervical cancer is very high. Pap tests also can find infections and abnormal cervical cells that can turn into cancer cells. Treatment can prevent most cases of cervical cancer from developing.
Getting regular Pap tests is the best thing you can do to prevent cervical cancer. In fact, regular Pap tests have led to a major decline in the number of cervical cancer cases and deaths.

Do all women need Pap tests?

It is important for all women to have Pap tests, along with pelvic exams, as part of their routine health care. You need a Pap test if you are 21 years or older.
Women who have gone through menopause (when a woman's periods stop) still need regular Pap tests. Women ages 65 and older can talk to their doctor about stopping after at least 3 normal Pap tests and no abnormal results in the last 10 years.

How often do I need to get a Pap test?

It depends on your age and health history. Talk with your doctor about what is best for you. Most women can follow these guidelines:
  • Starting at age 21, have a Pap test every 2 years.
  • If you are 30 years old and older and have had 3 normal Pap tests for 3 years in a row, talk to your doctor about spacing out Pap tests to every 3 years.
  • If you are over 65 years old, ask your doctor if you can stop having Pap tests.
Ask your doctor about more frequent testing if:
  • You have a weakened immune system because of organ transplant, chemotherapy, or steroid use
  • Your mother was exposed to diethylstilbestrol (DES) while pregnant
  • You are HIV-positive
Women who are living with HIV, the virus that causes AIDS, are at a higher risk of cervical cancer and other cervical diseases. The U.S. Centers for Disease Control and Prevention recommends that all HIV-positive women get an initial Pap test, and get re-tested 6 months later. If both Pap tests are normal, then these women can get yearly Pap tests in the future.

Who does not need regular Pap tests?

The only women who do not need regular Pap tests are:
  • Women over age 65 who have had 3 normal Pap tests and in a row and no abnormal test results in the last 10 years, and have been told by their doctors that they don't need to be tested anymore.
  • Women who do not have a cervix and are at low risk for cervical cancer. These women should speak to their doctor before stopping regular Pap tests.

4 टिप्‍पणियां:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

हे भगवान तेरे राज में कैसे कैसे रोग

Unknown ने कहा…

jb talk eb rogo pr prahar nahi kiya jayga,ye jindgi ko dushwar banate rahenge ,zooruri yah hai kai en samasyao ko jan manas tk pahucha kar unhe enke dusparinamo se awgt karaya jay,jb padha likha samaj enke prati sajad nahi dikhayee deta to es des ki karono karono jnta ka kya hal hoga,zooruri hai ham sb jb jaha bhi mauka mile enki charcha awashy kare

Arvind Mishra ने कहा…

एक ही उपाय -निरोध!

virendra sharma ने कहा…

मान्यवर !यौन संचारी रोगों से बचाव के ली कंडोम पर्याप्त उपाय नहीं है यह अंडकोष और शिश्न के आसपास की चमड़ी को संक्रमण से नहीं बचा सकता .