Infection from pacemaker spreads to man's kidney
पेसमेकर एक बेटरी चालित कंप्यूटर होता है .यह दिल की धड़कन की दुरुस्ती के लिए स्पंद पैदा करता है .
इसीलिए इसे पल्स जेनरेटर भी कह दिया जाता है .इसमें लीड लगी होती है लीड बोले तो तार और इलेक्ट्रोड
.जहां पल्स जेनरेटर उदर में या फिर सीने में फिट किया जाता है वहीँ लीड हृदय में ही अनुस्थापित की जाती है .
दिल की लय सही लुब डूब धुक धुक को बनाए रहता है पेस मेकर .
लीड का काम असामान्य धड़कन की खबर रखना है .खबर होते ही यह स्पन्द जेनरेटर को एक संकेत भेजतीं हैं
तुरत फुरत स्पन्द उत्पादक युक्ति बिगड़ी लय को दुरुस्त कर लेती है .
संक्रमण से बचाना होता है पेसमेकर क्या किसी भी प्रत्यारोप (इम्प्लांट
)को : शरीर के किसी भी अंग ,अंग के किसी हिस्से में पैदा संक्रमण को पल्स जेनरेटर तक पहुँचने में देर नहीं
लगती है .लापरवाही बरतने पर यही संक्रमण इलेक्ट्रोड तक फिर हृदय तक भी पहुँच सकता है हालाकि
ऐसा बिरले ही होता है (0.13-7% )मामलों में ही लेकिन जान लेवा साबित होता है प्रमुख अंगों को अपनी चपेट
में ले लेता है .ऐसे ही एक मामले की विस्तार से चर्चा अगली पोस्ट में करेंगे .
माहिरों के अनुसार 90% मामलों में पेसमेकर की बेटरी के गिर्द संक्रमण की संभावना सर्वाधिक रहती है .
संक्रमण के अति गंभीर मामलों में यह संक्रमण लीड तक जा पहुंचता है .और फिर लीड वायरों की मार्फ़त दिल
को भी अपनी चपेट में ले सकता है .
नतीज़न दिल के वाल्व तथा ऊतक भी संक्रमण की चपेट में आ जातें हैं .इतना ही नहीं खून में पहुंचकर यही
संक्रमण शरीर के प्रमुख अंगों (गुर्दों ,यकृत )को भी ले बैठ सकता है .
प्रमुख अंग काम करना बंद कर सकतें हैं .सैप्टिसीमिया भी हो सकता है .
Septicaemia:It is widespread destruction of tissues due to absorption of disease -causing bacteria or
their toxins from the blood -stream .The term is also used loosely for any form of blood poisoning .
कैसे बचाए प्रत्यारोपित अंग /प्रत्यारोप को संक्रमण से
(1)कान , मुक्तावली ,सीना ,मूत्र मार्ग के संक्रमण / ज्वर आदि को गंभीरता से लें .अनदेखी न करें .
(2)किसी भी अंग की लाली रेडनेस ,सोजिश (सूजन ), मवाद की रिसन को हलके में न लें खासकर वह हिस्सा
जहां प्रत्यारोप अनुस्थापित किया गया है .
(3) प्रत्यारोप अनुस्थापन के बाद हरेक तिमाही में इसका मुआयना करवाया जाए .
(4)स्पन्द जेनरेटर की बेटरी 7-8 साल चलती है .हालाकि इसके क्षय (संक्षारण )के मौके बहुत कम रहतें हैं
.लेकिन नियमित जांच करवाते रहने से इस संभावना को भी खारिज किया जा सकता है .
(ज़ारी )
पेसमेकर एक बेटरी चालित कंप्यूटर होता है .यह दिल की धड़कन की दुरुस्ती के लिए स्पंद पैदा करता है .
इसीलिए इसे पल्स जेनरेटर भी कह दिया जाता है .इसमें लीड लगी होती है लीड बोले तो तार और इलेक्ट्रोड
.जहां पल्स जेनरेटर उदर में या फिर सीने में फिट किया जाता है वहीँ लीड हृदय में ही अनुस्थापित की जाती है .
दिल की लय सही लुब डूब धुक धुक को बनाए रहता है पेस मेकर .
लीड का काम असामान्य धड़कन की खबर रखना है .खबर होते ही यह स्पन्द जेनरेटर को एक संकेत भेजतीं हैं
तुरत फुरत स्पन्द उत्पादक युक्ति बिगड़ी लय को दुरुस्त कर लेती है .
संक्रमण से बचाना होता है पेसमेकर क्या किसी भी प्रत्यारोप (इम्प्लांट
)को : शरीर के किसी भी अंग ,अंग के किसी हिस्से में पैदा संक्रमण को पल्स जेनरेटर तक पहुँचने में देर नहीं
लगती है .लापरवाही बरतने पर यही संक्रमण इलेक्ट्रोड तक फिर हृदय तक भी पहुँच सकता है हालाकि
ऐसा बिरले ही होता है (0.13-7% )मामलों में ही लेकिन जान लेवा साबित होता है प्रमुख अंगों को अपनी चपेट
में ले लेता है .ऐसे ही एक मामले की विस्तार से चर्चा अगली पोस्ट में करेंगे .
माहिरों के अनुसार 90% मामलों में पेसमेकर की बेटरी के गिर्द संक्रमण की संभावना सर्वाधिक रहती है .
संक्रमण के अति गंभीर मामलों में यह संक्रमण लीड तक जा पहुंचता है .और फिर लीड वायरों की मार्फ़त दिल
को भी अपनी चपेट में ले सकता है .
नतीज़न दिल के वाल्व तथा ऊतक भी संक्रमण की चपेट में आ जातें हैं .इतना ही नहीं खून में पहुंचकर यही
संक्रमण शरीर के प्रमुख अंगों (गुर्दों ,यकृत )को भी ले बैठ सकता है .
प्रमुख अंग काम करना बंद कर सकतें हैं .सैप्टिसीमिया भी हो सकता है .
Septicaemia:It is widespread destruction of tissues due to absorption of disease -causing bacteria or
their toxins from the blood -stream .The term is also used loosely for any form of blood poisoning .
कैसे बचाए प्रत्यारोपित अंग /प्रत्यारोप को संक्रमण से
(1)कान , मुक्तावली ,सीना ,मूत्र मार्ग के संक्रमण / ज्वर आदि को गंभीरता से लें .अनदेखी न करें .
(2)किसी भी अंग की लाली रेडनेस ,सोजिश (सूजन ), मवाद की रिसन को हलके में न लें खासकर वह हिस्सा
जहां प्रत्यारोप अनुस्थापित किया गया है .
(3) प्रत्यारोप अनुस्थापन के बाद हरेक तिमाही में इसका मुआयना करवाया जाए .
(4)स्पन्द जेनरेटर की बेटरी 7-8 साल चलती है .हालाकि इसके क्षय (संक्षारण )के मौके बहुत कम रहतें हैं
.लेकिन नियमित जांच करवाते रहने से इस संभावना को भी खारिज किया जा सकता है .
(ज़ारी )
4 टिप्पणियां:
बहुत उपयोगी जानकारी..आभार
एक बहुत ही उपयोगी जानकारी दी है आपने ...
वीरेंद्र जी आपकी आज्ञा पे एक रचना ब्लॉग पे लगा के आया हूं ... संवेदनाएं तो इतनो होती हैं मन में की शायद पूरी नदी बह जाए ... पर मन को मनाना पड़ता है ...माँ की यादों की सुनहरी बहार भी जरूर लिखूंगा ... अभी तो दिल का दर्द उतर रहा है शब्दों में ...
पेसमेकर यूज करने वालों के लिए सही और उपयोगी जानकारी।
निश्चित ही ऐसे में विशेष सावधानी तो आवश्यक रहती है।
बहुत ही सार्थक जानकारी.
तीन महीने पहले ही परिवार में पेसमेकर लगा है। इसलिए ये जानकारी संग्रहणीय है।
आभार
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