आधा सच है दोनों ओर
शालिनी जी कौशिक ,आशा राम बापू जी हों ,या मोहन भागवत जी ,इसी विचार धारा के अन्य लोग हों जो कुछ भी ये सब लोग कह
रहें हैं
उसके
निहितार्थ को समझना होगा :
शालिनी जी कौशिक ,आशा राम बापू जी हों ,या मोहन भागवत जी ,इसी विचार धारा के अन्य लोग हों जो कुछ भी ये सब लोग कह
रहें हैं
उसके
निहितार्थ को समझना होगा :
भारत की त्रासदी है यह ,या परम्परा फैसला आप खुद करें, हम निर्णायक की भूमिका में नहीं आ सकते ,औरत को सम्बन्ध के सीखचों में
आबद्ध करके ही देखा जाता है .उसे आदर देने के योग्य इसी
सम्बन्ध नेट वर्क में देखा जाता है .इससे इतर जब उसकी शख्शियत की बात आती है ,हम बगलें झाँकने लगते हैं या फिर पश्चिम की ओर
निहारते हैं .जहां औरत के अलंघ्य अधिकार भी हैं
शख्शियत
भी है ,सम्बन्ध सापेक्ष .भारत की त्रासदी यह है भारत ने जो कुछ पश्चिम की इस निरपेक्ष शख्शियत के नाम पर विकृत चैनल शैली
में
में
,इंटरनेट पे परोसे जाते देखा है उसे ही सच मान लिया है औरत के चुनिन्दा अंगों को ही हमने औरत मान समझ लिया है ,जब कि
वह
विकृति है व्यक्ति विशेष की .पश्चिम की अधिकार प्राप्त शख्शियत नहीं है वह .जैसा चैनलों और फिल्मों, नेट की कई वेब साइटों पर
दिखाया जा रहा है .विज्ञापन के रुपहले संसार में दिखाया जा रहा है .(हाँ विज्ञापन और मोडलिंग उसका पेशा भी है ).हम औरत के अंगों
को ही क्यों देखते हैं ?वह तो उसके अंग है वह औरत नहीं है .
उसकी भी एक शख्शियत है एनाटमी से परे .है देहयष्टि और सम्बन्ध से परे .यही है औरत .
औरत मन बहलाव का ज़रिया नहीं है .वह सम्बन्ध से निरपेक्ष एक शख्शियत के रूप में भी है और बाकायदा है .मोहन भागवत जी हों या
आशाराम बापू वह इस फर्क को समझ नहीं पा रहें हैं .परम्परा
के
चश्मे से आधुनिक औरत को देख रहें हैं .यह एक अ -यौनिक चश्मा है ,अ -सेक्स्युअल आदर भाव है औरत के प्रति ,दूसरे छोर पर
पश्चिम
की आड़ में विकृत चीज़ें परोसी जा रहीं है वह दूसरा छोर है
जहां औरत को एक अम्यूजमेंट पार्क समझा जाता है .खिलवाड़ की भोग की वस्तु समझा जाता है .जबकि सुनीता विलियम्स भी वही है
,कैट वाल्क भी वही करती है .मोहिनी भी
वही है आइटम सोंग करने वाली भी वही है .हवाई जहाज भी वही उड़ाती है कई मर्तबा पूरा क्रू किसी किसी फ्लाईट का सिर्फ महिलाओं
का
का
ही होता है .
एक आयामीय नहीं है नारी
विविध
रूपा, विविध आयामीय है .
शालिनी जी आधा सच है दोनों ओर ..भारत सम्बन्ध निरपेक्ष आधुनिक महिला को बहन बेटी माँ के दायरे से बाहर देख समझ नहीं पा रहा
है .उसके लिए या तो वह सम्बन्ध आबद्ध है या फिर शुद्ध देह ,एक जिन्स .त्रासदी गहरी है .
है .उसके लिए या तो वह सम्बन्ध आबद्ध है या फिर शुद्ध देह ,एक जिन्स .त्रासदी गहरी है .
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