मंगलवार, 22 जनवरी 2013

रीढ़ का एक बिरला ही आनुवंशिक रोग है MYOSITIS OSSIFICANS PROGRESSIVIA

रीढ़ का एक बिरला ही  (विरल ) आनुवंशिक रोग है MYOSITIS 

OSSIFICANS PROGRESSIVIA



प्रत्येक दस लाख के पीछे एक मरीज़ मिलता है चिकित्सा साहित्य में इस रोग का जिसमें मृदु (नर्म

,मुलायम )पेशीय ऊतक मज़बूत (सुदृढ़ )अस्थियों (हड्डियों )में तबदील हो जाते हैं .पैदा होने से लेकर दस

साला होने तक इस रोग का आम तौर पर प्रगटीकरण होने लगता है लेकिन कुछ विरल (बिरले ) मामलों में

इसका

प्रगटीकरण उम्र के दूसरे  दशक में होता है .जब मरीज़ की  रीढ़ अपनी लोच खोके कठोर पड़ने लगती है

(STIFFNESS OF SPINE AND SHOULDER AND IMPEDED MOVEMENT OF HIP

MANIFEST AS SYMPTOMS).

ऐसे में अस्थि का बनना  ही  अक्सर निकटस्थ  जोड़ को स्टिफ बना देता है .कुछ मामलों में यह स्थिति

बहुत

घातक

सिद्ध होती है .

तीस साला होते होते इस रोग से ग्रस्त अधिकतर लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं .इनका ठवन,बैठने उठने की

मुद्रा  अजीबोगरीब हो

जाती  है .भारत में इसके बहुत कम मामले दर्ज़ हुए हैं .

हाल ही में मुंबई के CIVIC -RUN SION HOSPITAL में इसका एक मामला देखने में आया है जिसमें 30

वर्षीय महिला की रीढ़ की  गुर्रियाँ (रीढ़ की हड्डी का एक अंश गुर्री या कशेरुका कहलाता है )कठोर पड़के

 परस्पर संयुक हो गई जुड़ गईं थीं .

HER VERTEBRAE -WHICH MAKE UP THE SPINE OR BACKBONE -HARDENED AND

FUSED WITH EACH OTHER.

नतीज़न उसका शरीर 90 अंश आगे को झुक गया .न वह सीधी  खड़ी  हो सकती थी न चल पाती थी .सोते

वक्त उसे पैरों को मोड़ कर ही सोना पड़ता था .

अस्पताल के माहिरों ने इस पर कामयाबी पूर्वक शल्य क्रिया "SPINAL OSTEOTOMY "सम्पन्न कर

दिखाई .

A WEDGE OF BONE FROM HER DEFORMED SPINE WAS REMOVED .

विरूपित (विरूपण ग्रस्त )रीढ़ से एक अंग्रेजी अक्षर V के आकार का टुकडा काट के निकाल दिया गया .

अब रीढ़ को सामान्य  रीढ़ की तरह समायोजित किया गया .

THE SPINE WAS THEN RECONSTRUCTED IN NORMAL PHYSIOLOGICAL ALIGNMENT    

AND FIXED WITH SCREWS AND RODS TO STABILISE IT .

नवम्बर में सर्जरी के बाद से यह महिला जो अब सीधे खड़ी हो सकती है ,सहायता लेके कुछ कदम चल भी

सकती है  अस्पताल में स्वास्स्थ्य लाभ प्राप्त कर रही थी .बेशक उसे आइन्दा भी भौतिक चिकित्सा के लिए

कई मर्तबा आना पडेगा .चंद दिनों में ही इसे अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी .

यह करिश्माई शल्य डॉ .अशोक राठोड़ के सधे हुए माहिर हाथों ने करके दिखाया है .अस्पताल में एक अति

विकसित विशेष

स्पाइन डिफोरमिटी सेंटर है .डॉ .अशोक इसी से सम्बद्ध हैं .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Op gets women with rare spinal condition back on feet /TIMES CITY /TOI

,MUMBAI ,JANUARY 22,2013 ,P8


6 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अजीब तरह की बीमारियाँ है संसार में ...
पर हैं तो भोगनी तो पढ़ती हैं ... अच्छी जानकारी ... राम राम जी ...

रविकर ने कहा…

उफ़-
अजीब रोग-

पुरुषोत्तम पाण्डेय ने कहा…

उपयोगी जानकारी.

Unknown ने कहा…

सर जी,इस बिरले वायरस की
जानकारी प्रदान कर अत्यंत
mahatwpurn kary को अंजाम दिया है

Pratibha Verma ने कहा…

अजीब तरह की बीमारियाँ है संसार में ...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

तभी सदा ही सीधे बैठने पर जोर दिया जाता रहा है हमारे यहाँ..