सेहतनामा
नमक से जुड़ी है दिलोदिमाग की सेहत की नव्ज़
खुराकी नमक एक ज्ञात रिस्क फेक्टर है हाइपरटेंशन का जिसके कारण
भारत में 57%लोग स्ट्रोक (ब्रेन अटेक ,दिमाग के दौरे )से तथा 24%दिल के
दौरे से मौत के मुंह में चले जाते हैं .
करामाती नमक रक्त वाहिकाओं के फैलने सिकुड़ने की कूवत को कम कर
देता है ,हृद पेशी की कोशिकाओं को कठोर बना सकता है .
विश्वस्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के अनुसार दिन भर में 5 ग्राम से
ज्यादा नमक का सेवन नहीं किया जाना चाहिए जबकि एक आम भारतीय
दिन भर में विभिन्न स्रोतों से 8-10 ग्राम नमक उड़ा देता है .
लन्दन स्कूल आफ ट्रोपिकल मेडिसन के माहिर एवं इस अध्ययन के
अगुवा Jennifer Sutherland के अनुसार खाने की मेज पे ही हम दिन भर में
खाए जाने वाले नमक का 15-20%
साल्ट उड़ा डालते हैं ऊपर से छिड़क कर ,दही रायता सलाद आदि पर
.अचार ,कचरी , पापड़ ,चटनी ,चाट पकौड़ी ,पानी पूरी ,ब्रेड ,बेकरी हर तरफ
से नमक चला आरहा है चुपके चुपके .जिसका हम कोई नोटिस नहीं लेते .
2003 में ब्रिटेन भर में नमक के कम सेवन के बारे में जागरूकता फैलाने के
लिए यु के फ़ूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी तथा स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान
चलाया .तब से नमक के सेवन में वहां लगातार कमी दर्ज़ की गई है
.खाद्य निगमों ने भी इस अभियान में शिरकत की है .
इस पोस्ट के माध्यम से हम अपने तमाम ब्लोगर वृन्द से निवेदन करतें हैं
वह भी इस अभियान में शिरकत करें .
नमक से जुड़ी है दिलोदिमाग की सेहत की नव्ज़
खुराकी नमक एक ज्ञात रिस्क फेक्टर है हाइपरटेंशन का जिसके कारण
भारत में 57%लोग स्ट्रोक (ब्रेन अटेक ,दिमाग के दौरे )से तथा 24%दिल के
दौरे से मौत के मुंह में चले जाते हैं .
करामाती नमक रक्त वाहिकाओं के फैलने सिकुड़ने की कूवत को कम कर
देता है ,हृद पेशी की कोशिकाओं को कठोर बना सकता है .
विश्वस्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के अनुसार दिन भर में 5 ग्राम से
ज्यादा नमक का सेवन नहीं किया जाना चाहिए जबकि एक आम भारतीय
दिन भर में विभिन्न स्रोतों से 8-10 ग्राम नमक उड़ा देता है .
लन्दन स्कूल आफ ट्रोपिकल मेडिसन के माहिर एवं इस अध्ययन के
अगुवा Jennifer Sutherland के अनुसार खाने की मेज पे ही हम दिन भर में
खाए जाने वाले नमक का 15-20%
साल्ट उड़ा डालते हैं ऊपर से छिड़क कर ,दही रायता सलाद आदि पर
.अचार ,कचरी , पापड़ ,चटनी ,चाट पकौड़ी ,पानी पूरी ,ब्रेड ,बेकरी हर तरफ
से नमक चला आरहा है चुपके चुपके .जिसका हम कोई नोटिस नहीं लेते .
2003 में ब्रिटेन भर में नमक के कम सेवन के बारे में जागरूकता फैलाने के
लिए यु के फ़ूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी तथा स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान
चलाया .तब से नमक के सेवन में वहां लगातार कमी दर्ज़ की गई है
.खाद्य निगमों ने भी इस अभियान में शिरकत की है .
इस पोस्ट के माध्यम से हम अपने तमाम ब्लोगर वृन्द से निवेदन करतें हैं
वह भी इस अभियान में शिरकत करें .
2 टिप्पणियां:
आपके विचार और चिंता से सहमत ,हम अपनी खान पान की आदत में सुधार करके तमाम तरह की बीमारियों और परेशानियों से बच सकते है
अच्छी जानकारी ...सर ! नमक की जगह हम नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं ....
~सादर!!!
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