इन्साफ की डगर पर बच्चों दिखाओ चलके ,ये देश है तुम्हारा नेता तुम्ही हो कलके या फिर हमें उन राहों पर चलना है जहां गिरना और सँभलना है ,हम हैं वो दिए औरों के लिए जिन्हें तूफानों में जलना है ,जैसे सौद्देश्य परक गीत बच्चों के मानस पर एक अमित स्थाई प्रभाव छोड़तें हैं खासकर तब जब उन्हें बेड टाइम पर सोते वक्त संगीत सुनना अच्छा लगता है .बच्चों की इस आदत ,गीत संगीत के प्रति उनके कुदरती रुझान का उन्हें कल का एक जिम्मेवार नागरिक बनाने में स्तेमाल किया जा सकता है .यह कहना है ,मनोविज्यानी (साइकोलोजिस्ट )तोबिअस ग्रेइतेमेयाएर का .आपने सालों साल उस संगीत के चित्त पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्धय्यन किया है जो औरतों के प्रति एक घृणा स्पद sअंदेश अपने लिरिक्स (संगीत के बोल )से छोड़ता है ।आप ससेक्स विश्व -विद्यालय ,इंग्लेंड में कार्य रत हैं .
अपने एक नवीनतर अध्धय्यन में आपने नौनिहालों के दिलो दिमाग पर उद्देश्य परक गीत संगीत का असर पता लगाया है .बकौल आपके बच्चों को सामाजिक तौरपर ज्यादा जिम्मेवार बनानेमें सौद्देश्य परक गीत संगीत एक विधाई भूमिका निभा सकता है .वैसे भी संगीत हमें सु -संस्कृत बनाता है .
शुक्रवार, 8 जनवरी 2010
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