पढ़ ली है इन्सुलिन अणुओं की कूट भाषा साइंसदानों ने .बूझ लिया है इन्सुलिन अणुओं का आणविक स्तर
पर व्यवहार ,समझ लिया है कैसे ये गठबंधन बनाते हैं कोशाओं की सतह पे मौजूद अभिग्राहियों से रिसेप्टर्स
से .उम्मीद की जा सकती है अब मधुमेह के अभिनव एवं बेहतर इलाज़ की प्रबंधन की .निजात मिल सकती
है इन्सुलिन की सुइयों से करोड़ों उन लोगों को जो मधुमेह से ग्रस्त हैं .
कैसे इन्सुलिन अणु रक्त में तैरती शक्कर सींच लेते हैं बूझ लिया गया है यह रहस्य जो गत दो दशकों से
अबूझ बना रहा है .
यह गुत्थी सुलझाई है ऑस्ट्रेलिया के उन रिसर्चरों ने जो वाल्टर एंड एलिजा हाल इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल
रिसर्च,मेलबोर्न , से ताल्लुक रखतें हैं .आपने अभिग्राहियों से जुड़ते गठबंधन करते अणुओं के त्रिआयामीय
चित्र उतारे
है .खुलकर देखा है इनकी करनी (लीला को ).
इस संस्थान की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय टीम का गठन किया गया जिसमें शिरकत की है -
La Trobe University ,the University of Melbourne ,Case Western Reserve University ,the
University of Chicago ,the University of York and the Institute of Organic Chemistry and
Biochemistry in Prague के साइंसदानों ने .
इस रिसर्च ने इन्सुलिन की नै से नै किस्मों के तैयार कर लेने का मार्ग प्रशस्त किया है . इन्हें टीके
(सुईं )के अलावा भी दिया जा सकेगा .देर तक असर करेगी यह किस्म इन्सुलिन की .इसे जल्दी जल्दी लेने
की ज़रुरत नहीं रह जायेगी .ज्यादा गुणकारी होगी यह इन्सुलिन .
कोल्ड चेन टूटने का ख़तरा भी नहीं रहेगा अविकसित राष्ट्रों में जहां बिजली चौबीसों घंटा नसीब में नहीं है .
लेवल :इन्सुलिन ,रिसेप्टर ,बाइंडिंग ,नोवेल इन्सुलिन
सन्दर्भ- सामिग्री :-.Insulin code out ,say bye to needles
Breakthrough May Soon Enable Diabetes To Get Rid Of Daily Injections/TIMES TRENDS/TOI ,MUMBAI ,JANUARY 11,2013 ,P17
निजात मिल सकती है इन्सुलिन की सुइयों से
पर व्यवहार ,समझ लिया है कैसे ये गठबंधन बनाते हैं कोशाओं की सतह पे मौजूद अभिग्राहियों से रिसेप्टर्स
से .उम्मीद की जा सकती है अब मधुमेह के अभिनव एवं बेहतर इलाज़ की प्रबंधन की .निजात मिल सकती
है इन्सुलिन की सुइयों से करोड़ों उन लोगों को जो मधुमेह से ग्रस्त हैं .
कैसे इन्सुलिन अणु रक्त में तैरती शक्कर सींच लेते हैं बूझ लिया गया है यह रहस्य जो गत दो दशकों से
अबूझ बना रहा है .
यह गुत्थी सुलझाई है ऑस्ट्रेलिया के उन रिसर्चरों ने जो वाल्टर एंड एलिजा हाल इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल
रिसर्च,मेलबोर्न , से ताल्लुक रखतें हैं .आपने अभिग्राहियों से जुड़ते गठबंधन करते अणुओं के त्रिआयामीय
चित्र उतारे
है .खुलकर देखा है इनकी करनी (लीला को ).
इस संस्थान की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय टीम का गठन किया गया जिसमें शिरकत की है -
La Trobe University ,the University of Melbourne ,Case Western Reserve University ,the
University of Chicago ,the University of York and the Institute of Organic Chemistry and
Biochemistry in Prague के साइंसदानों ने .
इस रिसर्च ने इन्सुलिन की नै से नै किस्मों के तैयार कर लेने का मार्ग प्रशस्त किया है . इन्हें टीके
(सुईं )के अलावा भी दिया जा सकेगा .देर तक असर करेगी यह किस्म इन्सुलिन की .इसे जल्दी जल्दी लेने
की ज़रुरत नहीं रह जायेगी .ज्यादा गुणकारी होगी यह इन्सुलिन .
कोल्ड चेन टूटने का ख़तरा भी नहीं रहेगा अविकसित राष्ट्रों में जहां बिजली चौबीसों घंटा नसीब में नहीं है .
लेवल :इन्सुलिन ,रिसेप्टर ,बाइंडिंग ,नोवेल इन्सुलिन
सन्दर्भ- सामिग्री :-.Insulin code out ,say bye to needles
Breakthrough May Soon Enable Diabetes To Get Rid Of Daily Injections/TIMES TRENDS/TOI ,MUMBAI ,JANUARY 11,2013 ,P17
निजात मिल सकती है इन्सुलिन की सुइयों से
5 टिप्पणियां:
इसमें अधिक जानकारी की आवश्यकता .यह केवल आशा के एक किरण है.जारी रखे .
New post : दो शहीद
बहुत बढ़िया जानकारी ...
अच्छी जानकारी दी है |
आशा
हमारी जिन्दी से जुडी गंभीरतम समस्या*** सर जी,इंसुलिन से जल्द मुक्ति की
उम्मीदों से भरी जानकारी दे कर आप ने
लाखो चेहरों पर खुशिओंकी बरसात कर
दिया
नया विज्ञान, नयी खोज, नया निदान..
एक टिप्पणी भेजें