रविवार, 20 जनवरी 2013

.फिर इस देश के नौजवानों का क्या होगा ?

शख्शियत 

राहुल गांधीबनाम Raul Vinci 

आप  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सद्य नियुक्त  उपाध्यक्ष हैं .

आपका जन्म 19 जून 1970 को हुआ .आपकी आरम्भिक शिक्षा दिल्ली के कूल्म्बिया स्कूल में हुई .इसके बाद आप दून  स्कूल,देहरादून, 

उत्तराखंड में (1981-83)तक अध्ययन रत रहे .

 वर्तमान में आप अमेठी से सांसद हैं .2004 से आप सार्वजनिक जीवन (राजनीति )से जुड़े हैं .भारत के एक बड़े भू -भाग की आपने यात्रा 

की है .बहन प्रियंका के 

साथ मिलके आपने उत्तर प्रदेश में अनेक रोड शो किये हैं .मायावती का दलित वोट बैंक आपके निशाने पे रहा है .

विवादों से आपका पुराना रिश्ता रहा है .आप ट्राईनिटी कालिज लन्दन से एमफिल है लेकिन आपके पास मास्टर्स डिग्री नहीं है .हो सकता है 

विदेशों में ऐसे विश्वविद्यालय हों जहां एमए किये बिना 

एमफिल करा देते हों .चलो ऐसे विश्वविद्यालय का आपको लाभ तो मिला न .शायद इसीकारण आप अपनी एमए की डिग्री का हवाला नहीं 

देते .बी ए के हवाले के बाद सीधे एमफिल होने का उल्लेख 

करते हैं .ठीक वैसे जैसे कोई पुत्र अपने पिता का उल्लेख न करके सीधे दादा का नाम लेता हो।चलो ,ये आपकी प्रवृत्ति बभी हो सकती है 

,कुछ कहना और कुछ छिपा लेना .बहरहाल ऐसा तो आपकी 

माँ सोनिया गांधी भी करती रहीं हैं .तो भारत वासियों को ये तो पता लगना ही चाहिए कि ये आपकी पारिवारिक विरासत है .बहरहाल ,हमें 

तो आपकी उपलब्धियों का उल्लेख करना है और वह हम 

कर रहें हैं . सेंट स्टीवन्स कोलिज,दिल्ली  में आप एक वर्ष तक(1989-90) 

अध्ययन रत रहे तदनंतर 

पहले 

आप हारवर्ड यूनिवर्सिटी ,फिर रोलिंस कालिज में अध्ययन रत रहे .इसी कालिज से आपने बीए की उपाधि प्राप्त की .आप अनेक वजहों से 

एक के बाद एक शिक्षा संस्थाएं बदलते रहें है जिनमें से एक 

वजह आपकी सुरक्षा से जुडी रही है .इसीलिए रौल विन्ची 

रहा 

है आपका नाम इन  संस्थानों में  .आपने अपनी दादी, माँ- बाप और बहन की परम्परा का अनुसरण करते हुए अंतरजातीय प्रेम सम्बन्ध 

तो बनाए हैं लेकिन  43 वर्षीय होने पर भी प्रेम 

विवाह नहीं किया है .पर निश्चय से ऐसा  कौन कह सकता है .


सुनने में आया था आप एक कूलम्बियन युवती  Juanita  से प्रेम करतें हैं जो आपसे विवाह सम्बन्ध में बंधना चाहती है .लेकिन आपने खुद 

एक साक्षात्कार में अपनी गर्ल फ्रेंड का नाम Veronique

बतलाया है जो स्पेन की रहने वाली है .फिलवक्त वेनेजुएला में रहती है .गत दिनों  केरल प्रदेश में आपने अपनी बहन के सम्बन्धियों के 

संरक्षण में अपनी प्रेमिका के साथ फुर्सत के क्षण बिताये हैं .

दलित विलेजिज़ आपके प्रिय स्थल रहें हैं .

2009 के लोक सभा चुनावों के लिए आपने 6हफ़्तों में 125 चुनाव सभाओं को संबोधित किया .

यूथ कोंग्रेस के आप महा सचिव रहें हैं .इसकी सदस्य संख्या बढ़ाने  में आपका बड़ा योगदान रहा है .क्या पीठ पर महासचिव की मोहर 

लगवाने भर से उन लोगों का आप में विश्वास पैदा हो जाएगा 

जिन्होनें कभी पहले के चुनावों में आपके समर्थित उम्मीदवारों का सूपड़ा साफ़ कर दिया था .खैर अहम क्या ले बैठे .हमें तो नौज़वानों के 

सामने आपकी जीवन गाथा कहनी है .पर आपके छिपे हुए 

गुण ऐसे हैं कि पता लगने पर कुछ न कुछ कहने के लिए ही मजबूर कर देते हैं .जैसे अब दिल्ली में हाल के दिनों में गैंग रेप की बर्बर घटना 

घटी और आप मौन भवन में जाकर बैठ गए .यही तो 

आपकी विशेषता है जो लोगों को पता नहीं है .सीमा पर मेंढर क्षेत्र में पाकिस्तान  सेना  भारतीय सैनिक का सिर कलम करके अपने साथ ले 

गई और भारत के अभागे लोग आपकी प्रतिक्रिया तक 

सुनने को तरस गए .आप से अच्छे तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी हैं जिन्होनें आठ दिन बाद ही सही अपनी चुप्पी तो तोड़ी .दरअसल 

आपके गुणों की कथा तो सहस्र मुख शेष नाग भी नहीं कह 

सकते फिर हमारी क्या बिसात .ऐसा होते हुए भी हमारा फर्ज़ तो ये है हम आपको बधाई दें और सम्बंधित जानकारी पूरी विनम्रता से  

लोगों तक पहुंचाए .दरअसल आप हमें प्रिय बहुत हैं .हमें तो क्या 

पूरे भारत के लोगों को आप प्रिय हैं .ये अलग बात है कि आप और आपके गुण दोनों अलग अलग मुद्दे हैं .अगर किसी को आपके गुण प्रिय 

नहीं लगते तो हम इसमें क्या कर सकते हैं .

राष्ट्रीय सुरक्षा पर आपके विचार :

आप हिन्दू इन्तहा पसंदों को मुस्लिम दहशत गर्दों के बरक्स बड़ा ख़तरा मानते हैं .(भारतीय 

)राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS)की तुलना 

 आप आतंकी संगठन SIMI से कर चुकें हैं .भारत में रहने वाले मुसलमानों का एक हिस्सा 

लशकरे 

तैयबा से जुड़ा रहा है ऐसा तो  आप मानते हैं .

   लोकपाल को आप एक संविधानिक संस्था  का  दर्ज़ा दिलवाना चाहते हैं . 

अब इस देश में अनुशासन तो है नहीं ,देखो ये मनोविज्ञानी आपके बारे में न जाने क्या क्या कह 

रहें हैं .आपको अस्थिर चित्त मंदमति 


की संज्ञा दी है .आप उनकी राय पर चिंता न करें .और निर्वाचन सभाओं में अपनी आस्तीनें 

चढ़ाकर लिखे हुए को बोलने का कर्म जारी रखें 

.कोशिश ये होनी चाहिए कि लिखित भाषण कहीं गिर न जाए .फिर इस देश के नौजवानों का 

क्या होगा ?









  



2 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

हा हा ... क्या परिचय दिया है जी ...
राम राम जी ...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

बहुत शानदार बखान गाथा !!