बुधवार, 20 जनवरी 2010
तब जब गर्भ -पात ज़रूरी हो जाता है .
एक्दर्म से सम्बन्धी एक बीमारी है त्रोफोब्लास्तिक दीजीज़ ,जो फाल्स प्र्ग्नेंसी (मोलर प्र्ग्नेंसी )कहलाती है .ज़ाहिर है स्पर्म -ओवम का मिलन यहाँ ठीक से नहीं हो पाता.कई मर्तबा ऐसा होता है ओवम (फिमेल एग )का न्युक्लिअस ही नदारद हो जाता ,या फिर एक दम से निष्क्रिय .ऐसे में स्पर्मेताज़ोयाँ (स्पर्म ,शुक्राणु )अपनी ही कुनबा परस्ती अपनी ही और प्रतियां तैयार करने लगता है .ऐसे में फिमेल एग के पास तो कोई आनुवंशिक सूचना (जेनेटिक इन्फार्मेशन )ही नहीं होती है .न्युक्लिअस ही स्रोत है जीवन खण्डों ,गुणसूत्रों का (क्रोमोज़ोम्स और उस पर विराजमान जींस का ).ऐसे में ना तो कोई भ्रूण होता है (नो फीटस ),ना प्लेसेंटा ,ना कोई फ्ल्युइड ना कोई एम्नियोटिक मेम्ब्रेन (नो एम्नियाँ न ).फिर गर्भाशय में होता क्या है ?एक आकृति -विहीन (शेप्लेस मॉस यानी मोल होता है यूट्रस में इसी लिए तो इसे मोलर प्रेगनेंसी कहा जाता है ,बस अंगूर के छोटे छोटे गुच्छेअल्ट्रा साउंड दर्शायेगा .कलर्ड एक्स रे भी यह काम कर सकता है ।
अब क्योंकि कोई प्लेसेंटा तो है नहीं ,जिसे खून के दौरान उसी रक्त से पोषण मिलता है ,जो मेन्स्त्र्युअल् साइकिल के दौरान निकलता है ,इसी लिए गर्भाशय विवर (यूटेराइन केविटी में रक्त का स्राव होने लगता है .वेजिनल ब्लीडिंग होने लगती है ।
पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी तब होती है जब एक साथ दो स्पर्म (स्पर्मेताज़ोयाँ ,शुक्राणु )एक ही ओवम से जा मिलतें हैं ,और गर्भाधान कर्देतें हैं ,फ़र्तिलाइज़ कर देतें हैं सिंगिल ओवम को ।
एक हेल्दी तथा नोर्मल फ़र्तिलाइज़्द ह्यूमेन एग में कुल ४६ गुणसूत्र (क्रोमोज़ोम्स )होतें हैं ,जिनमे से २३ माता ,तथा इतने ही फादर से मिलतें हैं .जबकि पार्श्यल मोलर प्रेगनेंसी में २३ माता से ,४६ बाप से आ जातें हैं ,६९ ऐसे में कुछ प्लेसेंतल तिस्सू आकृति विहीन जैविक द्रव्यमान (शेप्लेस मॉस )के गिर्द जल्दी ही दिखलाई देने लागतें हैं ।भ्रूण विक्सित भी होने लगता है ,फीटल तिस्यु भी ज़ाहिर है पनपने लागतें हैं ,एक एम्नियोटिक सेक (गर्भ थैली ,एम्नियाँ न )भी बन्ने लगती है ,लेकिन यह सब एक आनुवंशिक विकृति ही है ,यह सामान्य शिशु में कभी भी तब्दील नहीं हो सकता .गर्भ पात ही ऐसे में एक समाधान है ,जिसे "डी एंड एन "यानी
aise me kuchh plesental tissue शापेलेस
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