कुछ रोग चुपके से माँ -बाप से उनके बच्चों में दोष पूर्ण -जीवन इकाइयों के चलते चले आतें हैं ."एक्स्ट्रा -ऑर्डिनरी-मेज़र्स" फिल्म में इनका ज़िक्र है .फिल्म में बतलाया गया है ज्यादा से ज्यादा इन बच्चों की उम्र दस साल है .इसी से प्रेरित होदो बेटों का पिता इन तथा ऐसे ही वंशागत रोगों से बचाव के लिए एक जीन किट तैयार कर डालता है .सच्ची घटना (कथानक )पर आधारित है यह फिल्म .पिता ने सच मुच में ही एक जीन किट तैयार कर ली है जो जन्मजात बीमारियों से छुटकारा दिलवाने का वायदा करती है .सिस्टिक फाइब्रोसिस (एक आनुवंशिक रोंग जो पैदा होते ही शिशु की अनेक ग्रंथियों (ग्लेंड्स )को असरग्रस्त बनादेता है .नतीज़तन म्यूकस ज्यादा विस्कास (गाढा )हो अंदरूनी मार्गों को (यथा )फेफड़ों को अवरूद्ध कर स्वशन सम्बन्धी परेशानियों की वजह बनता है .)टे-सचस (टे -सेक्स डिसीज़ )जिसमे लिपिड्स दिमाग और नर्व्समें ज़माहोकर आँखों की रौशनी ले उड़तें हैं तथा दिमाग के कई अन्य कार्यों को अवरूद्ध कर्देतें हैं ),स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी,सिकिल सेल डिसीज़ तथा पोम्पे डिसीज़ ऐसी ही कुछ अन्य बीमारियाँ हैं जन्मजात ।
अलावा इसके तकरीबन कुछ सौ और रोगों से निजात दिलवाने की बात कही गई है ।
दवा निगम "कोउन्स्य्ल "का कहना है किट से एम्ब्रियो की बारीक जांच के बाद परखनली गर्भाधान के ज़रिये अजन्मे शिशु को रोग पनपने से पहलेरोंग से ही छुटकारा दिलवाया जा सकता है ।
दवा निगम के मालिक के दो बेटे फिल्म में पोम्पे डिसीज़ से ग्रस्त दिखलाए गएँ हैं .जान लेवा और ला इलाज़ है यह जन्मजात रोग "पोम्पे डिसीज़ "जिसे ग्लैकोजन स्टोरेज डिसीज़ टा -इप -२ भी कहा जाता है ।फिलवक्त -
सिस्टिक फैब्रोसिस और टे -सेक्क्स डिसीज़ की आज -माइशें इस टेस्ट किट से की जा रहीं हैं .कुछ ख़ास नस्ली समूहों (एथनिक ग्रुप्स )में यह बीमारी देखी गई है .एक एक परिक्षण आदमी की जेब खाली कर देता है .हज़ारों डॉलर्स खर्च हो जाता है ।
"कोंसेल्स टेस्ट "सेलाइवा सेम्पिल्स से दी एन ऐ अलग कर जांच को भरोसे मंद बतलाता है .प्रति दम्पति मात्र ६९८ तथा दोनों में से किसी एक की ऐसी जांच पर खर्च आता है ३४९ डॉलर्स ।
अब से पहले ऐसा मुमकिन नहीं था अब जन्म जात रोगों के एक पीढ़ी से दूसरी में चुपचाप चले आने के सिलसिले को रोकने का वायदा है ,कोंसेल्स का ।
जेनेटिक कोंस्लार्स को इसी वेला का इंतज़ार था ,अलबत्ता पीयर रिवियु तथा इस दिशा में और अध्धयन ज़रूरी हैं .
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