एक अध्धय्यन की माने तो ग्रीन टी का नियमित सेवन ,एक प्याला ग्रीन टी आपको फेफड़ा कैंसर से बचाए भी रख सकती है (धूम्रपान करने वालों को भी लाभ पहुँच सकता है ,धूम्रपान छोड़ने पर फायदा ही फायदा है )।
एक प्राकृतिक चिकित्सा सा कहा गया बतलाया जाता रहा है -ग्रीन टी को .बारहा कहा गया है ,मधुमेह (शक्कर की बीमारी जीवन शैली रोग ),डिमेंशिया(उन्माद ,अल्ज़ैमार्स आदि )और खून से चर्बी निकाल बाहर करने का कुदरती तरीका है ग्रीन टी का नियमित सेवन ।
समझा जाता है ग्रीन टी में मौजूद रासायनिक यौगिक "पोलिफीनोल्स "इन्फ्लेमेशन कम करता है ।
ताइवान में संपन्न एक ताज़ा अध्धय्यन की माने तो ग्रीन टी में मौजूद "एंटी -आक्सिदेंट्स "डी एन ए को होने वाली नुकसानी को मुल्तवी (रोके रखतें हैं )रखतें हैं .यही नुकसानी कैंसर की बुनियाद रखती है ,एड लगाती है तमाम तरह के कैंसरों को ।
एनशियेंट -ब्र्यु धूम्र पान करने ,ना करने वालों को बराबर पांच गुना ज्यादा कैंसर के खतरों से बचाव में कारगर हो सकती है .
गुरुवार, 14 जनवरी 2010
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