कई मर्तबा मेडिकल रीजंस (चिकित्सा कारणों से भ्रूण की सलामती और उसमे पनपने वाली संभावित विकृति की दुरुस्ती के लिए )उसके लिंग (सेक्स ,जेंडर )के बारे में जान लेना ज़रूरी हो जाता है .एक खानदानी विरासत में मिला जेनेटिक डिस-ऑर्डर है कोन्जिनाइतल-एड्रीनल -हाई -पर- प्लेज़िया जिसके तहत लड़कियों में अस्वाभाविक एक्सटर्नल जेनितेलिया (रिप्रोदाक्तिव ओर्गेन) ,प्रजनन अंग पनपने लगतें हैं ,लड़कों जैसी भारी भरकम आवाज़ ,शरीर परमर्दों जैसे बालों का ज़मघट होने लगता है .ऐसे ही मामलों में प्रसव -पूर गर्भास्त का सेक्स जानना ज़रूरी हो जाता है ।
परम्परा गत एम्नियो -सिंतेसिस टेस्ट के तहत एम्नियोटिक सेक (एम्नियाँ न )से सूईं द्वारा गर्भ जल खींच कर सेक्स निर्धारण किया जाता है ,लेकिन यह तरीका गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में ही आजमाया जा सकता है ,तब तक कोंजी -नैटल-एड्रीनल हाई -पर प्लेज़िया के मामले में किसी भी प्रकार के समाधान या दुरुस्ती के लिए देर हो चकी होती है .ऐसे ही मामलों में नीदर्लेन्ड के शोध -कर्मियों द्वारा विकसित इस ब्लड टेस्ट द्वारा शिशु का लिंग जानना बड़े काम की चीज़ सिद्ध हो सकता है .इस टेस्ट्स को गर्भावस्था के पहले चरण में ही आजमाया जा सकता है ।
याद रहे गर्भ जल परीक्षण द्वारा सेक्स निर्धारण निरापद नहीं है ,इससे फीटस को नुकसानी भी उठानी पड़सकती है .अलावा इसके यह एक इन्वेज़िव तरीका है ,एम्नियाँ न में सूईं चुभोनी पड़ती है ।
जबकि यह टेस्ट गर्भावस्था के दौरान एक रूटीन खून परीक्षण की तरह कर लिया जाएगा ऐसा दावा कर रहें है ,ओब्स -तेत्रिक्सएंड गैनेकोलाजी जर्नल में प्रकाशित लेख के नीदर्लेन्ड वासी शोध -कर्मी .इस टेस्ट को जिसके तहत माता के खून में जांच के दौरान कुछ सुनिश्चित और ख़ास मार्कर्स का पता लगाया जाता है .इसे यूं तो पहले भी आजमाया जाता रहा है जिसकी फीसद कामयाबी यकसां नहीं रही है ,लेकिन प्रस्तुत शोध इसके नतीजों को लिंग -निर्धारण के मामले में १०० फीसद खरा बतला रही है ,जिसके नतीजे २०० गर्भवती महिलाओं पर कामयाबी के साथ आजमाए जा चुके हैं ।
अलबत्ता इस टेस्ट पर कितनी खर्ची आएगी ,कब यह आम फ़हम (आम आदमी को उपलब्ध होगा )होगा इस बारे में शोध -करता खामोश हैं .जो हो इसे एक एहम ब्रेक -थ्रू समझा जाएगा .अलबत्ता भारत के सन्दर्भ में खुदा खैर करे ,जहां औरत -मर्द अनुपात पहले ही बहुत विषम हो चुका है .लडकियां लगातार गायब हो रहीं हैं .थेंक्स तू अल्ट्रा -साउंड ।
बुधवार, 20 जनवरी 2010
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